(मनोज) चण्डीगढ़। प्रदेश मे किसानो की सरसों व गेहू की फसल कट चुकी है | कुछ किसान अपनी फसल बेच चुके तो कुछ किसान निजी कारणों से समय पर अपनी फसल नही बेच पाए | जिस बारे आज हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने स्पष्ट किया है कि जिन किसानों को खरीद केन्द्रों में बिक्री के लिए सरसों व गेहूं लाने के एसएमएस भेजे गये थे लेकिन ऐसे किसान किन्हीं कारणों से मंडियों में नहीं पहुंच सके थे, उन्हें दोबारा एसएमएस भेजे जाएंगे और सप्ताह में खरीद का एक दिन ऐसे छूटे हुए किसानों के लिए ही रखने का निर्णय लिया है।
किसी भी प्रकार की कोई सीमा नहीं
अक्सर कहा जाता है कि किसानो की पैदावार ज्यादा होती है लेकिन मंडी मे फसल कम खरीदी जाती है जिस आज चौटाला ने स्पष्ट किया कि किसान सरसों व गेहूं कितनी ही मात्रा में बिक्री के लिए ला सकते हैं, इस पर किसी भी प्रकार की कोई सीमा नहीं है। उन्होंने कहा कि पानीपत मंडी में एक किसान 1609 क्विंटल गेहूं लेकर आया था और उसकी पूरी गेहूं खरीदी गई है। उन्होंने कहा कि पहले दिन खरीदी गई सरसों का भुगतान भी किसानों के बैंक खातों में जमा करा दिया गया है। चौटाला ने कहा कि गेहूं के लिए 22,000 करोड़ रुपये व आढ़ती की अढाई प्रतिशत आढ़त के लिए लगभग 275 करोड़ रुपये सरकार ने रिजर्व रखे हुए हैं।
केंद्र से किसानों को अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि देने की मांग
कोरोना वायरस के चलते खरीद प्रक्रिया देरी से आरम्भ होने के सम्बन्ध में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा तो केन्द्र सरकार को इस बारे पहले ही लिख चुका था और विलम्ब के लिए किसानों को कुछ अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि देने की मांग की गई थी। इसी तरह का एक पत्र पंजाब सरकार ने भी केन्द्र सरकार को लिखा है। उन्होंने कहा कि वीडियो कान्फ्रैंसिंग के दौरान सभी राज्यों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपने-अपने राज्य की मांग के अनुरूप केन्द्र से वित्तीय सहायता की मांग की है। प्रधानमंत्री द्वारा महामारी कोरोना की रोकथाम के प्रबन्धों के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा पहले ही की जा चुकी है।
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