2014 का मामला:जुर्माने को घूस बता माइनिंग अफसर को फंसाया था, अब विजिलेंस के पूर्व डीएसपी समेत चार पर केस
माइनिंग अफसर के बरी होने के बाद हुई कार्रवाई, कोर्ट ने माइनिंग अफसर को बरी कर दिए थे विजिलेंस जांच के आदेश
चंडीगढ़: स्टेट विजिलेंस ब्यूरो के हिसार कार्यालय में तैनान रहे डीएसपी फूल सिंह पर विजिलेंस ने रिटायर होने के बाद मामला दर्ज कराया है। तीन अन्य भी आरोपी बनाए गए हैं। मामला 2014 का है। आरोप है कि डीएसपी ने माइनिंग अफसर एएमई राजकुमार यादव की ओर से वसूली गई जुर्माने की राशि को रिश्वत बताकर मामला दर्ज कराया था। केस हिसार कोर्ट में पहुंचा तो माइनिंग अफसर बरी हुए। एफआईआर के अनुसार माइनिंग अफसर ने अवैध माइनिंग के आरोप में 3 जनवरी, 2014 को ट्रक-ट्रैक्टर पकड़े थे।
डीएसपी ने दबाव बनाकर ट्रक-ट्रैक्टर को उकलाना थाने से रिलीज करा दिया। जांच में सामने आया कि 3 जनवरी को डीएसपी ने ट्रक मालिक पाल सिंह के साथ 72 सेकंड तक बातचीत की। रेड के दिन सुरेश कुमार ने डीएसपी को सुबह 11 बजे रिश्वत लेने की शिकायत दी। इसके बाद एएमई को फंसाया गया।
जांच में मोबाइल की बातचीत व लोकेशन से सच आया सामने
डीएसपी सिंह की ओर से शाम 4:40 बजे का समय दिखाकर विजिलेंस कार्यालय हिसार में तहरीर दी गई। जांच में पता लगा कि उस वक्त उनकी और रेडिंग टीम की मोबाइल लोकेशन फतेहाबाद के टोहाना के पास थी।
डीएसपी व टीम ने शाम 6 बजे के बाद रेडिंग की कार्रवाई के तहत खुद को टोहाना में बताया था। जबकि उस वक्त डीएसपी व टीम की लोकेशन हिसार की थी। डीएसपी ने रेडिंग टीम में सिपाही सुनील को भी शामिल बताया, जोकि टीम का हिस्सा ही नहीं थे। विजिलेंस ब्यूरो के डीजी पीके अग्रवाल ने कहा कि पूर्व डीएसपी, शिकायकर्ता सुरेश, गवाह नायब सिंह व ट्रक मालिक पाल सिंह पर केस दर्ज किया गया है।
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