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Thursday, July 30, 2020

चावल घोटाला: 8.13 करोड़ का चावल श्रीराम एग्रो फूड्स ने एफसीआई को नहीं दिया, गबन का केस दर्ज

चावल घोटाला: 8.13 करोड़ का चावल श्रीराम एग्रो फूड्स ने एफसीआई को नहीं दिया,गबन का केस दर्ज

यमुनानगर : एफसीआई को सप्लाई पहुंचाने का हैफेड से करार कर छछरौली के फतेहगढ़ की श्रीराम एग्रो फूड्स मिल द्वारा 8.13 करोड़ के चावल में हेराफेरी करने का मामला सामने आया है। तय समय 15 जुलाई तक मिल से एफसीआई को 28468.38 क्विंटल में सिर्फ 5796.68 क्विंटल चावल की ही आपूर्ति की गई। 22671.70 क्विंटल चावल नहीं दिया।
हैफेड के खरीदे चावल की बड़ी मात्रा में गबन के संदेह में कमेटी गठित कर मिल में फिजिकल वेरीफिकेशन की, जिसमें मिल में 30217.81 क्विंटल जीरी कम पाई गई। इस पर हैफेड के डीएम अनिल अहलावत ने बहादुरगढ़, जिला पटियाला निवासी मिल मालिक दिनेश कुमार पर गबन व धोखाधड़ी के आरोप में छछरौली थाने में केस दर्ज कराया है।

इस तरह से हैफेड के सामने आया मामला


हैफेड के डीएम अनिल अहलावत ने बताया कि 2019-20 के खरीफ सीजन में पहले 30 अप्रैल और फिर अवधि बढ़ने पर 15 जुलाई तक एफसीआई को मिलर से धान की सप्लाई होनी थी। इस दौरान 31 अक्टूबर 2019 को श्रीराम एग्रो फूड्स फतेहगढ़ ने पॉलिसी के तहत हैफेड से करार किया, जिसके तहत हैफेड से ली गई 42490.12 क्विंटल जीरी का चावल तय सीमा में एफसीआई को दिया जाना था, लेकिन 28468.38 क्विंटल में से मिल से सिर्फ 5796.68 क्विंटल चावल दिए जाने पर विभाग ने कमेटी बनाई और मिल में 25 जून को फिजिकल वेरिफिकेशन कराई। इसमें 30217.81 क्विंटल जीरी कम मिली।
जांच रिपोर्ट में कहा गया कि यह सब मिलर द्वारा जानबूझकर हैफेड के स्टॉक में गड़बड़ी कर गबन किया गया है। यही नहीं, चावल गबन के साथ हैफेड के 29449 जूट बैग, 662 लकड़ी के क्रेट व 74 तिरपाल भी मिल ने वापस नहीं दिए। अहलावत ने बताया कि इस तरह मिलर ने सरकार के आठ करोड़ 13 लाख 95 हजार 797 रुपए के चावल का गबन किया। हैफेड के डीएम अनिल अहलावत की शिकायत पर थाना छछरौली पुलिस ने बहादुरगढ़, पटियाला निवासी मिल मालिक दिनेश कुमार पर गबन व धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज किया है। अभी उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।

इधर, पानीपत में धान के बदले 1475 मीट्रिक टन चावल नहीं लाैटाने पर वर्धमान राइस मिल के मालिक रामभज जैन पर केस दर्ज

पानीपत | धान के बदले 1475 मीट्रिक टन चावल नहीं लौटाने पर श्री वर्धमान राइसमिल के मालिक रामभज जैन कानून के शिकंजे में फंस गए। हैफेड के डिस्ट्रिक मैनेजर किरपाल ने उनके खिलाफ मॉडल टाउन थाना में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया है। अब पुलिस मामले की जांच कर रही है।
29 सितंबर 2019 को हैफेड के साथ श्री वर्धमान राइस मिल के मालिक का एग्रीमेंट हुआ था कि धान के बदले 67 प्रतिशत चावल देना होगा। तब 15 अक्टूबर 2019 को डिस्ट्रिक मिलिंग कमेटी के चेयरमैन कम डीसी ने श्री वर्धमान राइसमिल को 5700 मीट्रिक टन धान अलॉट किया। तक राइसमिल ने विभिन्न मंडियों से 5066 मीट्रिक टन धान उठाया। इसके बदले 20 अप्रैल 2020 तक 3394 मीट्रिक टन चावल देना था। लेकिन राइस मिल ने ऐसा नहीं किया।
अब तक 1919 मीट्रिक टन ही चावल दिया, जबकि 1475 मीट्रिक टन चावल एफसीआई को नहीं दिया। इस बारे में मालिक को रिमाइंडर भेजे गए। इसके बाद मामला चेयरमैन के संज्ञान में लाया गया। तब उन्होंने 6 जुलाई को राइस मिल के मालिक के खिलाफ केस दर्ज कराने की अनुमति दे दी। इसके बाद मैनेजर किरपाल ने एसपी को शिकायत भेजी। इस पर राइस मिल के मालिक रामभज जैन के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया।

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