Breaking

Sunday, May 24, 2020

न मंडियों में भटकेंगे, न रेट पिटेगा, रोज 100 टन टमाटर अब सीधे खेत से क्रीमिका खरीदेगी

हरियाणा सरकार और किसान उत्पादक संगठन के सहयोग से पहली बार बहुराष्ट्रीय कंपनी से हुआ टाईअप

स्पेशल स्टोरी(नेहा)- जी हाँ, प्रदेश मे टमाटर के किसानो के लिए अच्छी खबर है कि अब रोजाना 100 टन टमाटर सीधे किसानों के खेतों से उठाए जाएंगे। किसानों को अपने टमाटर की फसल लेकर अब मंडी-दर-मंडी न तो भटकना पड़ेगा और न ही किसानों को कम रेट मिलने पर आर्थिक शोषण का शिकार होना पड़ेगा। सब्जी उत्पादकों को राहत देने के इरादे से हरियाणा सरकार ने किसान उत्पादक संगठनों के सहयोग से एक विशेष कदम उठाया है।

इस कड़ी में फिलहाल टमाटर उत्पादक किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए पहली बार बहुराष्ट्रीय कंपनी क्रीमिका से टाईअप किया गया है। इस मल्टीनेशनल कंपनी के पंजाब और हिमाचल प्रदेश में प्लांट है। जहां यह कंपनी टोमेटो कैचअप, टोमेटो पेस्ट, टोमेटो प्यूरी जैसे विभिन्न उत्पाद तैयार कर देश-विदेश में बेचती है।

हरियाणा सरकार और हर किसान प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड ( स्टेट फेडरेशन ऑफ हरियाणा फार्मर्स) के सहयोग से किसानों के साथ और राष्ट्रीय कंपनी का सीधा टाइअप करवाया गया। इस दौरान सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि पिछले दिनों टमाटर का जो थोक रेट डेढ़ रुपये प्रति किलो चल रहा था।

वह  अब 6 रुपये प्रति किलो से कम नहीं होगा। रेट पिटा तो सरकार भावांतर भरपाई योजना के तहत किसान को कम से कम 6 रुपये है जरूर दिलवाएगी। जबकि सरकार को उम्मीद है कि संबंधित कंपनी किसानों को इससे भी बढ़िया दाम उपलब्ध करवाएगी। जिससे टमाटर किसानों को अच्छा मुनाफा हो सकेगा।

किसानों को कलेक्शन सेंटर तक पहुंचाना होगा टमाटर

कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, करनाल, तोशाम, नूंह के विभिन्न गांवों में टमाटर कलेक्शन सेंटर तैयार किए जाएंगे। चरखी दादरी में भी एक कलेक्शन सेंटर बनाने पर विचार हो रहा है। किसानों को अपना टमाटर सिर्फ इन कलेक्शन सेंटर पर लेकर पहुंचना होगा। यहां मार्केटिंग बोर्ड और बागवानी विभाग के अफसर भी मौजूद रहेंगे। उनकी निगरानी में ही इन्हीं सेंटरों पर टमाटरों की खरीद होगी। मौके पर जो दाम तय होगा उतनी राशि डीबीटी के जरिए सीधे किसानों के खाते में पहुंच जाएगी।

ट्रांसपोर्टेशन का जिम्मा किसान उत्पादक संगठनों का

टमाटर कलेक्शन सेंटर से कंपनी के प्लांट तक टमाटर के ट्रांसपोर्टेशन की जिम्मेदारी किसान उत्पादक संगठन की होगी। इस ट्रांसपोर्टेशन का आधा खर्च हरियाणा सरकार वहन करेगी। किसान उत्पादक संगठनों को ट्रांसपोर्टेशन में 50 फीसद अनुदान देने की केंद्र सरकार की योजना है। लेकिन हरियाणा सरकार यह अनुदान पहले अपनी तरफ से ही किसान उत्पादक संगठनों को रिलीज कर देगी। बाद में इसे केंद्र सरकार से क्लेम कर लिया जाएगा।
हरियाणा सरकार के सहयोग से पहली बार प्रदेश में ऐसी व्यवस्था की जा रही है। जिसके अंतर्गत एक बहुराष्ट्रीय कंपनी को सीधे किसान अपना टमाटर बेच सकेंगे और बेहतर दाम पा सकेंगे। यह एक अच्छी शुरुआत है। जैसे-जैसे इसका विस्तार होगा। किसानों के लिए सब्जियों की खेती मुनाफे का सौदा बनती जाएगी।- इंद्रजीत सिंह, चीफ को-ऑर्डिनेटर, हर किसान प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड।

सरकार सब्जी उत्पादकों के मुनाफे को लेकर बहुत ज्यादा संजीदा है। इसी कड़ी में पहली बार उक्त प्रयास किया गया है। सब्जी उत्पादकों का दाम न पिटे, इसके लिए कई सब्जियों को भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत भी लिया गया है। किसान उत्पादक संगठनों के साथ सरकार इस काम में आगे बढ़ रही है।- संजीव कौशल, अतिरिक्त मुख्य सचिव, कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग हरियाणा

No comments:

Post a Comment