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Tuesday, June 6, 2023

*दिग्विजय चौटाला का पूर्व CM पर पलटवार:बोले- मैं करता हूं जनता के ठाठ की बात; हुड्डा दीपेंद्र की बात कर रहे*

*दिग्विजय चौटाला का पूर्व CM पर पलटवार:बोले- मैं करता हूं जनता के ठाठ की बात; हुड्डा दीपेंद्र की बात कर रहे।*
बोले- मैं करता हूं जनता के ठाठ की बात; हुड्डा दीपेंद्र की बात कर रहे|
जननायक जनता पार्टी (JJP) के प्रधान महासचिव दिग्विजय सिंह चौटाला और पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के बीच जुबानी जंग जारी है। हाल ही में पूर्व सीएम के ठाठ वाले बयान पर दिग्विजय चौटाला ने पलटवार किया है। उन्होंने ने कहा है कि जनता के ठाठ ही लोकतंत्र की असली पहचान होती हैं। लोग अच्छे कार्यों के लिए सरकार को चुनते हैं ताकि जनता को सुविधाएं और लाभ मिले। जबकि पूर्व सीएम अपने पुत्र के ठाठ की बात करते हैं।

दिग्विजय ने कहा कि डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला निरंतर जनसेवा की कारगर नीति बनाने व लोगों के कष्ट के निवारण के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं।

सैलजा को दरकिनार पर दीपेंद्र को संसद भेजा
दिग्विजय ने कहा कि जहां हमारी राजनीति लोगों के ठाठ पर केंद्रित है तो भूपेंद्र हुड्डा की राजनीति खुद के ठाठ पर केंद्रित थी। इसीलिए जनता ने उन्हें सत्ता से बेदखल किया था। हुड्डा खुद के ठाठ के लिए इस कदर तत्पर हैं कि अपने पुत्र को जनता द्वारा नकारे जाने के बावजूद कुमारी सैलजा को दरकिनार करके पिछले दरवाजे से संसद में भेजा।
जनता के ठाठ की योजनाएं हैं हमारे पास
दिग्विजय ने कहा कि जनता के ठाठ की सभी योजनाएं हमारे घोषणा पत्र में थी और सरकार में आने पर उन पर लगातार काम हो रहा है। हमारी सोच है कि प्रदेश के युवाओं को प्राइवेट सेक्टर में 75 प्रतिशत रोजगार का अधिकार मिले, बुजुर्गों को 5100 रुपए बुढ़ापा पेंशन मिले, किसानों को अधिक से अधिक MSP का लाभ और फसल खराबे का मुआवजा सीधे बैंक खाते में मिले। इन सभी मुद्दों का सीधा सरोकार जनता के ठाठ से है।

पेंशन के मुद्दे पर टीस बाकी
दिग्विजय ने कहा कि दुष्यंत चौटाला ने बीते साढ़े 3 साल में इन सभी मुद्दों को अमलीजामा पहनाने के लिए दिन-रात मेहनत की है और अधिक से अधिक मुद्दों को कानूनी रूप से अमलीजामा भी पहनाया है, लेकिन जब तक हमारे सभी मुद्दे प्रभावी ढंग से लागू नहीं हो जाते, तब तक राज के ठाठ नहीं कहा जा सकते।

10 सीटों के बावजूद दुष्यंत चौटाला ने जनता को ज्यादा से ज्यादा ठाठ देने के प्रयास किए हैं, लेकिन पेंशन जैसे मुद्दों पर हमारी टीस स्वाभाविक है। हमारी 46 सीटें होती तो पहली कलम से जनता के पूरे ठाठ सुनिश्चित हो जाते।

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