हरियाणा IPS सुसाइड, रोहतक SP को खापों का समर्थनः प्रतिनिधि बोले- जातिवाद के चश्मे से न देखे सरकार; सुबह ही पद से हटाया गया।
चंडीगढ़ : हरियाणा में रोहतक के पूर्व एसपी IPS नरेंद्र बिजारणिया के समर्थन में खाप प्रतिनिधि उतर आए हैं। शनिवार को विभिन्न खापों के प्रतिनिधि व सामाजिक संगठनों के सदस्यों की पंचायत मानसरोवर पार्क में हुई। इसमें खाप ने IPS पूरन सिंह की मृत्यु पर शोक प्रकट किया। साथ ही IPS नरेंद्र बिजारणिया के खिलाफ हुई कार्रवाई का विरोध भी किया। पंचायत में निर्णय लिया गया कि रविवार सुबह 11 बजे डीसी को ज्ञापन दिया जाएगा।
खाप प्रतिनिधियों ने कहा कि IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार की असमय मृत्यु अफसोसजनक है। सभी की संवेदनाएं पीड़ित परिवार के साथ हैं और उन्हें इंसाफ मिलना चाहिए। लेकिन सरकार से आग्रह किया कि जातिवाद के चश्मे से इस मामले को न देखे। सिर्फ IPS नरेंद्र बिजारणिया जैसे ईमानदार अधिकारी पर एकतरफा कार्रवाई करना ठीक नहीं है। मामले की उच्च स्तरीय जांच कर इंसाफ मिलना चाहिए।
*सामाजिक ताने-बाने को खराब करने का प्रयास हो रहा*
खाप प्रतिनिधियों ने कहा कि IPS नरेंद्र बिजारणिया पर एकतरफा कार्रवाई कर सामाजिक ताने-बाने को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। इस मामले में दोषी बख्शे नहीं जाने चाहिए, लेकिन निर्दोष को न फंसाया जाए। समाज के भाईचारे को तोड़ने का प्रयास न करें और सरकार निष्पक्ष जांच करे।
*अधिकारी हर जाति का, भेदभाव न करें*
अहलावत खाप के प्रधान जयसिंह अहलावत ने कहा कि सभी लोग ईमानदार अधिकारी के लिए एकत्रित हुए हैं। जात-पात का जहर फैलाया जा रहा है, जो समाज के लिए घातक है। IPS नरेंद्र बिजारणिया ने अच्छे काम व निष्पक्ष तरीके से किए हैं। अधिकारी हर जाति का होता है। हमें जात-पात में नहीं बंटना चाहिए। इस मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
*राजनीतिक दबाव में नहीं होना चाहिए काम*
इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष व छात्र नेता प्रदीप देशवाल ने कहा कि IPS वाई पूरन कुमार ने जो सुसाइड किया, उस मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। किसी दबाव व राजनीतिक दबाव में काम नहीं होना चाहिए। कोई भी निर्दोष अधिकारी व कर्मचारी बलि का बकरा न बनाया जाए। पूरा समाज पीड़ित परिवार के साथ है।
प्रदीप देशवाल ने कहा कि पंचायत में चर्चा हुई कि पूरे रोहतक में एसपी नरेंद्र बिजारणिया ईमानदार व सच्चे व्यक्ति हैं। उन्हें किन कारणों से बलि का बकरा बनाया जा रहा है? उन पर कार्रवाई करना गलत है। पूरे शहर में सर्वे करें कि नरेंद्र बिजारणिया ने कानून व्यवस्था में कितना सुधार किया है। जिले की व्यवस्था सुधारने का काम किया है।
*सरकार अपने फैसले पर विचार करे*
प्रदीप देशवाल ने कहा कि IPS नरेंद्र बिजारणिया पर बिना किसी जांच के कार्रवाई की गई। उससे समाज में नाराजगी है। इस फैसले पर सरकार को दोबारा विचार करना चाहिए। बिना जांच के कार्रवाई करना प्रश्न चिह्न लगा रहा है। समाज का भाईचारा बना रहे और इस मामले में कोई षड़यंत्र न करें, इसलिए पंचायत में चर्चा की गई है।
बता दें कि IPS वाई पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में कुल 15 अधिकारियों के नाम लिए हैं। इनमें से एक नाम नरेंद्र बिजारणिया का भी है। परिवार का ज्यादा जोर डीजीपी शत्रुजीत कपूर और नरेंद्र बिजारणिया की गिरफ्तारी पर था, इसलिए सरकार ने बिजारणिया को एसपी पद से हटा दिया है।
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