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Wednesday, May 13, 2020

प्रवासी घर वापसी जारी है - आज 5 रेलगाडिय़ों और बसों के माध्यम से लगभग 11000 से अधिक प्रवासी मजदूरों को भेजा


(मनोज) चंडीगढ़, 12 मई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश के उन्नति में प्रवासी श्रमिकों का उल्लेखनीय योगदान रहा है और इस नाते उनके दुख-दर्द को समझना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते हरियाणा में फंसे श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में भेजने और अन्य राज्यों में फंसे हरियाणा के लोगों को लाने का काम बड़े पैमाने पर जारी है। इसी कड़ी में आज 5 रेलगाडिय़ों और बसों के माध्यम से लगभग 11000 से अधिक प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य स्थानों के लिए रवाना किया गया।
        नारनौल रेलवे स्टेशन से 1628 यात्रियों को लेकर आज पहली श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ी मध्यप्रदेश के छतरपुर के लिए रवाना हुई। इनमें 188 बच्चे शामिल हैं। इसी तरह, लगभग 1450 श्रमिकों को रोहतक से बिहार के कटिहार, 1417 प्रवासी श्रमिकों को फरीदाबाद से मध्यप्रदेश के दमोह जबकि 1440-1440 प्रवासी मजदूरों को रेवाड़ी से मध्यप्रदेश के सागर और दादरी व भिवानी से बिहार के किशनगंज भेजा गया। हरियाणा से अब तक लगभग 75000 प्रवासी श्रमिकों को 1200 से अधिक बसों और 16 रेलगाडिय़ों के माध्यम से दूसरे राज्यों में भेजा गया है। इसी तरह, अन्य राज्यों से लगभग 9700 लोग हरियाणा में आए हैं। 

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रोहतक से दो, फरीदाबाद, रेवाड़ी व भिवानी से एक-एक चली स्पेशल ट्रेन

        रोहतक व अन्य जिलों में फंसे 1459 प्रवासी मजूदरों व बच्चों को आज सायं रोहतक रेलवे स्टेशन से बिहार के कटिहार के लिए विशेष ट्रेन से रवाना कर दिया गया। इस विशेष ट्रेन में 1428 श्रमिक एवं 31 बच्चे सवार हंै। इससे पूर्व भी रोहतक रेलवे स्टेशन से दो विशेष ट्रेनों से प्रवासी मजदूरों को बिहार पहुंचाया जा चुका है। प्रदेश के विभिन्न जिलों व स्थानों से बसों के माध्यम से रेलवे स्टेशन पर प्रवासी मजदूरों व बच्चों को पहुंचाया गया। जिला जींद से 201, रोहतक से 42, गुरुग्राम से 63, सोनीपत से 49, हांसी से 235, हिसार से 108, फतेहाबाद से 179, यमुनानगर से 59, कुरुक्षेत्र से 180 एवं पानीपत से 345 श्रमिकों व बच्चों को रेलवे स्टेशन पर पहुंचाया गया, जहां से वे विशेष ट्रेन से अपने गंतव्य स्थान के लिए रवाना हुए।
        रोहतक से विशेष ट्रेन में सवार प्रवासी मजदूरों ने सरकार द्वारा किये गये विशेष ट्रेनों के प्रबंध के लिए आभार और खुशी का इजहार करते हुए कहा कि वे लम्बे समय के बाद वे अपने घर लौट रहे हैं, जिसका वे लॉकडाउन शुरू होते ही बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। रेलवे स्टेशन से गाड़ी रवाना होते ही गाड़ी में सवार भी श्रमिक भारत माता की जय तथा जय हरियाणा के नारे लगाते हुए अपनी मंजिल के लिए निकल पड़े।
        सभी मजदूरों को पैकिंग में खाना उपलब्ध करवाया गया। उन्हें पानी की बोतलें दी गई। इसके साथ-साथ सभी मजदूरों को सैनिटाइजर व थ्री लेयर मास्क भी उपलब्ध करवाया गया। प्रवेश द्वार पर सभी मजदूरों की थर्मल स्कैनिंग भी की गई। रेलवे स्टेशन पर लाने से पूर्व भी श्रमिकों का मेडिकल चेकअप किया गया था। मजदूरों का कहना था कि वे राज्य सरकार के प्रयासों से अब वे जल्द ही अपने-अपने गांव पहुंच कर परिजनों से मुलाकात कर सकेंगे।

        आज दादरी से जो श्रमिक परिवार रवाना हुए हैं, उनमें बिहार के अरहरिया जिला के 393, कटिहार के 86, किशनगंज के 7, मधेपुरा के 195, पूर्णिया के 384, सहरसा के 335 और सुपोल जिला के 144 निवासी शामिल हैं। इसके अलावा, दादरी एससीआर स्कूल से रात को तीस श्रमिक जम्मू के लिए हरियाणा रोडवेज की बस में भेजे गए हैं। सुबह पांच बजे दादरी एसएसीआर स्कूल से 40 बसों में बिहार के विभिन्न जिलों के रहने वाले श्रमिक एवं उनके परिजन भिवानी रेलवे स्टेशन के लिए रवाना हुए। परिवहन विभाग इन बसों को सेनेटाइज करवा कर स्कूल परिसर में भिजवाया गया। मजदूरों को सुबह नाश्ता करवाकर और लंच पैक करके रवाना किया गया। 

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दादरी प्रसाशन की बेहरीन मेहमानवाजी 

 वहीं चरखी दादरी से विदा हो रहे प्रवासी मजदूर सुनील का कहना था कि दादरी प्रशासन ने उनका इतना ध्यान रखा, जैसे वे दादरी जिला में बतौर मेहमान आए हों। यहां इतना प्यार मिला है कि महामारी का खात्मा होते ही उनकी फिर से दादरी वापसी होगी। जिला पूर्णिया निवासी राजेंद्र कुमार का कहना था कि दादरी में उनको पौष्टिïक भोजन दिया गया और उसके बाद नि:शुल्क उनके घर भेजा जा रहा है। वे दादरी प्रशासन के अधिकारियों को सदा याद रखेंगे। कटिहार जिला निवासी मुन्ना शर्मा और संजोनी कुमारी ने बताया कि उनके साथ प्रशासन का बहुत ही अच्छा व्यवहार रहा। उन्हें और उनके बच्चों को चाय-दूध, बिस्कुट आदि पूरा सामान दिया गया है। अरहरिया जिला निवासी राजऋषि देव का कहना है कि उन्हें यह सफर जीवनभर याद रहेगा।

शेल्टर होम में 2 दिन पहले ही माया ने एक बच्चे को जन्म

        वहीं नारनौल में भी प्रवासी मजदूरों ने यहां जिला प्रशासन व आम नागरिकों द्वारा उनके रहने व खाने-पीने की व्यवस्था की सराहना की। अपने दो दिन के बेटे विश्वजीत को गोद में लिए छतरपुर जिले के बिकोरा गांव की माया के लिए तो ये पल बहुत ही यादगार रहेंगे। महेंद्रगढ़ के आरपीएस स्कूल में बनाए गए शेल्टर होम में 2 दिन पहले ही माया ने एक बच्चे को जन्म दिया था। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने उनके बच्चे के लिए सभी प्रकार की दवाइयां और खाना उपलब्ध करवाया। माया के पति बरदानी ने बताया कि सरकार ने मुफ्त में रेल टिकट देकर घर भेजने का प्रबंध किया है जिससे वे बहुत अधिक खुश हैं। मध्यप्रदेश के हरद्रा हाथी घाट के धन सिंह, पैरा गांव के बृजेंद्र और ग्वालियर के छोटू ने बताया कि इस विशेष ट्रेन में राज्य सरकार ने उनके लिए मुफ्त में टिकट व पानी तथा खाने आदि की व्यवस्था की है जिससे वे बहुत खुश हैं।

 रेवाड़ी जंक्शन से आज लगातार छठे दिन गई श्रमिक स्पेशल ट्रेन 

उधर रेवाड़ी जंक्शन से आज लगातार छठे दिन शाम साढ़े सात बजे श्रमिक स्पेशल ट्रेन मध्यप्रदेश के खेतीहर प्रवासी श्रमिकों को लेकर सागर के लिए रवाना हुई। राज्य सरकार द्वारा निशुल्क यात्रा की व्यवस्था पर खुशी जाहिर करते हुए श्रमिक बोले कि वे बाजरा व कपास की कटाई के समय फिर आएंगे। हरियाणा अच्छा लगा और यहां की सरकार ने कठिन समय में हमें हमारे घर भेजने की व्यवस्था की। रेवाड़ी में रह रहे खेतीहर प्रवासी मजदूरों को शैल्टर होम से रोडवेज की बसों के माध्यम से रेलवे स्टेशन तक लाया गया। रेलवे प्लेटफार्म, ट्रेन और प्रत्येक प्रवासी श्रमिक के हाथों को सैनिटाइज किया गया तथा उनके लिए भोजन व पीने के पानी की व्यवस्था भी की गई।

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