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Thursday, May 21, 2020

जुर्माना नहीं भरने वाले स्कूलों का रुकेगा परिणाम व सरकारी स्कूलों के कार्यालय खुलेगे

(मनोज) हरियाणा शिक्षा बोर्ड (Haryana Board of Education) की ओर से लगाई गई जुर्माना राशि नहीं भरने वाले स्कूलों का बोर्ड परिणाम (Results) जारी नहीं होगा। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी ने इस बारे में आदेश जारी कर दिए हैं। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा आयोजित करवाई गई वार्षिक परीक्षा मार्च 2019 में जिन निजी विद्यालयों (Private School) के अध्यापकों व प्राध्यापकों की ड्यूटी पर्यवेक्षक के रूप में बोर्ड कार्यालय द्वारा लगाई गई थी तथा उनमें से अनुपस्थित रहे पर्यवेक्षकों के सम्बन्धित विद्यालयों पर 5000 रुपए जुर्माना लगाया था। इनमें से कई स्कूलों ने जुर्माना राशि नहीं भरी। उन्होंने बताया कि जिन विद्यालयों द्वारा निर्धारित समय तक जुर्माना नहीं भरा जाएगा उनका वार्षिक परीक्षा मार्च-2020 का परिणाम रोक लिया जाएगा। यह जानकारी देते हुए बोर्ड अध्यक्ष डा. जगबीर सिंह एवं सचिव राजीव प्रसाद ने बताया कि साथ ही ऐसे विद्यालयों को जुर्माना राशि ऑनलाइन भरने के लिए 20 मई से 25 मई तक का समय दिया जा रहा है। इसके बाद भी जो स्कूल संचालक इस मामले में कोताही बरतेंगे तो उन स्कूलों के बच्चों का परीक्षा परिणाम रोका जाएगा। वे बोर्ड की वेबसाइट पर दिए गए पोर्टल पर जुर्माना राशि भर सकते हैं |

सरकारी स्कूलों के कार्यालय खुलेगे, खरीद सकेगे 4000 तक का ये सामान 


हरियाणा सरकार ने राज्य के सभी सरकारी स्कूलों के कार्यालय खोलने का निर्णय लिया है ताकि लॉकडाऊन के कारण दो महीने से बंद पड़े प्रशासनिक कार्यों को निपटाया जा सके।
एक सरकारी प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि स्कूल शिक्षा निदेशालय ने राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी, खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी, स्कूल मुखिया/प्रभारी एवं डीआईईटी, बीआईईटी, जीईटीटीआई के प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए  हैं कि सभी सरकारी स्कूलों व अन्य शैक्षणिक संस्थानों के कार्यालय समयानुसार ही खोले जाएं।
उन्होंने बताया कि स्कूल मुखियाओं को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, हरियाणा द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सोशल-डिस्टेंसिंग बनाने, मास्क लगाने, सैनेटाइजर आदि का प्रयोग कर स्वच्छता बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य सरकार द्वारा सभी स्कूलों को साबुन, सैनेटाइजर, फेस मास्क, हैंडवाश, टॉयलेट क्लीनर आदि खरीदने के लिए 2500 रूपए से लेकर 4000 रूपए तक की एकमुश्त राशि भी दी जा रही है।
प्रवक्ता के अनुसार अगर स्कूल मुखिया को मिड-डे मिल व पाठ्य-पुस्तकों के वितरण या स्कूल के किसी अन्य कार्य के लिए सहयोग की आवश्यकता है तो किसी प्रभारी अध्यापक को बुला सकता है। उन्होंने बताया कि दिव्यांगजनों, गर्भवती महिलाओं, क्रोनिक रोग से ग्रस्त स्टॉफ के सदस्यों को अभी स्कूल आने से छूट दी गई है। स्कूल के कार्यालयों, अनिवार्य फर्नीचर व कक्षों को सैनेटाइजर करना जरूरी है।
उन्होंने आगे जानकारी दी कि नए शैक्षणिक वर्ष के लिए सभी सरकारी स्कूलों में एक सप्ताह के अंदर स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों की प्रथम बैठक का आयोजन कर दाखिला अभियान, शत-प्रतिशत नामांकन, अवस्थांतर तथा ड्रापआऊट रेट को शून्य करने की योजना करने के निर्देश दिए हैं।

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