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Friday, October 9, 2020

October 09, 2020

विवाद:112 मॉडल संस्कृति स्कूलों में हरियाणा बोर्ड की जगह सीबीएसई से मान्यता लेने का शिक्षक संगठनों ने जताया

विवाद:112 मॉडल संस्कृति स्कूलों में हरियाणा बोर्ड की जगह सीबीएसई से मान्यता लेने का शिक्षक संगठनों ने जताया विरोध, 11 अक्टूबर को जींद में शिक्षक संगठनों के पदाधिकारी बनाएंगे रणनीति

रोहतक :  प्रदेश में खाेले जा रहे 112 राजकीय माॅडल संस्कृति सीनियर सेकंडरी स्कूल खाेलने पर विवाद गहराने लगा है। पहली से 12वीं कक्षा के इन सरकारी स्कूलाें में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई हाेगी। प्रदेश सरकार इन स्कूलों को हरियाणा बोर्ड की जगह सीबीएसई से मान्यता लेना चाहती है। इस पर सबसे ज्यादा विवाद है। शिक्षक संगठनों का विरोध है कि सरकार हरियाणा बोर्ड को कमजोर साबित करके स्कूलों को निजीकरण की राह पर धकेल रही है, जबकि विभागीय अधिकारियों का तर्क है कि सीबीएसई बोर्ड में नंबर ज्यादा आते हैं। अभिभावकों को सरकारी स्कूलों की ओर लुभाने के लिए सीबीएसई से मान्यता ली जा रही है।
हरियाणा के छात्रों को आगे आती हैं दिक्कतें (नंद किशोर, असिस्टेंट डायरेक्टर, एकेडमिक सेल, स्कूल शिक्षा निदेशालय)

सीबीएसई 10वीं-12वीं कक्षा के परीक्षार्थियों को खुलकर नंबर देता है, जबकि एचबीएसई की मार्किंग सख्त है। अभिभावकों का भी मानना है कि एचबीएसई की तुलना में सीबीएसई में नंबर अच्छे आते हैं।

एचबीएसई बोर्ड से पढ़े हुए विद्यार्थी को राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों में दाखिला लेने के दौरान दिक्कत आती है, क्योंकि बमुश्किल ही 90 फीसदी अंक वह ले पाते हैं, जबकि सीबीएसई में 95 फीसदी से अधिक अंक लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा रहती है।

अभिभावक को बच्चे के लिए सीबीएसई का ही सर्टिफिकेट चाहिए तो उसे इसके लिए लाखों रुपए की फीस निजी स्कूलाें में देनी होती है, जबकि सीबीएसई से मान्यता लेने वाले राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल में नाममात्र की फीस देकर यह सर्टिफिकेट ले सकता है।

फर्क सिर्फ एनसीईआरटी व हरियाणा बोर्ड लिखने का (जगबीर सिंह, हरियाणा बोर्ड चेयरमैन ने असिस्टेंट डायरेक्टर)

पेपरों की मार्किंग हरियाणा बोर्ड नहीं करता। यह शिक्षा विभाग के अध्यापक ही करते हैं। काफी बच्चों के 99 से लेकर 100 प्रतिशत तक नंबर आते हैं। ऐसा नहीं है कि हरियाणा बोर्ड में नंबर कम आते हैं।

एचबीएसई में 9वीं से 12वीं कक्षा का जो पाठ्यक्रम है, वह सीबीएसई के पाठ्यक्रम की तर्ज पर ही है। इन्हीं में से प्रतियोगी परीक्षाओं का प्रश्न पत्र आता है। फर्क बस इतना है कि एनसीईआरटी की जगह हरियाणा बोर्ड लिखा होता है।

अभिभावकों को समझना होगा कि हरियाणा बोर्ड में कोई कमी नहीं है। यहां मुफ्त और अच्छी शिक्षा मिलती है। बुधवार को सुपर-100 के जिन 25 विद्यार्थियों को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया है, वह सभी हरियाणा बोर्ड के सरकारी स्कूलों से ही पढ़े हैं।

सरकार अपने ही बोर्ड से संतुष्ट क्यों नहीं : बिजेंद्र
संस्कृति मॉडल स्कूलों से पहले भी प्रत्येक जिले में एक-एक मॉडल संस्कृति स्कूल चल रहा है, जो एचबीएसई से संबंद्ध है। इनमें हिंदी-इंग्लिश मीडियम दोनों हैं। प्रदेश के पास खुद का बोर्ड है तो सीबीएसई से मान्यता की जरूरत क्या है। इसका मतलब सरकार अपने ही बोर्ड से संतुष्ट नहीं है। - बिजेंद्र हुड्‌डा, प्रदेशाध्यक्ष, हरियाणा स्कूल एजुकेशन ऑफिसर्स एसोसिएशन।

Thursday, October 8, 2020

October 08, 2020

स्कूलों के लिए राहत की खबर:20 दिन में निपटाई जाएंगी प्राइवेट स्कूलों की पेंडिंग फाइल, निदेशालय ने जारी किया आदेश

स्कूलों के लिए राहत की खबर:20 दिन में निपटाई जाएंगी प्राइवेट स्कूलों की पेंडिंग फाइल, निदेशालय ने जारी किया आदेश

चंडीगढ़ : उन प्राइवेट स्कूलों के लिए राहत की खबर है, जिनके मान्यता, परमिशन और एनओसी की फाइलें शिक्षा विभाग में अटकी हैं। अब निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों का सख्त लहजे में प्राइवेट स्कूलों की सभी पेंडिंग फाइलों को 20 दिन में निपटाने के लिए कहा है। साथ ही इसकी रिपोर्ट भी मांगी है। ऐसे में स्कूलों को भी राहत मिलेगी। प्राइवेट स्कूल संगठन कई बार फाइलों के आगे न बढ़ने का मामला कई बार उठा चुके हैं।
कुछ दिन पहले ही निदेशक की अध्यक्षता में प्राइवेट स्कूलों के मामलों को लेकर मीटिंग भी हुई थी, जिसमें भी इन मामलों पर गहनता से मंथन किया गया था। आदेशों में कहा गया है कि सभी कार्य ऑनलाइन ही किया जाएगा। सभी फाइलें मैन्युअली की बजाए ऑनलाइन ही आगे बढ़ाई जाए। इससे कोई कर्मचारी या अधिकारी फाइल भी नहीं रोक पाएंगे। जहां भी फाइल रुकेगी, उसकी जानकारी निदेशालय को मिल जाएगी।
अधिकारियों को स्कूल इंस्पेक्शन की फाइलें भी ऑन लाइन ही भेजनी होगी। निदेशालय की ओर प्राइवे स्कूलों में मैनजर या मालिकों के निदेशालय और जिला शिक्षा अधिकारियों के कार्यालयों में जाने पर भी रोक लगा दी है। आदेशों में कहा गया है कि कोई भी मैनेजर या मालिक प्राइवेट स्कूल से संबंधित कार्य के लिए ऑन लाइन ही एप्लाई करेगा।

2007 से पहले से चल रहे स्कूल एग्जिस्टिंग स्कूलों में हों शामिल: फैडरेशन

फैडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि राज्य 2007 से पूर्व से चल रहे प्राइवेट स्कूलों को तुरंत एग्जिस्टिंग स्कूलों की लिस्ट में शामिल करें । साथ ही भूमि मानक और अन्य शर्तों में राहत देकर जल्द मान्यता दें ताकि ऐसे स्कूल भी शिक्षा की मुख्यधारा में शामिल हो। सरकार ने दो बार एग्जिस्टिंग स्कूलों की सूची भी जारी की परंतु विभागीय अधिकारियों की कमी के कारण सैकड़ों स्कूल अनेक स्कूल सूची में शामिल नहीं हो पाए।
October 08, 2020

हरियाणा में 15 अक्टूबर से 6वीं से लेकर 10वीं तक स्कूल खोलने की तैयारी

हरियाणा  में 15 अक्टूबर से 6वीं से लेकर 10वीं तक स्कूल खोलने की तैयारी

चंडीगढ़ : केंद्र की ओर से अनलाक के तहत 15 अक्टूबर से शिक्षण संस्थाओं  को खोलने के लिए जारी एडवाइजरी को लेकर राज्य के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर  का कहना है कि अभिभावकों की सहमति के साथ में फिलहाल दसवीं से बारहवीं के विद्यार्थियों  को शिक्षक लगातार गाइड कर रहे हैं। विषयों को लेकर उनकी समस्याओं  का समाधान भी कर रहे हैं, इसी तर्ज पर अब केंद्र की एसओपी आ जाने के बाद छठी से लेकर दसवीं तक की क्लासों को 15 के बाद में सशर्त संचालित करने पर विचार किया जा रहा है।
शिक्षा मंत्री कंवरपाल सिंह ने बुधवार को चंडीगढ़ में सवाल के जवाब में इस आशय की जानकारी दी। मंत्री ने यह भी कहा कि जल्द ही वे राज्य शिक्षा विभाग के आला अफसरों के साथ में नई गाइड लाइन को लेकर विचार मंथन करेंगे और 15 के बाद छठी से दसवीं तक की क्लास भी कोविड की सावधानी को ध्यान में रखते हुए खोलने पर विचार कर रहे हैं। सबसे बाद में पहले से लेकर पांचवीं तक की क्लासों को खोलने का विचार है। राज्य की ओर से पंद्रह से पहले इस संबंध में सही स्थिति से अवगत करा दिया जाएगा।
निजी स्कूलों को लेकर शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर का कहना है, ट्यूशन फीस की बात हमने पहले कही थी लेकिन स्कूल संचालक इसे लेकर कोर्ट में चले गए थे कोर्ट में जो निर्णय दिया था उसके तहत फीस ली गई थी स्कूलों के निश्चित खर्चों के बारे में कोर्ट का भी यह आदेश था कि जब बसें नहीं चलाई, तो फिर पैसे किस बात के लिए ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर से बातचीत में भी टैक्स छोड़ने की बात कही गई थी लेकिन इसके बावजूद भी अगर कोई विषय है तो वह स्कूल संचालक हमसे मिलकर रखेंगे तो समाधान किया जाएगा। 

Saturday, October 3, 2020

October 03, 2020

अनलॉक-5 : स्कूल खोलने के लिए अब एसओपी का इंतजार

अनलॉक-5 : स्कूल खोलने के लिए अब एसओपी का इंतजार

बहादुरगढ़ : अनलॉक-5 में स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से खोलने की अनुमति मिलने पर स्कूलों में तैयारी शुरू हो गई है। स्कूल प्रबंधन सरकार के एसओपी यानी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर  का इंतजार कर रहे हैं। स्कूलों के प्रबंधन सभी कक्षाओं के लिए एक साथ स्कूल खोलने की बजाय सबसे पहले कक्षा नौवीं से 12वीं या कक्षा 10वीं व 12वीं के छात्रों को ही बुलाने के पक्ष में हैं। स्कूलों के अनुसार बड़े बच्चों को संक्रमण से बचाव को लेकर स्कूलों की तैयारियों में ढालना आसान होगा।
स्कूल खोलने के साथ ही आनलाइन क्लास भी फिलहाल जारी रहेंगी। अभिभावकों की सहमति व अनुमति से ही छात्र स्कूल में पढ़ाई करने आएंगे। जो छात्र आनलाइन ही पढ़ना चाहेंगे, उनके लिए वर्तमान की ही तरह आनलाइन क्लास जारी रहेगी। कुछ बच्चे स्कूल व कुछ आनलाइन रहने की स्थिति में स्कूल अपनी सुविधा व बच्चों के समय के अनुरूप तैयारी करेंगे। कुछ स्कूल आधे समय के लिए स्कूल संचालित करेंगे और आधा दिन आनलाइन क्लास चलेगी। वहीं कुछ स्कूल क्लास की पढ़ाई को ही लाइव व रिकार्ड कर आनलाइन मुहैया कराएंगे।

यह रहेगी स्कूलों की तैयारी

- स्कूल गेट पर थर्मल स्कैनर व परिसर में सैनिटाइजर व साबुन की व्यवस्था।
- हर छात्र को मास्क व निजी सैनिटाइजर बोतल रखना अनिवार्य।
- स्कूल आने के लिए अभिभावक की सहमति अनिवार्य।
- ऑनलाइन व फिजिकल क्लास हर दिन रहेगी जारी।
- कक्षा 10वीं-12वीं या नौवीं से 12वीं तक के छात्र बुलाए जाएंगे पहले।
- इसके बाद जूनियर कक्षाओं को बुलाने पर होगा विचार।
- आधे दिन स्कूल और आधे दिन चलेगी ऑनलाइन क्लास।
- कैंटीन रहेगी बंद, कोई सामान आपस में सांझा नहीं करेंगे छात्र।
- अभिभावकों द्वारा निजी वाहनों से स्कूल छोड़ने को दी जाएगी प्राथमिकता।
- माहौल के साथ सुरक्षित रहने की छात्रों की आदत पड़ने पर धीरे-धीरे बढ़़ेगा स्कूल का समय।
- सुरक्षित तरीके से कुछ स्कूल ट्रांसपोर्ट देंगे, वहीं कुछ नहीं देना चाह रहे।
मॉडर्न स्कूल के चेयरमैन राकेश कोच के अनुसार सरकार की एसओपी का पूर्णरूप से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। पहले बड़े बच्चों को ही बुलाएंगे, जिससे उन्हें सुरक्षित माहौल में ढाला जा सके। किसी बच्चे पर स्कूल आने का दबाव नहीं बनाया जाएगा। जो आएंगे उनकी क्लास चलेगी, जो नहीं आएंगे उनका भी नुकसान नहीं होने देंगे।

Saturday, September 26, 2020

September 26, 2020

ट्रांसफर पॉलिसी:को-एजुकेशन वाले सभी स्कूलों में होगी महिला शिक्षकों की नियुक्ति, तबादले में महिलाओं को मिलते हैं 10 अंक

ट्रांसफर पॉलिसी:को-एजुकेशन वाले सभी स्कूलों में होगी महिला शिक्षकों की नियुक्ति, तबादले में महिलाओं को मिलते हैं 10 अंक

चंडीगढ़ : प्रदेश के को-एजुकेशन वाले चार हजार से ज्यादा स्कूलों में महिला शिक्षकों के न होने की वजह से राज्य सरकार ट्रांसफर पॉलिसी में कोई बदलाव कर सकती है। पॉलिसी में महिला होने पर ट्रांसफर में 10 अंक मिलते हैं। इसके साथ ही मिडिल और सेकंडरी स्कूलों में टीजीटी टीचर ही पढ़ाते हैं। ऐसे में दस अंक का फायदा मिलने पर ज्यादातर वे सेकंडरी स्कूलों में पढ़ाना ज्यादा पसंद करती हैं।
ऐसे में राज्य में 4283 को-एजुकेशन स्कूलों में महिला शिक्षक ही नहीं है। इस मामले में राज्य बाल संरक्षण आयोग की चेयरपर्सन ने पूरी रिपोर्ट बनाकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भेजी थी। साथ ही सिफारिश की थी कि इन सभी स्कूलों में महिला शिक्षकों की भी नियुक्ति की जाए। ताकि बेटियों को कोई परेशानी न हो।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस पर संज्ञान लिया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि व्यवस्था कराई जाए। बता दें कि पिछले साल हिसार के एक स्कूल का मामला सामने आने के बाद आयोग की चेयरपर्सन ज्योति बैंदा ने शिक्षा विभाग से स्कूलों में महिला शिक्षकों की स्थिति को लेकर रिपोर्ट मांगी थी। करीब 14 हजार स्कूलों में 4200 से ज्यादा स्कूल ऐसे हैं, जहां महिला शिक्षक नहीं है। इनमें 3872 मिडिल और प्राइमरी स्कूल हैं।
हां, इस मामले पर काम शुरू किया है। सभी स्कूलों में महिला शिक्षकों की व्यवस्था हो, इसका कोई विकल्प जरूर तलाश जाएगा। -कंवरपाल गुर्जर, शिक्षा मंत्री

Friday, September 25, 2020

September 25, 2020

रोष:रेलवे इम्पलाइज एसो. का रेलवे में निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन

रोष:रेलवे इम्पलाइज एसो. का रेलवे में निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन

अम्बाला.:-  मंडल में ऑल इंडिया एसी-एसटी रेलवे इम्पलाइज एसोसिएशन ने वीरवार काे मंडल के 14 स्टेशनों पर निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन किया। पदाधिकारियों ने कहा कि चंडीगढ़ स्टेशन पहले ही 99 साल के लिए निजी हाथों में बेच दिया गया है और अब अम्बाला स्टेशन को भी बेचा जा रहा है। डीआरएम कांप्लेक्स के समक्ष एसोसिएशन के मंडल सचिव कमल कुमार के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया।

पदाधिकारियों ने कहा कि रेलवे में पहले कर्मचारियों का बड़ा वर्ग काम करता था, मगर अब रेलवे के हर विभाग में ठेकेदार के माध्यम से कर्मचारियों को लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रेलवे लाइन बिछाने का काम टाटा को दिया गया है, गुड्स ट्रेन चलाने का काम अदानी ग्रुप को। रेलवे में काम कर रहे कर्मचारियों को 50-55 उम्र के बाद रिटायर किया जा रहा है।

एसोसिएशन द्वारा अम्बाला के अलावा बठिंडा, सहारनपुर, चंडीगढ़ व कालका आदि स्टेशनों पर भी विरोध जताया गया। विरोध प्रदर्शन के दौरान मॉस्क पहन व सोशल डिस्टेंस को फॉलो किया गया। माैके पर मंडल सचिव ईशम सिंह, मंडल कार्यकारिणी अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह, मुकेश चंद्रा, राजरानी, देवेन्द्र कुमार, विक्रम सिंह, वेदपाल रंगा, राजेश बाबू, सुखराम, राजन लाल, महेन्द्र सिंह, विकास कुमार, पवन मेहरा व पुलेन्द्र मौजूद रहे।

Wednesday, September 23, 2020

September 23, 2020

स्कूल खुलने का दूसरा दिन बच्चों की संख्या हुई आधी

स्कूल खुलने का दूसरा दिन बच्चों की संख्या हुई आधी

भिवानी: प्रदेश में छह  महीने  बाद खुले स्कूलों में लगातार दूसरे दिन भी विद्यार्थी आए। हैरानी की बात ये रही कि पहले दिन के मुकाबले दूसरे दिन विद्यार्थियों की संख्या आधी  रह गई। भिवानी में जहां पहले दिन 133 बच्चे स्कूल पहुंच थे वहीं दूसरे दिन मात्र 67 बच्चों ही पहुंचे यानि की बच्चों की स्ट्रैंथ आधी रह गई। स्कूलाें में मास्टर जी बच्चों का इंतजार करते रहे, लेकिन प्रदेश में जहां-जहां स्कूली छात्र पहुंचे, वहां शिक्षकों ने पूरी सतर्कता बरती। मंगलवार को भी स्कूल में बच्चों की एंट्री करवाने से पहले उनका थर्मल स्क्रीनिंग से तापमान जांचा, हाथो को स्निटाइज किया गया उसके बाद स्कूल में एंट्री करवाई।

सोनीपत में शिवा शिक्षा सदन में स्कूल में दो दिनों में 162 विद्यार्थी परामर्श लेने के लिए स्कूल पहुंचे। इनमें सोमवार को जहां 76 विद्यार्थी स्कूल में आए, वहीं मंगलवार को 86 विद्यार्थी स्कूल पहुंचे। बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए स्कूल प्रबंधन द्वारा पुख्ता प्रबंधन किए गए थे।
स्क्रीनिंग और हैंड सेनिटाइजिंग कर किया प्रवेश

उचाना। शिक्षा निदेशक डा. जितेंद्र कुमार ने बताया कि पूरे संस्थान को हपले सेनिटाइज करवाया गया है। कार्यवाहक प्राचार्य रणधीर शास्त्री ने बताया कि सभी विद्यार्थियों, स्कूल स्टॉफ को फेस मास्क पहनना अनिवार्य है। सभी विद्यार्थियों को घर से पानी की बोतल लाने के निर्देश दिए गए है। समय-समय पर हैंडवॉश करने के लिए सेनिटाइजर एवं साबुन की व्यवस्था की गई है। सोशल डिस्टेसिंग का विशेष रूप से पालन किया जा रहा है।

बच्चों की सुरक्षा के दिखे स्कूलों में व्यापक प्रबंध

बढ़ती महामारी को देखते हुए अभी बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर जहां डर है, उसका मंगलवार को भी असर देखने को मिला। अभिभावकों ने बच्चों को कम स्कूल भेजने में कम ही रूचि दिखाई, परिणाम यह रहा कि बच्चे विद्यालयों में पहुंचे हैं। वहीं दूसरी ओर स्कूल प्रबंधन ने बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए व्यापक प्रबंध किए हुए थे। ताकि अभिभावकों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया जाए। स्कूल प्रबंधन की ओर से पहले दिन किए व्यापक सुरक्षा के प्रबंध दूसरे दिन कम असरदार दिखे। परिणाम यह रहा कि दूसरे दिन स्कूलों में बच्चों की संख्या घटकर आधी रह गई।