शीतकालीन अवकाश में बच्चों को मिलेगा विशेष गृहकार्य
गृहकार्य पारंपरिक लिखाई-पढ़ाई से हटकर अनुभव और खेल पर होगा आधारित
बच्चों को शीत कालीन अवकाश में मिलेगा विशेष गृहकार्य : राजेश
जींद : शिक्षा विभाग ने निपुण हरियाणा कार्यक्रम के अंतर्गत बालवाटिका 3 से कक्षा पांचवीं तक के विद्यार्थियों के लिए जनवरी माह के शीतकालीन अवकाश के लिए विशेष गृहकार्य योजना जारी की है। इस बार का गृहकार्य पारंपरिक लिखाई-पढ़ाई से हटकर अनुभव और खेल पर आधारित है। जिसका उद्देश्य बच्चों के सर्वांगीण विकास को प्रोत्साहित करना है। इस पहल का मकसद बच्चों को छुट्टियों के दौरान रचनात्मक अनुभव प्रदान करना, उन्हें अपने परिवेश से जोडऩा और उनके संज्ञानात्मक, सामाजिक, भावनात्मक तथा शारीरिक विकास को बढ़ावा देना है। निपुण हरियाणा कार्यक्रम के तहत यह प्रयास किया गया है कि बच्चे सीखने को एक आनंददायक अनुभव के रूप में अपनाएं न कि केवल रटने की प्रक्रिया के रूप में। इस वर्ष का गृहकार्य पंचकोष आधारित गतिविधियों पर केंद्रित है। जिसमें बच्चों को अपने आसपास के वातावरण से सीखने के अवसर दिए गए हैं। प्रकृति से जुड़ाव को लेकर शीतकालीन अवकाश में विद्यार्थियों को आसपास के पौधों की पत्तियां एकत्रित करना और उनकी छाप कापी में बनाना, पेड़ों के नाम जानना और उनके उपयोगों पर चर्चा करना जैसी गतिविधियां शामिल होंगी। व्यावहारिक ज्ञान में सर्दियों के कपड़ों की पहचान करना और उनके उपयोग को समझना, रसोई के बर्तनों पर छोटा वीडियो बनाना, खेल के माध्यम से वस्तुओं की पहचान और गणना करना है। इसके अलावा चुंबक के साथ प्रयोग करना और यह जानना कि कौन सी वस्तुएं चुंबक से आकर्षित होती हैं। पानी में घुलनशील और अघुलनशील वस्तुओं की पहचान करना, घर के दरवाजों, खिड़कियों और बल्बों की गिनती कर गणितीय सोच विकसित करना भी शामिल रहेगा। विद्यार्थियों को शीतकालीन अवकाश के दौरान फिंगर पेंटिंग करना और रंगों के साथ प्रयोग करनाए मिट्टी या रेत पर अपना नाम लिखना, अपनी पसंद की बालवाटिका या स्कूल का चित्र बनाना भी होगा। विभाग का मानना है कि यह पहल बच्चों को मोबाइल और टीवी से दूर रख कर उन्हें अपने परिवार और परिवेश के करीब लाने का एक अभिनव प्रयास है। अनुभव आधारित यह गृहकार्य बच्चों में जिज्ञासा, रचनात्मकता और आत्मविश्वास को बढ़ावा देगा। निपुण हरियाणा कार्यक्रम के तहत यह कदम शिक्षा को जीवन से जोडऩे और सीखने को आनंदमय बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है।
*अभिभावकों की भूमिका*
इस बार का गृहकार्य केवल बच्चों तक सीमित नहीं है बल्कि इसमें परिवार की सक्रिय भागीदारी को भी प्रोत्साहित किया गया है। माता-पिता, दादा-दादी और नाना-नानी को बच्चों के मेंटर के रूप में कार्य करने का आग्रह किया गया है। अभिभावक बच्चों के साथ मिल कर गतिविधियों को पूरा करेंगे। बच्चों की प्रगति की फोटो या वीडियो वहाट्सअप ग्रुप पर साझा करेंगे। बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए सकारात्मक शब्दों और प्रशंसा का प्रयोग करेंगे। वहीं शिक्षक प्रतिदिन शाम को अगले दिन की गतिविधि की जानकारी वहाट्सअप ग्रुप पर साझा करेंगे। गृहकार्य के मूल्यांकन के लिए 100 अंकों की एक सारणी तैयार की गई हैए जिसमें प्रत्येक दिन की गतिविधि के अंक निर्धारित हैं।
बच्चों को शीत कालीन अवकाश में मिलेगा विशेष गृहकार्य : राजेश
एफएलएन जिला कोऑर्डिनेटर राजेश वशिष्ठ ने बताया कि बालवाटिका 3 से कक्षा पांच तक के विद्यार्थीयों के लिए शीत कालीन अवकाश विशेष गृहकार्य योजना है। इस वर्ष का गृहकार्य पारंपरिक लिखाई, पढ़ाई से हट कर अनुभव और खेल पर आधारित है। इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों के सर्वांगीण विकास को प्रोत्साहित करना, सीखने को आनंददायक बनाना और परिवार के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताने के अवसर प्रदान करना है।
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