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Saturday, July 8, 2023

वर्ष 2022-23 में विभिन्न स्कीमों में 25 हजार लाभार्थियों को 166 करोड़ रुपये से अधिक की दी गई सब्सिडी - मनोहर लाल

वर्ष 2022-23 में विभिन्न स्कीमों में 25 हजार लाभार्थियों को 166 करोड़ रुपये से अधिक की दी गई सब्सिडी - मनोहर लाल
चंडीगढ़- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में बागवानी क्षेत्र को बढ़ाने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। जीबी सरकार ने वर्ष 2030 तक वर्तमान में कुल फसल क्षेत्र के लगभग 7 प्रतिशत के बागवानी क्षेत्र को 22 लाख एकड़ करने तथा उत्पादन को तीन गुणा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए किसानों को विभिन्न योजनाओं के तहत सब्सिडी प्रदान की जा रही है। वर्ष 2022-23 में बागवानी की विभिन्न स्कीमों के तहत 25 हजार लाभग्राहियों को 166 करोड़ 20 लाख रुपये की सब्सिडी दी गई है।

मुख्यमंत्री आज यहां सीएम की विशेष चर्चा कार्यक्रम के तहत ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सब्जी एवं फल उत्पादक प्रगतिशील किसानों के साथ सीधा संवाद कर रहे थे।
संवाद के दौरान प्रगतिशील किसानों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सही मायने में हरियाणा सरकार किसानों के हित के लिए काम कर रही है। किसानों ने कहा कि राज्य सरकार ने जिस प्रकार की नई नई योजनाएं हमारे लिए चलाई हैं, उससे कृषि लागत में कमी आने के साथ-साथ उपज को बाजार तक पहुंच भी सुनिश्चित हुई है। भावांतर भरपाई योजना, मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना जैसी अनूठी योजनाएं किसानों के लिए लागू करके सरकार ने किसानों को बहुत बड़ी राहत दी है।

संवाद के दौरान मुख्यमंत्री ने रेवाड़ी जिले के प्रगतिशील किसान अजीत सिंह को बैंगन की खेती में अधिक मुनाफा कमाने पर सम्मानित करने के निर्देश दिए हैं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री का एक्शन

संवाद के दौरान फिरोजपुर झिरका के प्रगतिशील किसान आरिफ ने भ्रष्टाचार की शिकायत करते हुए मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि योजना के लाभ के लिए 7000 रुपये की रिश्वत ली गई थी। इस शिकायत पर तुरंत सख्त कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री ने नूंह के फिरोजपुर झिरका ब्लॉक के बागवानी विकास अधिकारी श्याम सिंह को सस्पेंड करने के आदेश दिए।
इसके अलावा, झज्जर जिले के किसान ने मुख्यमंत्री को बताया कि जिले के एचडीओ को बागवानी फसल की भावांतर भरपाई योजना की जानकारी ही नहीं है। इस पर भी मुख्यमंत्री ने तुरंत एक्‍शन लेते हुए एचडीओ सुकराम पाल को लिखित में एक्सप्लेनेशन के आदेश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बागवानी को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने फूड प्रोसेसिंग नीति बनाई है। इस नीति के तहत कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित किया जा रहा है। ऐसे उद्योगों की स्थापना से किसानों को उनकी पैदावार के और अधिक लाभकारी मूल्य मिलेंगे। इस नीति के तहत लगभग 94 करोड़ रुपये की राशि से कुल 33 परियोजनाओं को पूरा किया जा चुका है और लगभग 116 करोड़ रुपये की लागत की 44 अन्य परियोजनाएं स्थापित की जा रही हैं, जो इस वर्ष के अंत तक पूरी हो जाएंगी।
भावांतर भरपाई योजना में 9,485 किसानों को 23 करोड़ रुपये से अधिक की राशि की गई वितरित

हाउस में मिट्टी रहित तैयार की हुई शिमला मिर्च, ककड़ी, टमाटर, खरबूजा और बैंगन की पौध पर 50 प्रतिशत सहायता दे रही है। किसान सब्जी उत्कृष्टता केन्द्र, घरौंडा, हाई टेक ग्रीन हाउस गुरुग्राम और रोहतक और फल उत्कृष्टता केन्द्र, मंगियाना (सिरसा) और एकीकृत बागवानी विकास केन्द्र, पलवल एवं सुंदराह से बुकिंग करके पौध खरीद सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने की किसानों से मधुमक्खी पालन समूह का गठन करने की अपील

मनोहर लाल ने कहा‌ कि प्रदेश में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए इजरायल के सहयोग से रामनगर कुरूक्षेत्र में एकीकृत मधुमक्खी विकास केन्द्र स्थापित किया गया है। यह देश का पहला केन्द्र है। इस केन्द्र में एक शहद व्यापार केन्द्र और शहद प्रसंस्करण, ग्रेडिंग, पैकिंग, ब्रांडिंग की सुविधा भी उपलब्ध है। इतना ही नहीं, केन्द्र पर शहद की गुणवत्ता की जांच के लिए प्रयोगशाला भी स्थापित की गई है। मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील की कि वे मधुमक्खी पालन समूह का गठन करें ताकि ये समूह, विशेषकर शहद एवं इसके उत्पादों को विदेशों में निर्यात कर सकें।
भूमिगत पाइपलाइन स्कीम में 52,193 किसानों को 233 करोड़ रुपये की अनुदान राशि दी गई

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण अभियान में किसान भी योगदान देंगे तो निश्चित तौर पर जल की बचत होगी। बागवानी फसलों की सिंचाई के लिए किसान सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली को ही अपनाएं। इसके अलावा, राज्य सरकार कम पानी से अधिकतम सिंचाई के लिए भूमिगत पाइपलाइन स्कीम भी चला रही है। इस योजना के तहत किसानों को 10,000 रुपये प्रति एकड़, अधिकतम 60,000 रुपये प्रति किसान अनुदान राशि दी जा रही है। इस योजना के तहत अब तक 52,193 किसानों को 233 करोड़ रुपये की राशि अनुदान के रूप में दी गई। इसके अलावा, जल शक्ति अभियान के तहत बागवानी फसलों की सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली से सिंचाई के लिए व्यक्तिगत जल संग्रहण तालाबों के निर्माण पर अनुदान सीमा 75 हजार से बढ़ाकर 7 लाख रुपये तक कर दी गई है ।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डीएस ढेसी, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधीर राजपाल, बागवानी विभाग के महानिदेशक डॉ. अर्जुन सैनी, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार श्री अमित आर्य और सूचना, लोक संपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त निदेशक (प्रशासन) श्री गौरव गुप्ता उपस्थित रहे।

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