नरेंद्र कुमार को मिला “जियालाल स्मृति साहित्य -रत्न सम्मान ”
हिंदी साहित्य प्रेरक संस्था के 65वें स्थापना दिवस पर हुआ भव्य अलंकार समारोह
जींद : हिंदी साहित्य प्रेरक संस्था के 65वें स्थापना दिवस पर भव्य अलंकरण समारोह का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. धर्मदेव विद्यार्थी, निदेशक – हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के करकमलों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ। कार्यक्रम में देश-विदेश के विभिन्न साहित्यकारों की उपस्थिति रही।
संस्था द्वारा कवि एवं साहित्यकार नरेंद्र कुमार ‘बाबा_अनजान’ को प्रतिष्ठित “जियालाल स्मृति साहित्य -रत्न सम्मान ” से अलंकृत किया गया। उन्हें यह सम्मान अपनी पुस्तक हरफ़ों की दुनिया के लिए प्रदान किया गया। इस पुस्तक का प्रकाशन सोल एंड स्पिरिट आर्ट सोसाइटी द्वारा किया गया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉक्टर धर्मदेव विद्यार्थी ने ‘बाबा_अनजान’ को सम्मान-चिह्न प्रदान करते हुए कहा कि उनकी रचनाएँ मानवीय संवेदनाओं और रूहानियत का जीवंत प्रतिरूप हैं। ऐसा सृजन समाज के अंतर्मन को आलोकित करता है। इस अवसर पर संस्था की अध्यक्षा श्रीमती शकुंतला काजल “शकून” जी उपस्थिति रही।
सम्मान प्राप्ति पर ‘बाबा_अनजान’ ने कहा कि यह सम्मान मेरे लिए केवल उपलब्धि नहीं, बल्कि एक भावनात्मक संकल्प है। उन्होंने संस्था के स्नेह, आदर और विश्वास के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम के अंत में संस्था की ओर से सभी उपस्थित साहित्यकारों का अभिनंदन किया गया और हिंदी साहित्य के संवर्धन, संरक्षण एवं प्रेरणा के लिए नए संकल्प लिए गए।
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