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Thursday, August 17, 2023

श्रेष्ठ और समर्थ भविष्य के लिए ऊर्जा का संरक्षण आवश्यक - दुष्यंत चौटाला

श्रेष्ठ और समर्थ भविष्य के लिए ऊर्जा का संरक्षण आवश्यक - दुष्यंत चौटाला
चंडीगढ़ , 17 अगस्त - हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि समाज की भलाई एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए हरित प्रथाओं के उपयोग पर ध्यान देना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हरित ऊर्जा ही वह बेहतर विकल्प है जो भारत में सतत विकास को गति दे सकती है । भारत हरित विकास और ऊर्जा क्षेत्र में परिवर्तन की दिशा में उल्लेखनीय प्रयास कर रहा है।

उपमुख्यमंत्री वीरवार को गुरुग्राम के गुरुग्राम विश्वविद्यालय में  “व्यापार की पुनर्कल्पना: प्रौद्योगिकी एवं हरित प्रथाओं का उपयोग” विषय पर दो दिवसीय संयुक्त अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के शुभारंभ सत्र को संबोधित कर रहे थे।

 दो दिनों तक चलने वाले इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य विचारों, प्रौद्योगिकियों , रणनीतियों और  हरित प्रथाओं को गति प्रदान करना है जो आधुनिक युग में पर्यावरण संरक्षण हेतु व्यवसायों के संचालन के तरीके को नया आकार दे सके ।

उपमुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में इलेक्ट्रिक कारों, सोलर लाइटें, आईटी उद्योग के महत्व पर भी प्रकाश डालते हुए कहा कि व्यवसाय, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण चेतना के क्षेत्र एक-दूसरे के साथ जटिल रूप से जुड़े हुए हैं। आज हमारे बिजनेस मॉडल में नई प्रौद्योगिकियों का एकीकरण अब कोई विकल्प नहीं रह गया है , यह एक अनिवार्यता है। उन्होंने श्रेष्ठ और समर्थ भविष्य के लिए ऊर्जा के संरक्षण को आवश्यक बताते हुए कहा कि आज हरियाणा प्रदेश देश की श्रेष्ठ इलेक्ट्रिक व्हीकल पालिसी के तहत इस दिशा में आगे बढ़ रहा है।

उपमुख्यमंत्री ने गुरुग्राम स्थित ऊर्जा और संसाधन संस्थान (टेरी) का उल्लेख करते हुए कहा यह संस्था हरित ऊर्जा को बनाए रखने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।आज भारत में बहुत ही ऐसी निजी व सरकार द्वारा पोषित संस्थाएं हैं जो हरित ऊर्जा जैसे विषयों पर शोध कर रही हैं। ऐसे में हमें हमारे विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में हरित ऊर्जा जैसे विषयों को भी प्राथमिकता देनी होगी। उन्होंने कहा कि हरित ऊर्जा की लागत को उस स्तर तक कम किया जाना चाहिए जो प्रत्येक व्यक्ति के उपयोग के लिए उपलब्ध हो।
 
श्री दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा के उचाना क्षेत्र के गांव गुरुकुल खेड़ा का जिक्र करते हुए कहा कि इस वर्ष नवंबर माह के अंत तक यह गांव पूरी तरह से प्रदेश का पहला सोलर विलेज होगा। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा सिस्टम लगने के बाद घरों में सोलर के जरिए ही बिजली की सप्लाई होगी और गांव बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बन जाएगा। उन्होंने अपने संबोधन में जीयू  द्वारा आयोजित कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि व्यवसाय विकास, नई तकनीक, और विशेष रूप से हरित प्रथाओं जैसे विषय केवल चर्चा के विषय नहीं हैं बल्कि ये ऐसे स्तंभ हैं जिन पर प्रगति, स्थिरता और नवाचार की इमारत टिकी हुई है।

कार्यक्रम में  गुरुग्राम विवि. के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता पर भी प्रकाश डाला।

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