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Monday, February 3, 2025

चालक और परिचालक की मनमानी बस यात्रियों पर भारी,टिकट काटी दिल्ली आईएसबीटी की, उतार दिया बहादुरगढ़न लौटाए टिकट के पैसे वापस, बढ़ी परेशानी

चालक और परिचालक की मनमानी बस यात्रियों पर भारी
टिकट काटी दिल्ली आईएसबीटी की, उतार दिया बहादुरगढ़
न लौटाए टिकट के पैसे वापस, बढ़ी परेशानी
जींद : रोडवेज बस यात्री एवं भूतपूर्व सैनिक ने जींद डिपो के महाप्रबंधक को शिकायत लिख कर चालक और परिचालक पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। 
हाउसिंग बोर्ड कालोनी निवासी भूतपूर्व सैनिक सुरेश कुमार ने महाप्रबंधक को दी शिकायत में बताया कि वह तथा उसका बेटा एक फरवरी को जींद बस स्टैंड से सुबह पांच बजकर दस मिनट पर बस में बैठे थे और उन्होंने दो टिकट मुंडका की मांगी तो परिचालक ने दिल्ली आईएसबीटी की दो टिकट दे दी लेकिन जब बस 8:15 पर बहादुरगढ़ बस स्टैंड पर पहुंची तो दिल्ली जाने से मना कर दिया गया और उन्हें बहादुरगढ़ बस स्टैंड पर ही उतार दिया गया। सुरेश कुमार ने कहा कि अगर बस को दिल्ली नही ले जाना था तो टिकट दिल्ली की नही देनी चाहिए थी। वो रोहतक से दिल्ली के लिए बस बदल लेते। जब इस बारे में परिचालक से बातचीत की और बताया कि वो जींद से बैठे हैं और उनकी टिकट भी दिल्ली आईएसबीटी की बनी है और उन्हें मुंडका जाना है। परिचालक ने कहा कि आपको दूसरी बस में बैठा दिया जाएगा लेकिन सवा दस बजे तक कोई बस नही मिली। मजबूरी में बहादुरगढ़ बस स्टैंड से मैट्रो स्टेशन तक ऑटो में जाना पड़ा और फिर मैट्रो से मुंडका तक जाना पड़ा। मुझे और मेरे बच्चे को घुटनों के ईलाज के लिए जाना था और दिल्ली आईएसबीटी की टिकट होते हुए भी हमें बहादुरगढ़ बस स्टैंड पर ही उतार दिया गया। जिस कारण से घुटनों में दर्द होने के बाद भी हमें मैट्रो स्टेशन की सीढिय़ों से चढऩा और उतरना पड़ा। ऑटो तथा मैट्रो का किराया भी देना पड़ा और परिचालक ने बहादुरगढ़ से दिल्ली का दो टिकटों का किराया भी वापस नही किया।
सुरेश कुमार ने बताया कि रोहतक से भी कुछ सवारी दिल्ली के लिए बैठी थी लेकिन कंडक्टर ने उनको दिल्ली की टिकट नही दी। जिस पर एक सवारी ने एतराज भी किया कि बस पर बोर्ड दिल्ली का लगा है, फिर दिल्ली की टिकट क्यों नही दे रहे हैं। जिस कारण से कंडक्टर और सवारी के बीच कहा सुनी हो गई थी और उसी समय ड्राइवर ने बस को रोड के बीच में ही बंद कर दिया था। बहुत ज्यादा कोहरा था और रोड के बीच में बस बंद करना एक्सीडेंट का कारण हो सकता था। बस में बैठे एक बच्चे को परीक्षा देने के लिए दिल्ली से भी आगे जाना था और बस बंद कर देने से उसको देरी हो रही थी। कुछ सवारियों को मैट्रो स्टेशन जाना था लेकिन ड्राइवर और कंडक्टर ने कहा कि बस मैट्रो स्टेशन नही जाएगी। जबकि सुबह-सुबह ट्रैफिक नही होती और सवारियों को मैट्रो स्टेशन छोड़ा जा सकता था। चालक और परिचालक की ऐसी मनमानी हरियाणा रोडवेज के बस यात्रियों पर भारी पड़ रही है। सुरेश कुमार ने कहा कि सभी चालक और परिचालक को निर्देश दिए जाएं कि जहां की टिकट बनाई है, वहां तक बस को लेकर जाए या फिर वहां की टिकट ही ना बनाई जाए ताकि यात्री उस बस में बैठे ही नही। सवारियों को गंतव्य स्थान तक पहुंचाने में चालक और परिचालक मदद करें। क्योंकि हर सवारी को कोई न कोई मजबूरी या जरूरत गंतव्य तक पहुंचने की होती है। 
जींद डिपो के महाप्रबंधक राहुल जैन ने कहा कि फिलहाल इस मामले में कोई शिकायत नही मिली है। शिकायत मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी।

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