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Friday, May 15, 2020

आत्मनिर्भर पैकेज का पार्ट-3, वित्तमंत्री ने एक घंटा 17 मिनट में 11 घोषणाएं कीं, पर 7 में साफ नहीं कि लागू कब होंगी

(मनवीर) दिल्ली -●   वित्तमंत्री ने एक घंटा 17 मिनट में 11 घोषणाएं कीं, पर 7 में साफ नहीं कि लागू कब होंगी; खेती के लिए 1 लाख करोड़ रु, किसानों को दूसरे राज्यों में भी उपज बेचने की छूट

● माइक्रो फूड एंटरप्राइजेज के लिए 10,000 करोड़ रुपए का पैकेज, 2 लाख इकाइयों को मिलेगा लाभ; हर्बल खेती को दिए 4,000 करोड़

आत्मनिर्भर पैकेज का पार्ट-3

1. एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 1 लाख करोड़ रुपए का फंड

क्या मिलेगा: फसल कटाई, कोल्ड चेन, स्टोरेज सेंटर जैसी ‘फार्म गेट’ सुविधाएं मजबूत करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए की फाइनेंसिंग की जाएगी।

किसे मिलेगा: एग्रीकल्चरल इन्फ्रास्ट्रक्चर, प्रायमरी एग्रीकल्चर को-ऑपरेटिव सोसायटी और खेती से जुड़े स्टार्ट-अप्स को यह मदद दी जाएगी।

कैसे मिलेगा: यह पैसा शॉर्ट टर्म लोन के जरिए मिलेगा।

कब मिलेगा: सरकार का कहना है कि तुरंत ही यह फंड बना लिया जाएगा।

2. माइक्रो फूड एंटरप्राइज के लिए 10 हजार करोड़ रुपए

क्या मिलेगा: लोकल के लिए वोकल के नारे को ध्यान में रखते हुए माइक्रो फूड एंटरप्राइज को 10 हजार करोड़ रुपए की मदद दी जाएगी ताकि वे फूड स्टैंड्‌डर्स का ध्यान रखते हुए ब्रांडिंग और मार्केटिंग कर सकें।

किसे मिलेगा: ऐसी 2 लाख यूनिट्स को इसका फायदा मिलेगा। कश्मीर का केसर हो, उत्तर प्रदेश का आम हो, पूर्वोत्तर का बांस हो, आंध्र प्रदेश की मिर्ची हो या बिहार का मखाना हो, इस तरह के उद्यमों को इसमें मदद मिलेगी।

कैसे मिलेगा: कृषि उपज संस्थाओं, सेल्फ हेल्प ग्रुप्स और सहकारी संस्थाओं के जरिए यह मदद दी जाएगी।

कब मिलेगा: सरकार ने अभी यह साफ नहीं किया है।

3. मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए 20 हजार करोड़ रुपए

क्या मिलेगा: प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के जरिए 20 हजार करोड़ रुपए की मदद मिलेगी। इसमें 11 हजार करोड़ रुपए मछली पालन और 9 हजार करोड़ रुपए बुनियादी सुविधाएं मजबूत करने के लिए मिलेंगे।

किसे मिलेगा: यह योजना मछुआरों के लिए है ताकि उन्हें मछली पालन में मदद मिल सके। द्वीप वाले राज्यों, हिमालयी राज्यों, पूर्वोत्तर और मछली पालन में आगे रहने वाले जिलों को यह मदद मिलेगी।

कैसे मिलेगा: मंडियों, हार्बर और कोल्ड चेन जैसी बुनियादी सुविधाओं पर पैसा खर्च होगा। 55 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। 1 लाख करोड़ रुपए का एक्सपोर्ट हो सकेगा।

कब मिलेगा: सरकार को उम्मीद है कि इससे 5 साल में 70 लाख टन ज्यादा मछली पालन हो सकेगा।

4. पशुओं के टीकाकरण के लिए 13 हजार 343 करोड़ रुपए

क्या मिलेगा: गाय, भैंस, भेड़, बकरी, सूअरों काे टीका लगाया जाएगा। इस पर 13 हजार 343 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

किसे मिलेगा: 53 करोड़ पशुओं को ये टीके लगेंगे। इन्हें पालने वालों को सरकार मदद देगी।

कैसे मिलेगा: जिन पशुओं को पाला जाता है, उन्हें मुंह और खुर की बीमारियां न हों, इसके लिए टीके लगाए जाएंगे। अभी तक 1.5 करोड़ गाय-भैंस को यह टीका लगाया जा चुका है।

कब मिलेगा: सरकार ने यह अभी साफ नहीं किया है।


5. पशुपालन सेक्टर में इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 15 हजार करोड़ रुपए

क्या मिलेगा: पशुपालन सेंटरों के लिए बुनियादी ढांचा बनेगा। इस पर 15 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे।

किसे मिलेगा: डेयरी चलाने वालों को। इस पैसे से दूध के लिए प्रोसेसिंग इंडस्ट्री लगेंगी। डेयरी सेक्टर में निजी इन्वेस्टमेंट हो सकेगा।

कैसे मिलेगा: पशुओं को रखने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर बनेगा। लोकल मार्केट और एक्सपोर्ट के लिए भी पैसा इस्तेमाल होगा। अगर एक्सपोर्ट करना चाहते हैं तो प्लांट के लिए इंसेंटिव मिलेगा।

कब मिलेगा: सरकार ने यह अभी साफ नहीं किया है।

6. औषधीय पौधों के लिए 4 हजार करोड़ रुपए

क्या मिलेगा: हर्बल प्रोड्यूस के लिए 4 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे।

किसे मिलेगा: मेडिसिनल प्लांट की खेती करने वाले किसानों को फायदा मिलेगा। 10 लाख हेक्टेयर यानी करीब 25 लाख एकड़ में खेती हो पाएगी।

कैसे मिलेगा: यह खेती करने पर किसानों की 5 हजार करोड़ रुपए की आमदनी होगी। क्षेत्रीय मंडियों पर पैसा खर्च होगा। गंगा किनारे भी औषधीय पौधे लगाने की मुहिम चलाई जाएगी। गंगा किनारे ऐसे पौधों का 800 हेक्टेयर का कॉरिडाेर बनाया जाएगा।

कब मिलेगा: अगले दो साल में यह पैसे खर्च होंगे।

7. मधुमक्खी पालने वालों के लिए 500 करोड़ रुपए

क्या मिलेगा: मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपए खर्च होंगे। शहद की सप्लाई बढ़ेगी। किसानों के लिए यह उनकी आमदनी का अतिरिक्त जरिया होगा।

किसे मिलेगा: मधुमक्खी पालने वाले 2 लाख लोगों को इसका फायदा मिलेगा।

कैसे मिलेगा: महिलाओं को इसमें ज्यादा मौका दिया जाएगा। शहद के कलेक्शन, स्टोरेज और मार्केटिंग में मदद मिलेगी।

कब मिलेगा: सरकार ने यह अभी साफ नहीं किया है।

8. TOP यानी टमाटर, आलू, प्याज योजना में अब बाकी सब्जियां और फल भी

क्या मिलेगा: टमाटर, आलू और प्याज के मामले में ऑपरेशन ग्रीन चलता है ताकि किसानों को इसका ठीक पैसा मिले। अब यह योजना फल और सब्जियों पर भी लागू होगी।

किसे मिलेगा: उन किसानों को फायदा मिलेगा, जो आलू, प्याज और टमाटर के अलावा फल और सब्जियां भी उगाते हैं, लेकिन जिन्हें कई बार इनके सही दाम नहीं मिल पाते।

कैसे मिलेगा: इसके लिए 500 करोड़ रुपए खर्च होंगे। 50% सब्सिडी ट्रांसपोर्टेशन और 50% सब्सिडी स्टोरेज और कोल्ड स्टोरेज पर दी जाएगी।

कब मिलेगा: छह महीने का पायलट प्रोजेक्ट होगा।

9. आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव होगा

क्या मिलेगा: खेती में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और किसानों को अच्छे दाम देने के लिए 1955 के आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव किया जाएगा।

किसे मिलेगा: तिलहन, दलहन, आलू, प्याज उगाने वाले किसानों और खाने का तेल बेचने वालों को इसका सीधा फायदा मिलेगा। इन्हें रेगुलेशन के दायरे से बाहर किया जाएगा।

कैसे मिलेगा: इन चीजों के लिए किसानों पर कोई स्टॉक लिमिट नहीं थोपी जाएगी। प्रोसेसर और वैल्यू चेन में शामिल लोगों के लिए स्टॉक लिमिट नहीं होगी। स्टॉक लिमिट सिर्फ राष्ट्रीय आपदा जैसे असाधारण मामलों में ही लागू की जाएगी।

कब मिलेगा: सरकार ने यह नहीं बताया कि कानून में संशोधन कब होगा।

10. एग्रीकल्चर मार्केटिंग रिफॉर्म

क्या मिलेगा: एक केंद्रीय कानून बनेगा ताकि किसानों के पास अच्छी कीमतों पर उपज बेचने का मौका रहे।

किसे मिलेगा: उन किसानों काे, जो अब तक लाइसेंस रखने वाली एग्रीकल्चर प्रोड्यूसर मार्केट कमेटी में ही अपनी उपज बेच पाते थे।

कैसे मिलेगा: किसान दूसरे राज्यों में जाकर भी बिना रोकटोक कृषि उपज बेच सकेंगे। वे ई-ट्रेडिंग भी कर सकेंगे।

कब मिलेगा: सरकार ने यह अभी साफ नहीं किया है।
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