मन्जु रेढू ने मां को अपना प्रथम और आखिरी गुरू बताया
जींद : आज गुरू पूर्णिमा पर्व पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद ने अन्न क्षेत्र पालिका बाजार जीन्द में आयोजन किया। प्रांतीय संगठन मन्त्री डॉक्टर जगदीप राही, प्रान्तीय उपाध्यक्ष डॉक्टर मन्जु रेढू, प्रसार मन्त्री डॉक्टर शिवनीत रेढू विशेष रूप से उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि के रूप में अन्न क्षेत्र संरक्षक महेश मंगला रहे। इकाई अध्यक्षा मन्जु मानव ने सभी को सम्मान रूप में अंग वस्त्र भेंट किए और कोषाध्यक्ष हिमानी गुप्ता ने तिलक लगाकर सबका स्वागत किया। संचालन डॉक्टर पूनम बिढान का रहा। महामन्त्री ने मन को गुरू मान गीत मय भाव सुरीले कंठ से रखे। अनिता शर्मा ने गुरू की महिमा रूप में भाव अर्पण किए। डॉक्टर जगदीप राही ने कहा कि गुरू के बिना जीवन निरर्थक है । हमें गुरू रूप में दायित्व निभाते हुए आने वाली पीढ़ी को सम्बल देना है । मुख्य अतिथि महेश सिंगला ने कहा विदेशी हमारे हिन्दू धर्म को ग्रहण कर रहें है और हमारा समाज जातिवाद में खोकर अपने धर्म से दूर जा रहा है। डॉक्टर शिवनीत ने अपने माता पिता को गुरू रूप मानते हुए महिमा बखान की । अध्यक्षता करते हुए डॉक्टर मन्जु रेढू ने मां को अपना प्रथम और आखिरी गुरू बताया। और 12-13 जुलाई को पानीपत में होने वाले प्रान्तीय सम्मेलन की जानकारी दी। इकाई अध्यक्षा मन्जु मानव ने कहा कि वक्त सबसे बड़ा गुरू है जो जीवन भर सिखाता है। गीत रूप में भाव रखे "तुम शोहरतो पे अपनी मगरूर हो न जाना, जिनकी है ये दुआए उनको न भूल जाना "
पूनम ने गुरू के प्रेम को समर्पित गीत मय भाव रखे। अंत में मन्जु मानव ने सभी का आभार प्रकट किया।
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