कवि पृथ्वी सिंह बैनीवाल के पर्यावरणीय दोहा संग्रह 'विनाश की आहट' का विमोचन दिल्ली के प्रगति मैदान में
हिसार : 01 फरवरी से 09 फरवरी तक आयोजित होने वाले विश्व पुस्तक मेले में इंक पब्लिकेशन, प्रयागराज के स्टॉल पर किया जाएगा।
प्रकाशक दिनेश कुशवाहा ने पुस्तक बारे जानकारी देते हुए कहा, 'विनाश की आहट' दोहा संग्रह में पर्यावरण से जुड़े सैकड़ों दोहे शामिल हैं, जो मानव द्वारा किए जा रहे पर्यावरणीय क्षरण को बेहद संवेदनशीलता और गहराई से प्रस्तुत करते हैं। यह संग्रह न केवल पर्यावरण की चुनौतियों को उजागर करता है, बल्कि उसकी रक्षा के लिए प्रेरणा भी देता है।" उन्होंने कहा कि कवि पृथ्वी सिंह बैनीवाल हिंदी साहित्य में एक प्रतिष्ठित नाम हैं। उनकी कृतियां सदैव पाठकों को गहराई से प्रभावित करती हैं।
गौरतलब है कि कवि पृथ्वी सिंह बैनीवाल पिछले 40 वर्षों से हिंदी साहित्य की सेवा में सक्रिय हैं। उनकी 15 से अधिक पुस्तकें लिखित और संपादित हो चुकी हैं, जबकि 20 से अधिक साझा संकलन प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अलावा, उनकी 2000 से अधिक कविताएं, कहानियां और 200 से अधिक आलेख विभिन्न शोध पुस्तकों, समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं।
कवि बैनीवाल को उनके साहित्यिक और सामाजिक कार्यों के चलते भारत गौरव अवार्ड, लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड, हरियाणा गरिमा अवार्ड, कलम वीर सम्मान, और सर्वश्रेष्ठ सृजन सम्मान जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
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