*किसी भी राष्ट्र के सांस्कृतिक विकास का मापदंड है वहां की कला : श्यामदत्त अत्री*
अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त मूर्तिकार प्रदीप कुमार को मिला वर्ष 2025 का ‘कौशल श्री सम्मान’
जींद : कला एवं संस्कृति के विकास, उत्थान और संवर्धन के लिए निरंतर कार्यरत सोल एंड स्पिरिट आर्ट सोसाइटी ने वर्ष 2025 का ‘कौशल श्री सम्मान’ अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त मूर्तिकार प्रदीप कुमार को प्रदान किया। यह सम्मान उन्हें अयोध्या राम मंदिर व राम दरबार निर्माण में अपने उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया गया।यह सम्मान अत्री चैरिटेबल फाउंडेशन, जींद के स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर श्री गुरुदयाल गौशाला, ढाठरथ में आयोजित भव्य कार्यक्रम के दौरान दिया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्यामदत्त अत्री और श्रीमती मेनका अत्री उपस्थित रहे। मुख्य अतिथियों द्वारा प्रदीप कुमार को स्मृतिचिह्न, प्रशंसा पत्र, शॉल तथा ₹5000 की नकद सम्मान राशि प्रदान की गई।समारोह के दौरान श्यामदत्त अत्री ने अपने संबोधन में कहा, “किसी भी राष्ट्र के सांस्कृतिक विकास का सबसे बड़ा मापदंड उसकी कला और कलाकार होते हैं। कलाकार समाज का दर्पण होते हैं, जो सभ्यता और संस्कारों की दिशा तय करते हैं।”
इस अवसर पर सोल एंड स्पिरिट आर्ट सोसाइटी के अध्यक्ष दीपक कौशिक ने बताया कि सोसाइटी समय-समय पर कलाश्री और कौशल श्री जैसे सम्मानों के माध्यम से उत्कृष्ट कलाकारों को प्रोत्साहित करती है। इसके साथ ही कला के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाती है, ताकि वे अपनी सृजनशीलता को आगे बढ़ा सकें।
कार्यक्रम में शरद अत्री, राजेश शास्त्री, सुमन शर्मा, मोहित बब्बर व सोसाइटी के पदाधिकारी सुमित आर्य सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन देश की कला और संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के संकल्प के साथ किया गया।
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