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Tuesday, May 19, 2020

हरियाणा में स्पोट्र्स कॉम्पलैक्स तथा स्टेडियमों को खोलने की मिली अनुमति - संदीप सिंह खेल मंत्री


(मनोज) चंडीगढ़, 19 मई- हरियाणा के खेल मंत्री श्री संदीप सिंह ने कहा कि कोविड-19 की रोकथाम के मद्देनजर भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार हरियाणा में स्पोट्र्स कॉम्पलैक्स तथा स्टेडियमों को खोलने की अनुमति दे दी गई है। इस दौरान जिला खेल एवं युवा मामले अधिकारियों को आवश्यकता अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने तथा सैनिटाइजर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के अलावा सभी कर्मचारियों, खेल प्रशिक्षकों व प्रशिक्षणार्थियों को मुंह पर मास्क पहनने के निर्देश दिए गए हैं।
खेल मंत्री ने आज यहां बताया कि कोविड-19 की रोकथाम के दृष्टिïगत 31 मई, 2020 तक देश में गृह मंत्रालय ने जो दिशा-निर्देश जारी किए हैं उनके तहत हरियाणा सरकार ने भी स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स और स्टेडियम को खोलने की अनुमति दी है, हालांकि दर्शकों को इन स्थलों पर आने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

आरोग्य सेतु व सोशल डिस्टेंसिंग जरुरी

उन्होंने बताया कि निर्देशों के अनुसार सभी खेल कर्मचारियों और खिलाडिय़ों के लिए आरोग्य सेतु का उपयोग करना अनिवार्य किया गया है। खेल विभाग के भवनों में पीडब्ल्यूडी द्वारा एयर-कंडीशनर के उपयोग के संबंध में जारी निर्देश का सख्ती से पालन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि खेल विभाग गैर-संपर्क थर्मल तापमापी से स्वास्थ्य जांच का प्रावधान सुनिश्चित करेगा और इस तरह की स्क्रीनिंग का रिकॉर्ड रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा खेल स्टेडियमों/कॉम्प्लेक्स में प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों को कोविड-19 के बारे में जागरूक किया जाएगा।
श्री सिंह ने बताया कि स्टेडियमों के प्रवेश द्वार पर हैंड-सैनिटाइजर उपलब्ध कराए जाएंगे और उचित स्वच्छता प्रक्रिया पर दिशा-निर्देशों के साथ एक सूचना प्रदर्शित की जाएगी। उन्होंने बताया कि फुट-पैडल सैनिटाइजर/किसी भी अन्य सेंसर आधारित सैनिटाइजर को सभी खेल-केंद्रों के अलावा चिकित्सा केंद्र, डाइनिंग हॉल/मेस और अन्य प्रवेश बिंदुओं पर रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों का पालन किया जाएगा तथा स्टेडियम/परिसर क्षेत्र में मास्क का उपयोग किया जाएगा। प्रशिक्षुओं और कर्मचारियों को व्यक्ति के बीच न्यूनतम 1.5 से 2 मीटर की सोशल डिस्टेंसिंग  के मानदंड का कड़ाई से पालन करना होगा। हैंडशेक और अन्य प्रकार के अभिवादन, जिन्हें शारीरिक संपर्क होता है, से बचा जाना चाहिए।


एक बार में 8-10 खिलाडिय़ों को कोचिंग

खेल मंत्री ने कहा कि व्यक्तिगत उपकरण जैसे धनुष, बंदूक, तलवार, भाला, डिस्कस, रैकेट आदि का बिना सांझा किए उपयोग किया जाएगा और हरेक के उपयोग के बाद कीटाणुरहित किया जाएगा। खेल के विशिष्ट सुरक्षा उपकरण जैसे हेलमेट, आई प्रोटेक्टर, फेस प्रोटेक्टर आदि सांझा नहीं किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण गतिविधियों को छोटे समूहों (अधिकतम 8-10 खिलाड़ी) में किया जा सकता है। एथलीटों को उन खेल-अभ्यासों से बचना चाहिए जिनसे शारीरिक संपर्क होता है। प्रशिक्षुओं को इस अवधि के दौरान फ्री-हैंड अभ्यास करने और बड़े पैमाने पर योग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। टीम-स्पर्धाओं के मामले में किसी मैदान में एक घंटे के लिए 18 खिलाड़ी और दो कोच मौजूद रहेंगे और उनके जाने के बाद ही दूसरे समूह को अंदर लाया जा सकता है। व्यक्तिगत स्पर्धाओं के मामले में कोच एक बार में 10 खिलाडिय़ों को कोचिंग दे सकता है और दूसरे समूह को पहले समूह के जाने के बाद ही स्टेडियम में आने की अनुमति होगी।

उन्होंने बताया कि प्रत्येक कमरे में सभी चिकित्सा-कक्ष के फर्नीचर को सुबह 8.30 बजे से पहले और फिर एक बार सुबह 11 बजे सैनेटाइज किया जाएगा। बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स में खिलाड़ी-मरीजों के प्रवेश द्वार में  दीवार पर सेंसर आधारित हैंड-सैनिटाइजर होगा जिसे प्रवेश से पहले हर मरीज को इस्तेमाल करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि जितना संभव हो सके, एथलीट टेली-परामर्श का सहारा लेंगे। उन्होंने बताया कि खेल-केंद्र में वितरित किए जाने वाले पैक्ड-भोजन/ताजे फल आदि की आपूर्ति उपयोग से 24 घंटे पहले तक तथा कार्डबोर्ड पैकिंग 72 घंटे की अवधि के लिए एक खुले क्षेत्र में रखे जाएंगे। फलों और सब्जियों को कुछ घंटों के लिए पतला सिरका, नमक या नींबू पानी में भिगोया जा सकता है और खाने से पहले सूखने के लिए छोड़ दिया जाना चाहिए।

स्विमिंग-पूल को नही खोला जाएगा

खेल मंत्री ने बताया कि अभी स्विमिंग-पूल को किसी भी परिस्थिति में नहीं खोला जाएगा। उन्होंने सभी खिलाडिय़ों, प्रशिक्षकों व विभाग के कर्मचारियों को अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने का आह्वान करते हुए कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में प्रशिक्षकों को खिलाडिय़ों का ट्रेनिंग-प्रोग्राम बनाने से पहले गर्मी के तापमान को ध्यान में अवश्य रखना चाहिए।


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