युनिवर्सिटी के प्रथम वीसी रहे मुख्यातिथि
जींद; चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय ने बुधवार को 11वीं वर्षगांठ मनाई। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्यअतिथि के रूप में प्रथम कुलपति मेजर जनरल डा. रणजीत सिंह रहे। विश्वविद्यालय के कुलपति डा. रणपाल ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कर्मचारियों तथा विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय में मुख्य गतिविधियों के अंतर्गत हवन, यज्ञ, वृक्षारोपण, विश्वविद्यालय में स्थापित स्वतंत्रता सेनानी चौधरी रणबीर सिंह व शहीद कैप्टन पवन कुमार की प्रतिमा पर भी माल्यार्पण और पुष्पांजलि की गई और नतमस्तक हो उनकी कुर्बानी को स्मरण किया गया। कुलपति डा. रणपाल सिंह ने कहा कि चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय ने अल्प समय में शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा मुकाम हासिल किया है। विश्वविद्यालय के छात्र, छात्राएं देशभर में अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि विद्यार्थी को अपने समय का सदुपयोग एवं दिशा निर्धारित करके जीवन में आगे बढऩा चाहिए। विद्यार्थी जीवन में की गई तपस्या जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में काम आती है। ज्ञान एवं शिक्षा परिवर्तन के व्यापक माध्यम हैं। प्रथम कुलपति मेजर जनरल डा. रणजीत सिंह ने कहा कि भविष्य में विश्वविद्यालय को तरक्की और उन्नति के रास्ते पर आगे बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय को गांव के तरफ लौटना होगाए तभी समाज उसका लाभ उठा सकता है। छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि विद्यार्थी अपने जीवन में जो भी कार्य करते हैं उसे पूरी निष्ठा व ईमानदारी के साथ करें। प्रथम देश है, देश होगा तो हम होंगे। विश्वविद्यालय शिक्षाए संस्कृतिए खेल की नींव होती हैए विश्वविद्यालय में शिक्षाए सांस्कृतिक कार्यक्रमए खेल दिख रहा है, आगे अपने कार्यकाल के दौरान किये गये कार्यों व अपने पलों को याद करके भावुक हो गए। यह विश्वविद्यालय पौधे से पेड़ बनने की ओर अग्रसर है। इस अवसर पर सभी छात्रोंए अध्यापकों को बधाई भी दी। प्रो. एसके सिन्हा ने विश्वविद्यालय के 11 साल में शिक्षा के क्षेत्र में योगदान, उपलब्धियों के बारे में बताया। कुलसचिव प्रो. लवलीन मोहन ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया तथा मंच संचालन डा. कविता ने किया। दिनभर चले स्थापना दिवस समारोह का सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ समापन हुआ।
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