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Saturday, June 19, 2021
national news. haryana bulletin news
June 19, 2021
टिकैत ने मीडिया पर साधा निशाना, बोले- इनके कैमरे किनके इशारे पर काम करते हैं, सबको पता है!
नई दिल्ली : इसे देश का दुर्भाग्य न कहा जाए तो क्या कहा जाए। जो अन्नदाता कड़ी मेहनत से अन्न उपजाता है और देश का पेट भरता है। वो पिछले 7 महीने से खुले आसमान के नीचे धरना, प्रदर्शन पर बैठा हुआ है लेकिन सरकार के कान पर जूं भी नहीं रेंग रहा है।
सरकार समाधान की बजाय आंदोलन को बदनाम करने की कोशिशों में जुटी हुई है। कभी आंदोलन को खालिस्तानी बताया जाता है तो कभी पाकिस्तानी बता दिया जाता है लेकिन सरकार कभी बैठकर किसानों के दर्द को समझने को तैयार नहीं है।
आंदोलन के नेतृत्वकर्ता और भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को मसले का समाधान खोजना चाहिए लेकिन सरकार आरोपों की खोज कर रही है जिससे की आंदोलन को बदनाम किया जा सके।
यह किस प्रकार का लोकतंत्र है जिसमें देश भर के किसान सात महीने से आंदोलन पर बैठे हुए हैं लेकिन सरकार तानाशाही रवैया अपनाए हुए है।
टिकैत ने साफ तौर पर कहा कि किसान किसी किस्म का संशोधन नहीं बल्कि पूरी तरह से इन कृषि कानूनों में बदलाव चाहता है।
हम पहले भी कहते रहे हैं और अब भी कह रहे हैं कि जब तक इन काले कृषि कानूनों को केंद्र सरकार वापस नहीं ले लेती, तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा।
राकेश टिकैत का कहना है कि ये तीनों कृषि कानून किसानों के लिए किसी डेथ वारंट से कम नहीं है।
उन्होंने कहा कि हमें पता है कि ये लड़ाई लंबी है लेकिन अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए भारत का किसान लंबी लड़ाई के लिए तैयार है. भारत सरकार को हर हाल में इन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना ही होगा।
किसान भी जिद पर अड़े हुए हैं। पंजाब, हरियाणा की मिट्टी का असर तो हम सब जानते ही हैं। बात खेत की हो या देश के सीमाओं की.. दुश्मनों के छक्के छुड़ाने में इन दोनों प्रदेशों के लोग सबसे आगे रहते हैं।
केंद्र की मोदी सरकार को लगता है कि ये किसान एक दिन थक कर भाग जाएंगे, पर अब तक ऐसा होता हुआ दिखाई नहीं दिया।
कड़ाके की ठंड के मौसम में इस आंदोलन की शुरुआत हुई थी। गर्मी और बरसात सब कुछ झेल लिया आंदोलनकारियों ने। आंदोलन की आंच अब तक कमजोर होती हुई नजर नहीं आ रही।
ये अलग बात है कि फिलहाल आंदोलन मीडिया के कैमरे की निगाहों से दूर है। मीडिया के कैमरे आजकल किनके इशारे पर चमकते हैं, ये तो आपको पता ही होगा !
Sunday, May 9, 2021
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May 09, 2021
ऑक्सीजन पर सुप्रीम कोर्ट का कदम, नेशनल टास्क फोर्स का गठन
ऑक्सीजन पर सुप्रीम कोर्ट का कदम, नेशनल टास्क फोर्स का गठन
नई दिल्ली : देश पर कोरोना वायरस जैसी बड़ी विपदा आई हुई है और इस बीच ऑक्सीजन पर बड़ी मार दिख रही है। मरीजों को ऑक्सीजन की किल्लत हो रही है और ऐसे में उनकी जान भी चली जा रही है। फिलहाल, सरकार से इस बारे में खूब कहने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन के इंतजामात अपने हाथ में ले लिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर शनिवार को सुनवाई की और एक नेशनल टास्क फोर्स का गठन करने का फैसला लिया। बताया जाता है कि इस टास्क फोर्स में 12 सदस्य होंगे। 12 सदस्यों की यह टास्क फोर्स पूरे देश में ऑक्सीजन की जरूरत और वितरण पर नजर रखेगी।
Location:
Haryana, India
Thursday, February 11, 2021
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February 11, 2021
हरियाणवी डांसर सपना चौधरी के खिलाफ दिल्ली में केस, जानिये क्या है मामला ?
हरियाणवी डांसर सपना चौधरी के खिलाफ दिल्ली में केस, जानिये क्या है मामला ?
नई दिल्ली : हरियाणवी डांसर और सिंगर सपना चौधरी के खिलाफ दिल्ली में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। सपना चौधरी पर छह करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है।जानकारी के मुताबिक हरियाणा और दिल्ली के पांच लोगों ने दिल्ली पुलिस को शिकायत दी है। कि सपना चौधरी की वजह से उनको छह करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।दिल्ली पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली और हरियाणा के रहने वाले पांच लोगों ने सपना के खिलाफ शिकायत दी है। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि डांस प्रोग्राम के लिए सपना ने उनसे पैसे लिये लेकिन आयोजन में शिरकत नहीं की।पीड़ित पक्ष का आरोप है कि उन्होंने सपना चौधरी को एक प्रोग्राम के लिए बुलाया था, लेकिन सपना ने पैसे ले लिये और प्रोग्राम में नहीं आई जिस वजह से उन्हे छह से आठ करोड़ का नुकसान हुआ।
Location:
Haryana, India
Tuesday, January 19, 2021
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January 19, 2021
निजी हैसियत में बुलाई थी बैठक : चढूनी
निजी हैसियत में बुलाई थी बैठक : चढूनी
नई दिल्ली : सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा की समन्वय समिति ने हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी द्वारा कल अनेक राजनैतिक दलों के साथ की गई बैठक से जुड़े विवाद पर चर्चा की
-गुरनाम सिंह ने समिति के सामने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए लिख कर बताया कि कल की बैठक उन्होंने अपनी निजी हैसियत में बुलाई थी। इस बैठक का सयुंक्त किसान मोर्चा से कोई संबंध नहीं है। यह एहसास करते हुए उन्होंने समिति को भरोसा दिलाया कि वो इस आंदोलन के दौरान भविष्य में किसी राजनैतिक बैठक में नहीं जाएंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे संयुक्त किसान मोर्चा के साथ थे, है और रहेंगे।
-समिति ने इस स्पष्टीकरण का स्वागत करते हुए यह फैसला किया कि अब इस विवाद को समाप्त किया जाए। यह ऐतिहासिक आंदोलन जिस मोड पर है उसमे एकता और अनुशासन सर्वोपरि है। लोगों के सहयोग से यह आंदोलन किसान संगठन ही यहां तक लेकर आए हैं और किसान संगठन ही इसे मुकाम तक लेकर जाएंगे। कोई भी संगठन या पार्टी अपने तौर पर इस आंदोलन को समर्थन देने को स्वतंत्र हैं, लेकिन आंदोलन सीधे किसी पार्टी से रिश्ता नहीं रखेगा
--जारीकर्ता--
डॉ दर्शन पाल, शिव कुमार कक्काजी, जगजीत सिंह डल्लेवल, बलबीर सिंह रजेवल, हन्नन मौला, योगेंद्र यादव
Location:
Haryana, India