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Thursday, July 20, 2023

यमुना नदी पर बांध बनाएगा हरियाणा:हथिनी कुंड बैराज से 500 मीटर पीछे बने

यमुना नदी पर बांध बनाएगा हरियाणा:हथिनी कुंड बैराज से 500 मीटर पीछे बनेगा; हिमाचल का लेगा साथ, जल्द मिलेंगे दोनों CM
हरियाणा यमुना नदी पर अप स्ट्रीम बांध बनाएगा। इसके लिए हथिनी कुंड बैराज से 500 मीटर पीछे जगह का सर्वे किया जा चुका है। इस अहम योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए जल्द ही हरियाणा के सीएम मनोहर लाल और हिमाचल प्रदेश के CM सुखविंदर सिंह सुक्खू मीटिंग करेंगे। हरियाणा CM ने खुद इस योजना की पुष्टि की है।

सीएम ने बताया है कि राज्य सरकार यमुनानगर जिले में हथिनी कुंड बैराज के पीछे एक बांध बनाने के प्रस्ताव पर सक्रिय रूप से विचार कर रही है।
बांध के निर्माण से ये होगा फायदा
हरियाणा-हिमाचल मिलकर यदि इस बांध परियोजना पर काम करते हैं तो दोनों राज्यों को काफी फायदा होगा। बांध के निर्माण से सिंचाई की दिक्कत दूर, जलस्तर में सुधार और बाढ़ का पानी दिल्ली, यूपी व प्रदेश के जिलों में तबाही नहीं मचाएगा।
मानसून सीजन को छोड़कर पूरे साल यमुना नदी में पानी की कमी रहती। लाखों क्यूसेक पानी बरसाती मौसम में तबाही मचाता हुआ दिल्ली से आगे निकल जाता है। बांध को सरकार हरियाणा बजट में शामिल कर चुकी है।

बांध के निर्माण से सिंचाई कीदिक्कत दूर, जलस्तर में सुधार और बाढ़ का पानी दिल्ली, यूपी व प्रदेश के जिलों में तबाही नहीं मचाएगा।

हिमाचल से हरियाणा ने मांगी NOC
सर्वे व अन्य प्रक्रिया के बाद सीएम मनोहर लाल के सामने परियोजना की प्रेजेंटेशन दी जा चुकी है। केंद्रीय जल आयोग के नियमों के तहत बांध के पानी का वितरण व निर्माण होगा। इसके लिए हिमाचल प्रदेश को NOC के लिए पत्र लिखा हुआ है। अनुमति नहीं पाई। सहमति मिलने पर ही इस पर आगे काम होगा।
CM कर चुके हवाई सर्वे
हथिनी कुंड बैराज के अप स्ट्रीम पर बांध की परियोजना के लिए सीएम मनोहर लाल अप्रैल 2020 में हेलीकॉप्टर से क्षेत्र का दौरा किया था। हथिनी कुंड बैराज से करीब सात किमी ऊपर वाटर स्टोरेज डैम बनाने की योजना है। बरसात के मौसम में यमुना नदी के पानी को इसमें रोका जा सकता। इस पानी का उपयोग सिंचाई के लिए किया जा सकता है और लोगों को बाढ़ से बचाया जा सकेगा। यह यमुना नदी पर पहला वाटर स्टोरेज डैम नहीं है।

हरियाणा के 3 जिलों से होकर दिल्ली पहुंचती है यमुना
वर्तमान में यमुना नदी में एक लाख क्यूसेक जल बहाव होने पर पूर्वी व पश्चिमी नहरों की सप्लाई रोक दी जाती है ताकि शिल्ट, पत्थर व जंगल से आने वाली लक्कड़ से नहर को नुकसान न हो।
बाढ़ का पानी जिले से तबाही मचाते हुए करनाल, पानीपत, सोनीपत से दिल्ली में प्रवेश करता है। यमुना नदी की दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के जिला सहारनपुर, शामली, बागपत सहित अन्य जिलों में पानी से भारी नुकसान होता है।

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