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Tuesday, July 14, 2020

हरियाणा की राजनीति में बदल रहे समीकरण, दुष्‍यंत की भाजपा से नजदीकी खिलाएगी गुल

हरियाणा की राजनीति में बदल रहे समीकरण दुष्‍यंत की भाजपा से नजदीकी खिलाएगी गुल



हरियाणा। प्रदेश की राजनीति में पल-पल सियासी समीकरण बदल रहे हैं। सियासी गतिविधियों का केंद्र फिलहाल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली बनी हुई है। असल में अभी हरियाणा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद को लेकर पेंच फंसा हुआ है। कोरोना संकट के दौरान लागू रहे लॉकडाउन के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल 24 जून को दिल्ली आए थे,इसके बाद से हरियाणा भाजपा अध्यक्ष पद को लेकर नित्य प्रतिदिन नई सियासी हलचल हो रही हैं। हरियाणा के उपमुख्‍यमंत्री दुष्‍यंत चौटाला के भाजपा हाईकमान से नजदीकी बढ़ रही है और यह हरियाणा व भाजपा की सियासत में नया गुल खिला सकती है।

दुष्यंत के शाह से मिलने के नए सियासी संकेत


पिछले एक पखवाड़े के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भाजपा के शीर्ष नेताओं से दिल्ली में मिल चुके हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिल चुके हैं। उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला शाह और नड्डा से मिले हैं। इनकी मुलाकात को ऐसा भी नहीं कहा जा सकता कि सिर्फ सरकारी कामकाज की चर्चा हुई है आमतौर पर केंद्रीय नेताओं के साथ सरकारी चर्चा में राज्य के बड़े अधिकारी भी शामिल होते हैं। दोनों ही नेताओं ने अकेले ही ये मुलाकात की हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से सीएम ने शुक्रवार मुलाकात की थी। दुष्यंत ने रविवार शाम गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की।

दुष्यंत ने भी शाह के समक्ष अपनी राय रखी


सीएम मनोहर लाल के बाद दुष्यंत चौटाला की अमित शाह से मुलाकात के अलग ही मायने निकाले जा रहे हैं। असल में हरियाणा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद के लिए दिल्ली में भाजपा नेताओं की लॉबी पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहती है। इसका अंदाजा तब भी लग गया था कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शुक्रवार सुबह मिलने के बाद भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल शाम को गृहमंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के अचानक दिल्ली आकर अमित शाह से मिलने का अर्थ भी राजनीतिक गलियारों में यही निकाला जा रहा है कि मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री दोनों ही  कैप्टन अभिमन्यु को नहीं चाहते हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल कैप्टन अभिमन्यु से अलग दो नाम हाईकमान को दे चुके हैं मगर जब ऐसा लगा कि इन दोनों नामों पर कैप्टन ही भारी हैं तो उप मुख्यमंत्री दुष्यंत ने भी शाह के समक्ष अपनी राय रखी है। अध्यक्ष पद को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की एक सोच के कुछ और भी उदाहरण हैं। 24 जून को जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की तो दुष्यंत ने भी 27 जून को ही नड्डा से मुलाकात की।

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