क्लास रेडीनेस कार्यक्रम के तहत चल रही गतिविधियों का शिक्षकों को रखना होगा रिकार्ड
कक्षाओं में प्रिंट रीच और टीएलएम गतिविधियों का अवलोकन करना होगा
बाल वाटिका से लेकर पांचवीं कक्षा तक के विद्यार्थी सीख रहे खेल-खेल में शिक्षण गतिविधियां
जींद : राजकीय स्कूलों में क्लास रेडीनेस कार्यक्रम के तहत चल रही गतिविधियों का शिक्षकों को रिकॉर्ड रखना होगा। वहीं कक्षाओं में प्रिंट रीच और टीएलएम गतिविधियों का अवलोकन करना होगा। पिछले दिनों एडीसी विवेक आर्य की अध्यक्षता में क्लास रेडीनेस कार्यक्रम की समीक्षा को लेकर लघु सचिवालय परिसर के सभागार में बैठक हुई थी। समीक्षा बैठक के बाद जिला मौलिक शिक्षाा अधिकारी ने शिक्षकों को क्लास रेडीनेस कार्यक्रम के तहत चल रही गतिविधियों और कक्षा अवलोकन का रिकॉर्ड रखने के निर्देश दिए हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षण निति के तहत शिक्षा विभाग बच्चों को 42 दिवसीय क्लास रेडीनेस कार्यक्रम के जरिये खेल-खेल में प्रभावशाली शिक्षण गतिविधियां करवाई जा रही हैं। इसमें बाल वाटिका से लेकर पांचवीं कक्षा तक के विद्यार्थी भाग ले रहे है। यह कार्यक्रम 23 मई तक चलेगा। इस दौरान शिक्षक विद्यार्थियों को विभिन्न गतिविधि आधारित भाषा और अंक दक्षता के बारे में जानकारी देंगे। शिक्षक रोजाना खेल-खेल में कविता गान, कहानी सुनाना, मिट्टी पर उंगलियों से आकृति बना कर बच्चों को प्रशिक्षित करेंगे। इसके साथ बच्चों को रस्सी कूदना भी सिखाया जाएगा। विद्यालय में बच्चों से सीखी गई गतिविधियों के बारे में पूछा जाएगा। कार्यक्रम के अंतिम सप्ताह में अभिभावकों की बैठक लेकर उन्हें बच्चों की प्रगति की जानकारी दी जाएगी। शिक्षा विभाग का मानना है कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को पहली कक्षा में आने से पहले उनके बुनियादी कौशल विकसित करना और उन्हें स्कूल के वातावरण में सहज बनाना है। क्लास रेडीनेस प्रोग्राम कार्यक्रम बच्चों में साक्षरता, पढऩे और लिखने की क्षमताए गणितए संख्याओं और गणना की समझ, सामाजिक और भावनात्मक कौशल का विकास करता है। यह कार्यक्रम बच्चों को खेल-खेल में सीखने के तरीके सिखाता है ताकि वे स्कूल के माहौल से सहज हो सकें और किसी भी तरह का डर या संकोच नहीं हो। क्लास रेडीनेस प्रोग्राम के अवलोकन के लिए सभी एबीआरसी, बीआरपी, सीआरसी और खंड शिक्षा अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है कि वे अपने खंड के सभी क्लस्टर के सभी प्राथमिक विद्यालयों का अवलोकन करें।
विद्यार्थियों के सीखने का आधार करना है मजबूत
एफ एलएन जिला समन्वयक राजेश वशिष्ठ ने बताया कि बच्चों को विभागीय समय सारिणी द्वारा निर्धारित समय में अलग-अलग गतिविधियों से सीखाने का कार्य करवाया जाएगा। जिसका उद्देश बच्चों को समझ के साथ पढऩा आना है। इसमें अभिभावकों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। क्लास रेडीनेस के तहत चल रही विभिन्न गतिविधियों और अवलोकन का रिकॉर्ड शिक्षकों को रखना होगा। बाल मनोविज्ञान के दृष्टिकोण से 80 प्रतिशत दिमाग का विकास छह वर्ष की आयु तक हो जाता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए प्राथमिक कक्षाओं के विद्यार्थियों का सीखने का आधार विकसित करना बहुत जरूरी है।
No comments:
Post a Comment