Breaking

Friday, June 9, 2023

जजपा MLA ने छोड़ी शुगरफेड की चेयरमैनी:रामकरण काला का डिप्टी CM को इस्तीफा; किसानों पर लाठीचार्ज का विरोध, बोले- मेरी सुनवाई नहीं हुई*

*जजपा MLA ने छोड़ी शुगरफेड की चेयरमैनी:रामकरण काला का डिप्टी CM को इस्तीफा; किसानों पर लाठीचार्ज का विरोध, बोले- मेरी सुनवाई नहीं हुई*
शाहबाद मारंकडा विधायक रामकरण काला।
हरियाणा राज्य सरकारी चीनी मिल (शुगरफेड) के चेयरमैन और शाहबाद मारकंडा के JJP विधायक राम करण काला ने चेयरमैन के पद से इस्तीफा दे दिया है। राम करण काला ने अपना इस्तीफा डिप्टी सीएम के पास भेज दिया है। इससे पहले कल राम करण ने किसानों पर लाठीचार्ज करने पर विरोध जताया था। कहा था कि यदि सरकार ने रिहा न किया तो वे अपना इस्तीफा दे देंगे।

वहीं विधायक के इस्तीफे को विपक्षी नेताओं ने राजनीतिक स्टंट कहा है। हरियाणा के पूर्व वित्त मंत्री संपत सिंह का कहना है कि यदि किसी चेयरमैन ने इस्तीफा देना होता है तो वह सीएम के नाम भेजा जाता है। तब स्वीकार किया जाता है। डिप्टी सीएम इसे स्वीकार नहीं कर सकते। यदि डिप्टी सीएम इसे रिकमेंड करके सीएम के पास भेजेंगे, तब स्वीकार हो जाएगा। यह एक राजनीतिक स्टंट है। क्योंकि किसानों के मुद्दे पर जेजेपी विधायक राजनीतिक लाभ लेना चाहते हैं।
राम करण काला ने डिप्टी सीएम को भेजे अपने इस्तीफे में लिखा है कि आपने मुझे हरियाणा राज्य सहकारी चीनी मिल के चेयरमैन पद की जिम्मेदारी सौंपी थी, मैं इसके लिए आपका दिल से धन्यवाद करता हूं। आपने मुझ पर अपना विश्वास जताया।

शाहबाद हलके में सूरजमुखी की फसल बहुत ज्यादा होती है, इस बार किसानों को फसल मंडी में एमएसपी पर बेचने के लिए दिक्कत का सामना करना पड़ा। अब किसानों ने इसके लिए आवाज उठाई और इक्ट्‌ठा हुए। उन पर बर्बरता के साथ लाठियां बरसाई गईं और वाटर कैनन का भी प्रयोग किया गया। जिस कारण बहुत से किसान चोटिल हुए। गंभीर अवस्था में उनको अस्पताल में दाखिल करवाया गया था।

सरकार-किसानों के बीच सहमति के लिए 3 दिन सीएम से मिला
मैं इसकी निंदा करता हूं। मैं लगातार तीन दिन तक सीएम से मिला और इस बात का प्रयास किया कि किसान और सरकार के बीच सहमति बन जाए। एमएसपी पर फसल की खरीद की जा सकती थी, परंतु मेरी सुनवाई नहीं हुई। जिस कारण मैं आहत हूं और हर बार कहता रहा हूं कि किसानों पर लाठियां न चलाएं, किसानों के साथ कोई दुर्घटना न हो।
मैंने बार-बार शासन प्रशासन को इसके लिए कहा, लेकिन फिर भी लाठीचार्ज हुआ और मेरे हलके में मेरे किसान साथियों के समर्थन में अपने चेयरमैन शुगर फेडरेशन हरियाणा के पद से अपना त्याग पत्र आपके समक्ष पेश करता हूं। इस प्रदर्शन के दौरान किसान साथियों पर जो मुकदमे दर्ज किए गए हैं, उन्हें रद्द किया जाए। साथ ही सूरजमुखी की फसल को ज्यादा से ज्यादा खरीदा जाए।

इस्तीफे की कॉपी।
राम करण काला के इस्तीफे के मायने
हरियाणा में भाजपा-जजपा विवाद के कारण गठबंधन में गतिरोध पैदा हो गया। विधायक राम करण काला ने किसान आंदोलन के दौरान अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा नहीं की। वहीं, हरियाणा के विधानसभा चुनाव 2024 में करीब डेढ़ साल शेष रह गया है। ऐसे में विधायक चेयरमैन के पद से इस्तीफा देकर किसानों की सहानुभूति और समर्थन हासिल करना चाहते हैं।

ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में चुनौतियां न पैदा हों। इस्तीफे से JJP भी किसान हितैषी होने की सहानुभूति हासिल करना चाहेगी।

दूसरा किसी भी चेयरमैन को इस्तीफा स्वीकार करने की संवैधानिक पावर सीएम के पास है। इसलिए इस इस्तीफे के मायने नहीं है। यदि डिप्टी सीएम इसे रिकमेंड करके भेजे, तभी यह स्वीकार होगा।

कृष्ण बेदी को हराकर जीते हैं राम करण
शाहबाद मारकंडा के जजपा विधायक राम करण काला पूर्व मंत्री और सीएम के पॉलिटिकल एडवाइजर कृष्ण बेदी को हराकर चुनाव जीते थे। निकाय चुनावों में बेदी का बेटा शाहबाद से चुनाव हार गया। बेदी ने भी अपना इस्तीफा सीएम के पास भेजा हुआ है।

No comments:

Post a Comment