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Wednesday, June 10, 2020

June 10, 2020

लैंड लीज पॉलिसी को अंतिम रूप दिया अब इच्छुक उद्यमी 6 प्रतिशत वार्षिक की आरक्षित दर से भूमि पट्टे पर ले सकेंगे- हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम

HSIIDC-Haryana-Bulletin-News
चण्डीगढ़, 10 जून- हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) ने प्रदेश में अधिक से अधिक निवेश आकर्षित करने और निवेशकों की भूमि से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने के उद्देश्य से लैंड लीज पॉलिसी को अंतिम रूप दिया है जिसके तहत इच्छुक उद्यमी 6 प्रतिशत वार्षिक की आरक्षित दर से भूमि पट्टे पर ले सकेंगे।
यह जानकारी एचएसआईआईडीसी के एस्टेट डिवीजन के प्रमुख श्री सुनील शर्मा ने आज पंचकूला में आयोजित वर्चुअल वैबडैस्क की बैठक के दौरान दी। निगम के प्रबंध निदेशक श्री अनुराग अग्रवाल ने बैठक की अध्यक्षता की।
श्री सुनील शर्मा ने बताया कि ई-कामर्स कंपनी अमेजन ने प्रदेश में वेयरहाउसिंग में रुचि दिखाई है। इसी तरह एक बैटरी विनिर्माण कंपनी, जिसमें जापान का भी हिस्सा है, आईएमटी मानेसर में जमीन लेना चाहती है। उन्होंने कहा कि एचएसआईआईडीसी चाहता है कि हरियाणा में आने की इच्छुक कंपनियों को जल्द से जल्द भूमि आबंटित की जाए ताकि वे यहां अपना कारोबार शुरू कर सकें।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल और उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला प्रदेश में अधिक से अधिक पूंजी निवेश आकर्षित करने के लिए प्रयासरत हैं। वे चीन, अमेरिका और जापान आदि देशों से भारत में आने की इच्छुक कंपनियों के प्रतिनिधियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रूबरू हुए हैं। उन लोगों द्वारा उठाए गए विषयों को देखते हुए एचएसआईआईडीसी ने सप्ताह में 3 दिन- सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को वैब डैस्क के नाम से एक श्रंखला की शुरुआत की है। एचएसआईआईडीसी के प्रबंध निदेशक इसकी अध्यक्षता करते हैं और मौके पर ही उनकी समस्याओं का समाधान किया जाता है। 
श्री सुनील शर्मा ने बताया कि कोविड-19 महामारी के चलते बदले हालात में हरियाणा सरकार और एचएसआईआईडीसी ने सूचना प्रौद्योगिकी के प्रति विशेष बल दिया है। उन्होंने बताया कि इस महामारी ने प्रदेश को कई चीजों में आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया है। पहले जहां हरियाणा में कई चीजों का निर्माण नहीं होता था, वहीं कोविड-19 के कारण अब प्रदेश में इन चीजों का निर्माण होने लगा है। हरियाणा में इस महामारी से पहले पीपीई किट्स और एन-95 मास्क का निर्माण नहीं होता था। लेकिन एचएसआईआईडीसी ने 9 अप्रैल, 2020 को व्हाट्सएप पर पीपीई किट्स के लिए एक प्लेटफार्म बना दिया था जिसके माध्यम से पीपीई किट्स के निर्माताओं, आपूर्तिकर्ताओं और व्यापारियों को एक मंच उपलब्ध करवाया गया। इससे एक नई शुरुआत हुई और उसी माध्यम से एचएसआईआईडीसी ने वैबिनार और वैब डैस्क की शुरुआत की। इसके माध्यम से सप्ताह में 3 दिन तक उच्चाधिकारी विभिन्न कंपनियों की समस्याएं सुनते हैं और उनका समाधान करते हैं।

Tuesday, June 2, 2020

June 02, 2020

इलेक्ट्रोनिक्स सिस्टम डिजाइन एवं मैन्युफैक्चरिंग (ईएसडीएम) क्षेत्र के निवेशकों से आह्वान

(मनोज)चण्डीगढ़, 2 जून- हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने इलेक्ट्रोनिक्स सिस्टम डिजाइन एवं मैन्युफैक्चरिंग (ईएसडीएम) क्षेत्र के निवेशकों से आह्वान किया है कि वे राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद केन्द्र सरकार द्वारा पुन: निवेशकों को आकर्षित करने के लिए चरणबद्ध तरीके से आरम्भ की गई योजनाओं के तहत निवेश के लिए हरियाणा में आएं, क्योंकि हरियाणा इस क्षेत्र के निवेशकों के लिए पहले से ही एक उपयुक्त स्थल रहा है।
        उप-मुख्यमंत्री, जिनके पास उद्योग एवं वाणिज्य विभाग का कार्यभार भी है, आज कोविड-19 के बाद केन्द्र सरकार द्वारा देश में निवेशकों को अवसर प्रदान करने के लिए आरम्भ की गई क्षेत्र विशेष चर्चा के तहत ‘भारत में निवेश ईएसडीएम विशेष निवेश फोरम- सीरीज-2’ में हरियाणा का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
        श्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इलैक्ट्रोनिक्स क्षेत्र में हरियाणा देश का 57 प्रतिशत निर्माणकर्ता है तथा इस क्षेत्र में निर्यात करने वाला देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है तथा यहां पर सात विशेष आर्थिक जोन पहले से ही संचालित हैं और राज्य का लगभग दो तिहाई हिस्सा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पड़ता है। उन्होंने कहा कि आईटी क्षेत्र की 20 प्रतिशत कम्पनियों ने पहले से ही हरियाणा में अपनी इकाइयां संचालित की हुई हैं। लॉकडाउन के बाद औद्योगिक एवं आर्थिक गतिविधियां शुरू होने से लगभग 39 लाख श्रमिक काम पर लौटे हैं।
        उप-मुख्यमंत्री ने निवेशकों को इस बात से भी अवगत करवाया कि हरियाणा राज्य औद्योगिक विकास एवं आधारभूत संरचना द्वारा प्रदेश में औद्योगिक सम्पदाएं विकसित की जा रही हैं तथा 68 ऐसे ब्लॉक हैं जहां पर 10 एकड़ तक जमीन उपलब्ध है तथा यह लीज होल्ड या पूर्ण स्वामित्तव के आधार पर दी जा सकती है। हरियाणा अपनी नई औद्योगिक नीति बना रहा है तथा 2020 से 2025 तक हरियाणा में एविऐशन क्षेत्र विनिर्माण एवं संरचना पर विशेष फोकस रहेगा। उन्होंने कहा कि हिसार में तीन चरणों में एविएशन हब विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा, इसका ड्राई पोर्ट के रूप में भी इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा में सडक़, रेल व हवाई कनैक्टिविटी उपलब्ध है। आईजीआई एयरपोर्ट, नई दिल्ली से हिसार की दूरी लगभग 135 किलोमीटर है तथा एक्सप्रैस-वे से मात्र दो घण्टे से यहां पहुंचा जा सकता है।
        उन्होंने कहा कि ईज ऑफ डुइंग बिजनेस मामले में हरियाणा उत्तर भारत में पहले स्थान पर तथा देश में तीसरे स्थान पर है और आधारभूत संरचना विकास इंडेक्स में देश में चौथे स्थान पर है।
         श्री दुष्यंत चौटाला ने केन्द्र सरकार का इस बात के लिए आभार व्यक्त किया कि कोविड-19 के चलते राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान चरणबद्ध तरीके से औद्योगिक एवं आर्थिक गतिविधियां चलाने के लिए निवेशकों के लिए इन्वेस्ट इंडिया एक्सक्लूसिव इनवेस्टमेंट फोरम - विशेष क्षेत्र चर्चा सीरीज आरम्भ की है। उल्लेखनीय है कि इलेक्ट्रोनिक्स सिस्टम डिजाइन एवं मैन्युफैक्चरिंग (ईएसडीएम) क्षेत्र की 28 मई को आयोजित पहली सीरीज में उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात एवं महाराष्ट्र जैसे राज्यों ने अपना पक्ष रखा तथा आज दूसरी सीरीज में आंध्र प्रदेश, हरियाणा, तमिलनाडू और कर्नाटक ने भाग लिया और श्री दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा का प्रतिनिधित्व करते हुए निवेशकों को राज्य में निवेश के अवसरों पर जानकारी दी।
        सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रोनिक्स एवं दूर संचार विभाग के प्रधान सचिव श्री अंकुर गुप्ता ने अपने सम्बोधन में कहा कि हरियाणा में 1,20,000 एमएसएमई, 1357 बड़े उद्योग तथा 1700 से अधिक स्टार्टअप हैं। राज्य में 100 से अधिक इंजीनियरिंग कॉलेज, 174 बहुतकनीकी संस्थान तथा 400 से अधिक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान हैं जो हर वर्ष एक लाख से अधिक कुशल एवं अर्धकुशल प्रोफेशनल को उपलब्ध करवाते हैं। गुरुग्राम को विश्व की बिजनेस प्रोसैस मैनेजमैंट की राजधानी के रूप में जाना जाता है और यहां पर  विश्व का 5 प्रतिशत बीपीओ कार्यबल है।
        चर्चा में भाग लेते हुए नवितासिस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबन्ध निदेशक एवं एटीएल बैटरी टैक्नोलोजी के निदेशक श्री शिरीष प्रसाद ने कहा कि उनकी कम्पनी द्वारा आईएमटी बावल में एटीएल बैटरी मैन्युफैक्चरिंग इकाई स्थापित की जा रही है तथा आईएमटी सोहना में दूसरी इकाई स्थापित करने का उनका प्रस्ताव है इससे 500 मिलियन यूएस डालर का निवेश होगा।
        बैठक में इलैक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव श्री अजय प्रसाद साहनी, संयुक्त सचिव श्री सौरव गौड, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग हरियाणा के प्रधान सचिव श्री ए.के. सिंह, सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रोनिक्स एवं दूर संचार विभाग के अतिरिक्त सचिव श्री अजय सिंह तोमर भी उपस्थित थे।