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Thursday, May 14, 2020

शराब घोटाला- रणदीप सुरजेवाला ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से पूछा क्या सारी दाल ही काली है

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने वाल उठाते हुए पूछ लिया है कि जब सारे प्रदेश में लॉक डाउन था, तो इस दौरान आबकारी विभाग ने किस तरह से परमिट जारी कर दिए।

(मनोज)चंडीगढ़। हरियाणा (Haryana) में जिस समय कोरोना संक्रमण के कारण चौतरफा लॉक डाउन (Lockdown) घोषित कर दिया गया था उसके बावजूद शराब माफियाओं ने जमकर खेल-खेला। अब इस खेल पर विपक्ष ने हमला शुरू कर दिया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है।विपक्षी नेताओं ने सवाल उठाते हुए पूछ लिया है कि जब सारे प्रदेश में लॉकडाउन था, तो इस दौरान आबकारी विभाग ने किस तरह से परमिट जारी कर दिए। उन्होंने आबकारी विभाग पुलिस प्रशासन की मिलीभगत (Collusion) को लेकर सवाल उठाए हैं। 
सुरजेवाला ने अपने ट्वीट में लिखा है, खट्टर साहेब, हरियाणा में शराब घोटाले की असलियत बेपर्दा? कागज साथ लगा रहा हूं। आपके जबाब का इंतजार रहेगा। 25 मार्च को शराब ठेके बंद किए। फिर 26 मार्च से 31 मार्च के बीच शराब फैक्टरी से शराब निकाल शराब ठेकों पर पहुंचाने के 23 परमिट जारी क्यों? थोक शराब विक्रेता से शराब ठेकों तक शराब पहुँचाने के 96 पास जारी क्यों?

 वहीं उन्होंने सीएम से पूछा की 31 मार्च को शराब फैक्टरी, थोक शराब विक्रेता (L1) और शराब ठेकों (L-13) के गोदामो की जाँच की गई या नहीं? स्टॉक में कितनी हेरा-फेरी पाई गई? क्या सूची जारी कर प्रदेश को बताएंगे? गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ क्या कार्यवाही हुई? दाल में काला नहीं, क्या सारी 'दाल ही काली' है?

सबसे ज्यादा परमिट सोनीपत जिले में जारी किए गए और जमकर खेल हुआ 

यहां पर बता दें कि लॉकडाउन वह कोरोना संक्रमण काल के दौरान भी सबसे ज्यादा परमिट सोनीपत जिले में जारी किए गए और जमकर खेल हुआ। इसके अलावा गुरुग्राम में 1 परमिट और 11 पास जारी किए गए। अंबाला में 4 पास जारी किए गए जबकि गुरूग्राम पश्चिम मैं 10 पास और एक परमिट जारी किया गया। हिसार में 4 पास जारी हुए जबकि झज्जर में 2 पास और एक परमिट जारी हुआ। पानीपत में 16 और सोनीपत में सबसे ज्यादा 47 पास जारी किए गए जबकि सोनीपत में ही 20 परमिट जारी हुए। सोनीपत में सबसे ज्यादा संख्या में पास जारी किए गए। गौरतलब है कि आबकारी एवं कराधान विभाग की ओर से जारी परमिट और पास के बिना शराब की सप्लाई को डिस्टलरी से दुकानों तक पहुंचाने की व्यवस्था होती है। इंजरी पास और परमिट में शराब की फैक्ट्री से लेकर संबंधित वाहन और भरे गए माल के साथ-साथ चालक परिचालक वाहन के नंबर सारा ब्योरा होता। इसी तरह से पास शराब की सप्लाई को होलसेल के व्यापारी से रिटेल के कारोबारी तक पहुंचाने का के लिए जरूरी है। लेकिन जब सारा प्रदेश और सरकारी दफ्तर यहां तक कि अस्पतालों में सामान्य ओपीडी भी बंद थी तो इस तरह से पास में परमिट कैसे जारी होते रहे। 

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 मार्च के अंत तक पुराने ठेकेदारों की समय सीमा 

यहां पर बता दें कि हर वित्तीय वर्ष में मार्च के अंत तक पुराने ठेकेदारों की समय सीमा होती है। लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण वह प्रदेश सरकार द्वारा लॉक डाउन के कारण सारा कुछ पटरी से उतर गया। 23 मार्च को लॉक डाउन की शुरुआत हुई और प्रदेश के अंदर दो दिन बाद ही राज्य सरकार ने ठेके बंद करने का ऐलान कर दिया था। सारे एलान को ताक पर रखकर शराब के ठेकेदारों और आपकारी विभाग के अधिकारियों ने जमकर खेल किया। अंतिम दिनों में विभाग को 100 से ऊपर आवेदन मिले लेकिन 96 को मंजूरी दी गई। 15 आवेदन खारिज कर दिए जबकि लगभग 20 को लंबित दिखाया गया है। विभाग की मानें तो 71 आवेदन में से 23 को मंजूरी दी गई और 40 से ज्यादा लंबी छोड़े गए थे। कुल मिलाकर इस खेल के पीछे शराब माफिया और ठेकेदारों ने जमकर खेल किया। कुछ प्रदेश के अंदर तो कुछ इंटरस्टेट खेल करने में भी माहिर हैं।

खुदाई का कार्य जारी 

वही अब खरखोदा मे जगह जगह खुदाई करवाई जा रही है तो जगह जगह बोतले दबाई गई है, जो खुदाई के दोरान मिल रही है | अभी तो SIT ने जांच शरू की है अभी तो आगे आगे देखते है होता क्या है ? आखिर इस खेल मे किस किस कद्द के नेता या व्यापारी शामिल मिलते है | 

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