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Monday, October 6, 2025

...आइएमटी का विरोध , सरकार का सहमति का दावा पूरी तरह खोखला ओर झूठा, जिसकी वजह से सारी भ्रांतियां फैली : सुशील

...आइएमटी का विरोध
सरकार का सहमति का दावा पूरी तरह खोखला ओर झूठा, जिसकी वजह से सारी भ्रांतियां फैली : सुशील
किसानों ने बैठक में किसी भी कीमत पर जमीन नहीं देने का किया ऐलान
जींद : आइएमटी के विरोध में रविवार को नगूरां गांव के भूटटेश्वर मंदिर में जमीन बचाओ संघर्ष समिति के 12 गांवों के कार्यकारिणी सदस्यों द्वारा एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता प्रधान धर्मपाल खटकड़ ने की। इस दौरान बैठक में सभी को एकजुट रहने की अपील की और किसी भी कीमत पर जमीन न देने की बात दोहराई। जिसमें सभी ने सहमति जताई। रोहतास मांडी ने कहा कि एग्रीगेटर ने जो गलती की है वो माफ ी लायक नहीं है, इसलिए उस पर हर हाल में मुकदमा दर्ज होना चाहिए। काफी देर विचार-विमर्श के बाद आगामी निर्णयों का फैसला कार्डिनेटरों पर छोड़ दिया गया। कार्डिनेटर रविंद्र हसनपुर ने सुझाव दिया की सरकार एक कदम पीछे हटी है, इसलिए किसान भी एक कदम पीछे हटने को तैयार हैं। इसलिए थाने के घेराव का फैंसला दिवाली तक स्थगित किया गया है, हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया की एग्रीगेटर के खिलाफ  कार्रवाई बनती है उससे सजा हर हाल में मिलनी चाहिए। जिसके लिए जिला प्रशासन को थोड़ी मोहल्लत ओर देते हैं। कार्डिनेटर सुशील नरवाल ने कहा कि सरकार ने अपनी गलती स्वीकारी है और इसमें भी कोई संदेह नहीं है कि सरकार दोबारा नए सिरे से नई प्लानिंग कर के किसानों की जमीन हथियाने का प्रयास करेगी। हमें सरकार की किसी भी बात पर भरोसा नहीं है, क्योंकि सरकार एक बार पहले भी 35 हजार एकड़ में से 30 हजार एकड़ पर सहमति का दावा कर चुकी है जो पूरी तरह खोखला ओर झूठा था। जिसकी वजह से सारी भ्रांतियां फैली। सरकार ने आज तक भी पालिसी पब्लिक डोमेन में नहीं डाली। जिसके तहत वे जमीन लेना चाहते हैं । उन्होंने कहा कि उपायुक्त जींंद ने जो बयान दिया है कि हम पहले किसानों की सहमति मांगेगे और रेट भरवाए जाएंगे, लेकिन दूसरी तरफ  सरकार कोई भी अपना रेट नहीं बता पा रही तो क्या इस तरह की सहमति को सहमति माना जा सकता है। जिसके लिए नौ अक्टूबर को किसानों का 20 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त जींद से मिलेगा और पालिसी की हार्ड कापी की मांग करेगा और अन्य विषयों पर चर्चा करेगा। कार्डिनेटर प्रताप नबंरदार ने कहा कि उपायुक्त जींद से मिलने तथा पालिसी की हार्ड कापी लेने के बाद उसे कानून विशेषज्ञ से पढ़वाया जाएगा व अन्य पहलुओं पर चर्चा की जाएगी और किसानों की जमीन किसी भी कीमत पर कार्पोरेट घरानों के हाथों में नहीं जाने दी जाएगी। अगर सरकार पीछे  नहीं हटती है तो आंदोलन ओर तेज किया जाएगा। इस अवसर पर सुदेश नगूरां, राजेश, सोनू, राकेश, रमेश, राजाराम, करतार गोहियां, सत्ता, दलीप अलेवा, जसमत, राकेश, चांद, दीपक, सुभाष के अलावा काफी संख्या में कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित थे।

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