(मनोज ) चंडीगढ़- कोरोना काल के चलते एक अनुमान के अनुसार अब तक सरकार को लगभग दस हजार करोड़ का आर्थिक नुकसान हो चूका है | प्रदेश सरकार आर्थिक संकट से उभरने के लिए प्रदेश की सभी राजनितिक पार्टियो के साथ भी वीडियो कॉन्फ्रेंस से चर्चा कर चुकी है |
जैसे-जैसे 3 मई लॉक डाउन खत्म होने की संभावित तारिक नजदीक आ रही है , वैसे वैसे प्रदेश मे नए कोरोना मामले आ रहे है व कुछ जिले ग्रीन जोन से दोबारा रेड जोन मे आ रहे है और नए हॉट स्पॉट बन रहे है | इन हालातों को देखते हुए अब कयास लगाए जाने लगे है कि लॉक डाउन को अभी और बढ़ाना चाहिय, ताकि जो सुरक्षा चक्र अब तक बना हुआ है वो टूटे नही व इस समस्या का पूर्ण समाधान हो सके |
मई- जून-जुलाई मे भी राजस्व नही आने की संभावना
दिन-प्रतिदिन बदलते हालातों को देखते हुए यही कयास लगाए जा रहे है कि अगले तीन महीने भी राजस्व का भारी नुकसान हरियाणा सरकार को हो रहा है | सूत्रों के अनुसार हरियाणा सरकार ने भी इसी पूर्वानुमान के साथ आर्थिक संकट से निकलने को प्रयास तेज कर दिए है |
विभागों से सरप्लस फंड को वापस माँगा
अब मनोहर लाल सरकार आर्थिक संकट से निपटने के लिए अपने वित्तीय संसाधनों से भी राजस्व जुटाने की तैयारी कर ली है । सरकार के द्वारा विभागों के सरप्लस फंड व मैच्योर होने वाली एफडी को एक ही जगह निवेश कर ब्याज से खजाना भरने की तैयारी चल रही है। जिसके चलते हरियाणा सरकार ने सभी महकमों, बोर्ड, निगमों, उपक्रमों से सरप्लस फंड को वापस मांग लिया है।
फंड हरियाणा स्टेट फाइनेंस सर्विसेज लिमिटेड ( एचएसएफएसएल) में होंगे जमा
एचएसएफएसएल प्रदेश सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी है, जो प्रदेश मे वित्तीय सेवाओं से जुड़े मामले देखती है। सरप्लस फंड अभी विभागों ने अलग-अलग जगह जमा कराए हुए हैं।जहा इस जमापूंजी पर कम ब्याज सरकार को मिल रहा है। सरकार सभी फंडो को एक जगह एकत्रित होने पर केंद्र स्तर की गैर वित्तीय वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) में निवेश करेगी, जिससे सरकार को ब्याज के रूप में बड़ी रकम मिलने की संभावना है। सरकार ने भविष्य में मैच्योर होने वाली सभी एफडी को भी हरियाणा स्टेट फाइनेंस सर्विसेज लिमिटेड के जरिए गैर वित्तीय कंपनी में ही जमा कराने का फैसला लिया है।फिलहाल विभागों, बोर्ड, निगमों व उपक्रमों की एफडी अलग-अलग वित्तीय संस्थानों में जमा हैं, हरियाणा के 23 सार्वजनिक उपक्रमों में से 19 फायदे में चल रहे हैं।
आर्थिक संकट से उबरने के लिए उठाया कदम
वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने सभी विभागों के प्रशासनिक सचिवों, विभाग अध्यक्षों, डीसी, मण्डलायुक्तों, बोर्ड, निगमों, सहकारी संस्थाओं व उपक्रमों के प्रबंध निदेशकों, मुख्य प्रशासकों, सीईओ, यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को सरप्लस फंड तत्काल वापस कर हरियाणा स्टेट फाइनेंस सर्विसेज लिमिटेड में जमा कराने को कहा है। उन्होंने बताया कि कोरोना से उत्पन्न आर्थिक संकट से उबरने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। सारे फंड व एफडी इकट्ठा कर एक जगह जमा करेंगे तो ज्यादा ब्याज मिलेगा। अभी कम ब्याज आ रहा है।
केंद्र से विभिन्न मदों में मिल रही राशि
सीएम मनोहर लाल का कहना है कि कोरोना से निपटने के लिए केंद्र सरकार से पूरा सहयोग मिल रहा है। अलग-अलग मदों में केंद्र से बजट आ रहा है। जिसे कोरोना को खत्म करने व राहत कार्यों में लगा रहे हैं। जल्दी विशेष वित्तीय मदद की भी उम्मीद है।
जैसे-जैसे 3 मई लॉक डाउन खत्म होने की संभावित तारिक नजदीक आ रही है , वैसे वैसे प्रदेश मे नए कोरोना मामले आ रहे है व कुछ जिले ग्रीन जोन से दोबारा रेड जोन मे आ रहे है और नए हॉट स्पॉट बन रहे है | इन हालातों को देखते हुए अब कयास लगाए जाने लगे है कि लॉक डाउन को अभी और बढ़ाना चाहिय, ताकि जो सुरक्षा चक्र अब तक बना हुआ है वो टूटे नही व इस समस्या का पूर्ण समाधान हो सके |
मई- जून-जुलाई मे भी राजस्व नही आने की संभावना
दिन-प्रतिदिन बदलते हालातों को देखते हुए यही कयास लगाए जा रहे है कि अगले तीन महीने भी राजस्व का भारी नुकसान हरियाणा सरकार को हो रहा है | सूत्रों के अनुसार हरियाणा सरकार ने भी इसी पूर्वानुमान के साथ आर्थिक संकट से निकलने को प्रयास तेज कर दिए है |
विभागों से सरप्लस फंड को वापस माँगा
अब मनोहर लाल सरकार आर्थिक संकट से निपटने के लिए अपने वित्तीय संसाधनों से भी राजस्व जुटाने की तैयारी कर ली है । सरकार के द्वारा विभागों के सरप्लस फंड व मैच्योर होने वाली एफडी को एक ही जगह निवेश कर ब्याज से खजाना भरने की तैयारी चल रही है। जिसके चलते हरियाणा सरकार ने सभी महकमों, बोर्ड, निगमों, उपक्रमों से सरप्लस फंड को वापस मांग लिया है।
फंड हरियाणा स्टेट फाइनेंस सर्विसेज लिमिटेड ( एचएसएफएसएल) में होंगे जमा
एचएसएफएसएल प्रदेश सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी है, जो प्रदेश मे वित्तीय सेवाओं से जुड़े मामले देखती है। सरप्लस फंड अभी विभागों ने अलग-अलग जगह जमा कराए हुए हैं।जहा इस जमापूंजी पर कम ब्याज सरकार को मिल रहा है। सरकार सभी फंडो को एक जगह एकत्रित होने पर केंद्र स्तर की गैर वित्तीय वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) में निवेश करेगी, जिससे सरकार को ब्याज के रूप में बड़ी रकम मिलने की संभावना है। सरकार ने भविष्य में मैच्योर होने वाली सभी एफडी को भी हरियाणा स्टेट फाइनेंस सर्विसेज लिमिटेड के जरिए गैर वित्तीय कंपनी में ही जमा कराने का फैसला लिया है।फिलहाल विभागों, बोर्ड, निगमों व उपक्रमों की एफडी अलग-अलग वित्तीय संस्थानों में जमा हैं, हरियाणा के 23 सार्वजनिक उपक्रमों में से 19 फायदे में चल रहे हैं।
आर्थिक संकट से उबरने के लिए उठाया कदम
वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने सभी विभागों के प्रशासनिक सचिवों, विभाग अध्यक्षों, डीसी, मण्डलायुक्तों, बोर्ड, निगमों, सहकारी संस्थाओं व उपक्रमों के प्रबंध निदेशकों, मुख्य प्रशासकों, सीईओ, यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को सरप्लस फंड तत्काल वापस कर हरियाणा स्टेट फाइनेंस सर्विसेज लिमिटेड में जमा कराने को कहा है। उन्होंने बताया कि कोरोना से उत्पन्न आर्थिक संकट से उबरने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। सारे फंड व एफडी इकट्ठा कर एक जगह जमा करेंगे तो ज्यादा ब्याज मिलेगा। अभी कम ब्याज आ रहा है।
केंद्र से विभिन्न मदों में मिल रही राशि
सीएम मनोहर लाल का कहना है कि कोरोना से निपटने के लिए केंद्र सरकार से पूरा सहयोग मिल रहा है। अलग-अलग मदों में केंद्र से बजट आ रहा है। जिसे कोरोना को खत्म करने व राहत कार्यों में लगा रहे हैं। जल्दी विशेष वित्तीय मदद की भी उम्मीद है।
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