सौंदर्यीकरण:100 साल बाद शुरू हुआ लठियावाला जोहड़ का जीर्णोद्धार, 50 लाख किए जाएंगे खर्च
महम रोड स्थित लठियावाला जोहड़ की खुदाई शुरू करवाने के साथ-साथ कायाकल्प की तैयारी शुरू हो गई है। जोहड़ की खुदाई व अन्य कार्यों में पर करीब 50 लाख रुपये की राशि खर्ची जाएगी। फिलहाल जोहड़ की खुदाई व सौंदर्यीकरण का कार्य विधायक घनश्याम सर्राफ अपने निजी प्रयास से करवा रहे है। क्योंकि यह शहर व आसपास के इलाके के लोगों की ऐतिहासिक धरोहर भी है। इस दौरान विधायक घनश्याम सर्राफ ने जोहड़ से जुड़ी अनेक स्मृतियों को भी सांझा किया।
बुर्जियों के अलावा समतल हुआ लठिया वाला जोहड़ की खुदाई का कार्य शुरू करवाया गया है। जोहड़ में उगा पटेरा (घास) व कीचड़ को जेसीबी(बड़ी मशीन) से निकालना शुरू कर दिया है। ईंटों की बनी बुर्जियों के पास से खुदाई का कार्य लगभग पूरा होने वाला है। पटेरा को उखाड़ कर वहां पर जमी सिल्ट को भी निकालने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। साथ ही जोहड़ में जमा गंदे पानी की निकासी भी करवाई जा रही है। विधायक घनश्याम सर्राफ ने बताया कि जोहड़ की सफाई व सौंदर्यीकरण का कार्य का खर्च वे खुद वहन करेंगे। इस कार्य पर करीब 50 लाख रुपये का खर्च आने की संभावना है।
लठियावाले जोहड़ में किंवदंतियों के अनुसार करीब डेढ़ सौ साल पहले यहां पर तपस्या करने वाले महंत व एक अन्य व्यक्ति गंगाजी में स्नान करने के लिए गए थे। वहां पर उस व्यक्ति की लाठी गंगाजी में गिर गई। व्यक्ति ने लाठी निकालने के प्रयास किए लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाया। उस दौरान महंत ने कहा कि चलो भिवानी आपकी लाठी मिल जाएगी। किंवदंती के अनुसार जब वे यहां पर पहुंचे तो वही लाठी इस जोहड़ में तैरती हुई मिली। खैर, इस कहानी में कितनी सच्चाई है। वह तो नहीं कहा जा सकता लेकिन किंवदंतियों के अनुसार उसी दिन से उक्त जोहड़ का नाम लठियावाला पड़ गया और लोग इसी नाम से पुकारने लगे। इस जोहड़ की बुर्जी, खुदाई व भवन का निर्माण गांव लोहारी जाटू के सेठ किरोड़ीमल ने करवाया था।
जोहड़ की होगी बाउंड्री वाल व चारों तरफ बनेगी पगडंडी
लठियावाला जोहड़ की खुदाई करवाई जा रही है। जोहड़ की खुदाई के बाद चारों तरफ की बाउंड्री वाल भी करवाई जाएगी। इसके अलावा जोहड़ के चारों तरफ एक आठ फुट चौड़ी पगडंडी का निर्माण करवाया जाएगा। ताकि सुबह व शाम के वक्त बुजुर्ग व अन्य लोग घूम सके। विधायक ने बताया कि बाउंड्री व पगडंडी के बीच में छाया व फलदार पौधे लगाए जाएंगे ताकि गर्मी के मौसम में लोग बैठकर विश्राम कर सके। इनके अलावा फूलदार पौधे भी लगाए जाने की योजना है ताकि जोहड़ के आसपास हरियाली कायम रह सके।
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