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Sunday, June 7, 2020

75 गांवों के गन्ना किसानों की उम्मीद भूना शुगर मिल को लेकर क्या नया चल रहा है, आइए जानते हैं

शुगर मिल का मालिकाना हक वायर एंड सुंदर ग्रुप को सौंप दिया गया है। क्षेत्र के किसान समय समय पर इसे चलाने की गुहार सरकार और जिला प्रशासन से लगा रहे हैं लेकिन किसान शुगर मिल चलने की बाट जोहने वाले धरने प्रदर्शन के बाद में कोरे आश्वासनों के भरोसे बैठे हुए हैं। दूसरी तरह मालिकाना हक लेने वाली कंपनी कुछ और खेल में जुटी है।

हरियाणा के फतेहाबाद जिला अंतर्गत आने वाली भूना शुगर मिल चलने की एक दशक से इंतजार करने वाले लगभग 75 गांवों के किसानों को निराशा हाथ लग रही है। चुनाव के समय ये जरूर एक मुद्दा बनती है लेकिन उसके बाद किसानों को उनके हाल पर छोड दिया जाता है। रोजनेताओं का वोटरों के साथ ये धोखाधडी का सिलसिला कब खत्म होगा कोई नहीं जानता। इसको लेकर खूब आंदोलन भी हो चुके हैं। करीबन हर राजनेता ने मिल के किसानों के साथ घडियाली आंसू बहाकर वोट मांगे हैं लेकिन समाधान आज तक कोई नहीं कर पाया है और गन्ना किसान उम्मीद लगाए बैठे हैं बस। असल में किसानों के साथ राजनीतिक लोगों के धोखे की मिसाल है भूना की शुगर मिल। इस शुगर मिल को निजी हाथों में साैंंपने के बाद भी अब अंदरखाते एक खेल खेलने की तैयारी चल रही है। एक दौर में नामी गिरामी इस मिल को कांग्रेस शासनकाल में निजी हाथों में सौंपा गया था, लेकिन इस मिल को खरीदने वाले भी अब लीपापोती कर इस चलाने की जिम्मेवारी से पल्ला छुडा़ने की तैयारी में हैं। हालांकि इस मिल की बिक्री के समय इसे शर्त के साथ में निजी हाथों में सौंपा गया था। अब जब हरियाणा की मनोहरलाल सरकार फसल विविधिकरण के लिए धान को कम करने की अपील कर रही है, ऐसे में फतेहाबाद भूना क्षेत्र के लगभग 75 गांवों के किसान आज भी इसके चलने के इंतजार में हैं। दूसरी ओर इस मिल को खरीदने वाली पार्टी अब मिल चलाने की शर्त हटवाने के लिए कईं तरह की औपचारिकताएं करने में लगी हुई है।


भरोसेमंद उच्चपदस्थ सूत्रों का कहना है कि सरकार की ओर से इस शुगर मिल का मालिकाना हक वायर एंड सुंदर ग्रुप को सौंप दिया गया है। क्षेत्र के किसान समय समय पर इसे चलाने की गुहार सरकार और जिला प्रशासन से लगा रहे हैं लेकिन किसान शुगर मिल चलने की बाट जोहने वाले धरने प्रदर्शन के बाद में कोरे आश्वासनों के भरोसे बैठे हुए हैं। दूसरी तरह मालिकाना हक लेने वाली कंपनी कुछ और खेल में जुटी है। सूत्र बताते हैं कि चीन मिल चलाने की शर्त पर मिल खरीदने वाली निजी पार्टी अब इसका स्थायी इलाज करने के मूड में हैं। इसके लिए फाइल और लोग घूम रहे हैं। निजी मिल संचालक अब इस इलाके में किसी भी सूरत में शुगर मिल चलाने के मूड में नहीं है। जिसके लिए फाइल पर ग्राउंड तैयार की जा रही है। दूसरी तरफ भूना और फतेहाबाद क्षेत्र के 75 गांवों की पंचायतों ने लिखित में गन्ने की बुआई करने का प्रस्ताव हरियाणा के सरकारी अफसरों के पास लिखित में भेजा है। यहां पर बता दें कि लंबे अर्से से भूना शुगर मिल वाहेद एडं सुंदर ग्रुप को दी थी। पूर्व कांग्रेस सरकार के शासनकाल में इस मिल को इस शर्त के साथ ग्रुप को सौंपा गया था कि वह शुगर मिल को चलाएंगे ताकि क्षेत्र के गन्ना किसानों की फसल शुगर मिल में खरीद हो सके। शुगर मिल प्राइवेट हाथों में सौंपने से लेकर अब तक लगभग डेढ़ दशक का समय निकल गया है उसके बावजूद सरकार और किसानों के हाथ खाली हैं। पंजाब में शुगर मिलों का बड़ा कारोबार करने वाले इस ग्रुप में हरियाणा की भूना शुगर मिल को चलाने की बजाय आप इसकी बिक्री के लिए फाइल चला दी है।


भरोसेमंद उच्च पदस्थ सूत्र बताते हैं कि प्राइवेट पार्टी द्वारा प्रयास किया जा रहा है की लीपापोती कर यह बताया जा सके कि इस क्षेत्र में गन्ने का उत्पादन ही नहीं होता है, जिसके कारण मिल को चलाना बेहद ही मुश्किल बात है। तमाम आंकड़ों और किसानों के प्रस्तावों को दरकिनार करते हुए अब इस मिल को को संचालित नहीं करने और करोड़ों की कीमती जमीन का उपयोग अपने हिसाब से बिक्री करने के लिए ग्रुप के संचालकों ने प्रयास शुरू कर दिए। भूना शुगर मिल छेत्र के 7580 गांवों में आज भी लगभग 3000 हेक्टेयर में गन्ने की फसल पिछले सीजन में लगाई थी। खास बात यह है कि फतेहाबाद भूना क्षेत्र के गन्ने की खेती करने वाले किसान मजबूरी में अपनी गन्ने की फसल को महम और जींद शुगर मिलों में बेचने के लिए ले जाते हैं। इस काम में उनका समय और पैसा दोनों बर्बाद होते हैं, जबकि छोटे किसान अपने गन्ने को ठेकेदारों को जूस की बिक्री के लिए बेचते हैं। एक दौर में अपना अलग मुकाम हासिल करने वाली चीनी मिल आज अपने हाल में पर आंसू बहा रही है। खास बात यह है कि निजी ग्रुप के लोग फतेहाबाद जिले की गुना क्षेत्र की बेशकीमती जमीन को अपने हिसाब से इस्तेमाल करना चाहती है, उनकी मंशा है कि शुगर मिल नहीं चलाई जाए। इसके लिए वे तमाम तरह की औपचारिकताएं और फाइलों में लीपापोती वह जुगाड़ में जुटे हुए हैं।

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