रेलवे के नाम जुड़ा नया कीर्तिमान विश्व की पहली डबल कंटेनर की इलेक्ट्रिक रेल लाइन टनल लगभग तैयार
हरियाणा। सोहना के पास तावडू के भूतलाका गांव की अरावली हिल्स की पहाड़ी के भीतर चट्टानों को काटकर एक किलोमीटर लंबी सुरंग से होकर गुजरने वाली विश्व की दोहरी कंटेनर की इलेक्ट्रिक रेल लाइन टनल लगभग बन कर तैयार है। विश्व की पहली डबल कंटेनर की इलेक्ट्रिक रेल लाइन बिछाकर भारतीय रेल ने नया इतिहास अपने नाम जोड़ लिया।
शुक्रवार को खोला गया टनल
शुक्रवार को रेलवे के आलाअधिकरियों की मौजूदगी में रोजका मेव तक बनी एक किलोमीटर लंबी रेल टनल को दोनों ओर खेल दिया गया। यह विश्व की सबसे ऊंची सुरंग होगी। इसकी ऊंचाई ११.७ मीटर तथा चौडाई १५ मीटर है। रोजका मेव पर बने १० मीटर ऊंचे ब्रिज का जोडने के लिए ही इस सुरंग की ऊंचाई ११ मीटर रखी गई है। यह सुरंग इतनी चौड़ी है कि के भीतर से डबल डेकर की दो माल गाडियां १०० किलोमीटर प्रति घंटा की रफतार से दौड़ सकेंगी।
बहुत ऊंची है सुरंग
ये सुरंग इतनी ऊंची है कि ऊपर ओवरहेड इलेक्ट्रिक इक्यूपमेंट लगे होने के बावजूद इसमें डबल डेकर फ्रेट ट्रेन रेक पर दौड़ सकेगी। यह रेल टनल वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर डब्लयू डी एफ सी का हिस्सा है। यह विश्व की पहली ऐसी टनल है,जिसमें मालगाड़ियाें के लिए दोहरी रेलवे लाइन बिछाई गई है। इस एक किलोमीटर बन रही इस सुरंग की फिनीसिंग का काम जोर-शोर से चल रहा है। पिछले डेढ़ साल पहले रेल टनल बनाने का काम शुरू किया गया था।
देश का पहला होगा फ्रेट कॉरिडोर
यह देश का पहला ऐसा कॉरिडोर होगा जिसमें डबल डेकर की दो माल गाडियां एक साथ दौड़ेंगी। रेल पटरी पर नेटवर्क पर लोड रहता था पहले देश में उसी पटरी पर यात्री रेल चलती थी जिस पर माल गाड़ी चलती थी। देश में दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बन रहे हैं दोनों को नोएडा के दादरी में लिंक किया जायेगा। एक का नाम वेस्टर्न डेडिकेटड फगेट कॉरिडोर जो नोएडा के दादरी से गुरूग्राम और गुजरात होते हुए मुबंई तक जायेगा। दूसरे का नाम ईस्टर्न डेडिकेटड फ्रेट कॉरिडोर है, जो पंजाब के लुधियाना से दादरी होते हुए कोलकता जायेगा। दोनों ओर काम चल रहा है। एक बरस का समय और लगेगा।
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