प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के चलते कई क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ बरसात हुई। रविवार शाम हुई बारिश से अधिकतम तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। वहीं, खेतों तथा मंडियों में किसानों की गेहूं व सरसों की फसल को बरसात के चलते नुकसान पहुंचा है। इस समय गेहूं की कटाई व मंडी में आवक जोरों पर है। बरसात के कारण फसल को काफी नुकसान की आशंका है। बरसात के आगामी तीन दिनों तक और आने की संभावना ने किसानों के माथे की लकीरें भी बढ़ा दी हैं। हरियाणा कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार आगामी छह मई की रात्रि तक प्रदेश में बादल छाए रहने व मध्यम बारिश की संभावना है। इस दरम्यान तेज गति से हवाएं चलने की भी संभावना बनी हुई है।
कपास की बिजाई रोकने की सलाह
हकृवि कृषि वैज्ञानिकों ने मौसम का हाल देखते हुए किसानों को आगामी 7 मई तक कपास व नरमा की बिजाई रोकने की सलाह दी है। तेज हवाएं चलने की संभावना के चलते किसानों को गेहूं की कटाई के उपरांत इनके बंडल बांधने की सलाह दी गई है। तूड़ी व भूसे को ढककर रखें। किसान मंडी में फसल ले जाते समय तिरपाल का भी प्रबंध रखें ताकि फसल को भीगने से बचाया जा सके।
मंडी व परचेज सेंटरों पर भीगा पीला सोना
प्रदेश की मंडियों में इस समय गेहूं की आवक तेजी पर है। कोरोना के चलते इस बार मंडियों के अलावा परचेज सेंटर की संख्या भी बढ़ाई गई है। बीते दो दिनों से प्रदेश के अलग अलग क्षेत्रों में अंधड़ के साथ हुई बारिश में खेतों के अलावा मंडियों तथा खरीद सेंटरों पर भी गेहूं की फसल भीगी है। रविवार को हालांकि परचेज बंद होने के कारण अपेक्षाकृत कम अनाज आया था।
कपास की बिजाई रोकने की सलाह
हकृवि कृषि वैज्ञानिकों ने मौसम का हाल देखते हुए किसानों को आगामी 7 मई तक कपास व नरमा की बिजाई रोकने की सलाह दी है। तेज हवाएं चलने की संभावना के चलते किसानों को गेहूं की कटाई के उपरांत इनके बंडल बांधने की सलाह दी गई है। तूड़ी व भूसे को ढककर रखें। किसान मंडी में फसल ले जाते समय तिरपाल का भी प्रबंध रखें ताकि फसल को भीगने से बचाया जा सके।
मंडी व परचेज सेंटरों पर भीगा पीला सोना
प्रदेश की मंडियों में इस समय गेहूं की आवक तेजी पर है। कोरोना के चलते इस बार मंडियों के अलावा परचेज सेंटर की संख्या भी बढ़ाई गई है। बीते दो दिनों से प्रदेश के अलग अलग क्षेत्रों में अंधड़ के साथ हुई बारिश में खेतों के अलावा मंडियों तथा खरीद सेंटरों पर भी गेहूं की फसल भीगी है। रविवार को हालांकि परचेज बंद होने के कारण अपेक्षाकृत कम अनाज आया था।
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