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Friday, May 15, 2020

लॉकडाउन में बच्चो का बिना दस्तावेज दाखिला, आधार से छुट, स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट भी दाखिला के लिए पर्याप्त

(मनोज)चंडीगढ़- हरियाणा के सरकारी स्कूलों के शिक्षक आधार नंबर व अन्य दस्तावेज न होने पर बच्चों को दाखिला से वंचित रख रहे हैं। बिना दस्तावेज ऑनलाइन दाखिला देने से साफ मना किया जा रहा है। जिसकी अनेक शिकायतें मिलने पर सरकार ने कड़ा रुख अपना लिया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी शिक्षा अधिकारियों व स्कूल मुखिया को साफ कर दिया है कि लॉकडाउन में बिना दस्तावेज दाखिला दिया जाए। बच्चों को आधार से छूट दें। स्कूल खुलने पर दस्तावेज लिए जाएंगे।

जिन छात्रों का दाखिला 6वीं व 9वीं में होना है, उन्हें सीरियल नंबर पर दाखिला दें। उनमें सारी जानकारी है। स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट को भी दाखिला के लिए पर्याप्त मानें। निर्देशों की उल्लंघना पर कार्रवाई की जाएगी। सभी स्कूल अभिभावकों के साथ घर लौट गए प्रवासी बच्चों की जानकारी भी जुटाएं। उनके अभिभावकों से बात करें ताकि ड्राप आउट रेट संतुलित किया जा सके। नए दाखिला के लिए एसएमसी व मिड डे मील वर्कर्स के साथ मिलकर अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं।

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अब 33% स्टाफ को स्कुल जाने की अनुमति दे : भारती
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ सरकारी स्कूलों में अधिक से अधिक दाखिला के लिए शिक्षकों की हजारों टीमें लगाएगा। राज्य कोर कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक में राज्य अध्यक्ष सीएन भारती की अध्यक्षता में यह निर्णय लिया गया। भारती के अलावा महासचिव जगरोशन व कोषाध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद बाटू ने बताया कि अध्यापक संघ अपने कार्यकर्ताओं व समस्त अध्यापक वर्ग को आह्वान करता है कि स्कूलों में नए दाखिलों के लिए हर वर्ष की तरह नामांकन अभियान चलाएं।

इसके लिए आंगनवाड़ी से विद्यालय जाने वाले बच्चों की सूची लेकर, सर्वे कर व सोशल मीडिया पर बच्चों के आधार व फोटो लेकर दाखिला अभियान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लें। सरकार, स्वास्थ्य विभाग व विशेषज्ञों की राय के बाद 33 प्रतिशत स्थानीय स्टाफ को स्कूल जाने की छूट दे, जिससे विद्यालय के कामकाज शुरू हो सकें। कोविड-19 की महामारी में बिना किसी सुरक्षा उपकरण के जान जोखिम में डालकर 70-80 हजार शिक्षक ड्यूटी कर रहे हैं।

दूसरे जिलों में ड्यूटी न लगाकर गृह जिले में काम लेने के लिए सरकार पत्र जारी करती है, वहीं दूसरी तरफ मुकद्दमें बनाती है। 20, 21 व 22 मई को खण्ड स्तर पर महामारी की हिदायतों का पालन करते हुए मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजे जाएंगे। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि गर्मी-सर्दी की छुट्टियां कम करने की कोशिश की तो शिक्षा मंत्री से मिलकर ऐसी गैर मनोवैज्ञानिक नीति का विरोध किया जाएगा। अध्यापक संघ ने सुझाव दिया है कि इस सत्र में 20 प्रतिशत सिलेबस कम कर दिया जाए।

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