झारखंड : झारखंड में हुए जमीन घोटाले में पूछताछ के लिए ईडी के अधिकारी राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बार-बार समन भेज रहे थे, लेकिन वो पेश नहीं हो रहे थे। सीएम हेमंत सोरेन ने 31 जनवरी को पूछताछ के लिए ईडी अधिकारियों को वक्त दिया। उनसे पूछताछ के लिए ईडी के अधिकारी मुख्यमंत्री आवास पहुंचे तो कयास लग रहे थे कि ईडी उन्हें गिरफ्तार कर लेगी।
हालांकि पूछताछ खत्म होती और गिरफ्तारी की नौबत आती, उससे पहले ही हेमंत सोरेन ने वो कानूनी दांव चल दिया, जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। इसका नतीजा ये हुआ कि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से पहले ईडी अधिकारियों के ही गिरफ्तार होने की नौबत आ गई है।
हेमंत सोरेन ने रांची के एससी-एसटी पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर इंचार्ज से ईडी के चार अधिकारियों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में नामजद शिकायत दर्ज करवाई है। हेमंत सोरेन ने अपनी शिकायत में ईडी के चार अधिकारी कपिल राज, देवव्रत झा, अनुपम कुमार और अमन पटेल के अलावा अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, ''जब मैं रांची आया तो मैंने इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल और प्रिंट मीडिया में खबर देखी कि ईडी के इन सभी अधिकारियों ने मुझे और मेरी पूरी कम्युनिटी को परेशान करने के लिए और छवि खराब करने के लिए दिल्ली के झारखंड भवन और नई दिल्ली के 5 बटा 1 शांति निकेतन में सर्च ऑपरेशन चलाया है.''
सीएम हेमंत सोरेन ने आगे लिखा, ''27 और 28 जनवरी को मैं दिल्ली के शांति निकेतन के 50 बटा 1 में गया था, जिसे झारखंड सरकार ने लीज पर ले रखा है। 29 जनवरी को मुझे पता चला कि मुझे बिना नोटिस दिए उस घर में सर्च ऑपरेशन किया गया है, जबकि मैं भी उस वक्त वहां मौजूद नहीं था। मुझे 29 जनवरी और 31 जनवरी को रांची में उन अधिकारियों के सामने मौजूद रहना था.''
हेमंत सोरेन के घर से कैश और बीएमडब्ल्यू कार जब्त होने की जो खबर सामने आई थी, शिकायत में उसका भी जिक्र है. हेमंत सोरेन ने लिखा, ''वो बीएमडब्ल्यू कार मेरी नहीं है, न ही वो पैसा मेरा है। ईडी के अधिकारी जो न तो शेड्यूल कास्ट के हैं और न ही शेड्यूल ट्राइब के उन्होंने मुझे प्रताड़ित करने के लिए ये सब किया है.''
सीएम हेमंत सोरेन की इस शिकायत पर 31 जनवरी को ही एससी-एसटी एक्ट में केस दर्ज कर लिया गया है, जिसका केस नंबर 6 बटा 24 है. सब इंस्पेक्टर दीपक कुमार राय को इस केस का जांच अधिकारी भी नियुक्त कर दिया गया है। अब इसकी वजह से ईडी के उन चार अधिकारियों कपिल राज, देवव्रत झा, अनुपम कुमार और अमन पटेल पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है, जो हेमंत सोरेन से पूछताछ कर रहे हैं, क्योंकि एससी-एसटी एक्ट केस कहता है कि केस दर्ज होने के तुरंत बाद आरोपियों की गिरफ्तारी होती है और तब मामले में पूछताछ या फिर जांच की आगे की कार्रवाई की जाती है।
ऐसे में अब ये होगा कि अगर ईडी के अधिकारी हेमंत सोरेन को गिरफ्तार करते हैं तो फिर झारखंड पुलिस उन अधिकारियों को भी एससी-एसटी एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लेगी और अगर ईडी के अधिकारी हेमंत सोरेन को गिरफ्तार करने के बाद फोर्स लगाकर निकल भी जाते हैं तो फिर झारखंड की पुलिस उन सभी अधिकारियों को भगोड़ा घोषित कर देगी। ऐसे में हेमंत सोरेन का एससी-एसटी एक्ट वाला ये दांव शायद उन्हें गिरफ्तारी से बचा सकता है।
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