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Saturday, September 26, 2020

ड्रग्स इंस्पेक्टर व ड्रग्स कंट्रोल अफसर की भर्ती प्रक्रिया पर रोक हाई कोर्ट ने सरकार व हरियाणा लोक सेवा आयोग से मांगा जवाब

ड्रग्स इंस्पेक्टर व ड्रग्स कंट्रोल अफसर  की भर्ती प्रक्रिया पर रोक हाई कोर्ट ने सरकार व हरियाणा लोक  सेवा आयोग से मांगा जवाब

चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा में 26 ड्रग्स इंस्पेक्टर/ड्रग्स कंट्रोल अफसर की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने यह आदेश जिला पलवल निवासी कृष्ण कुमार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया। इसी के साथ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि शंकर झा पर आधारित बेंच ने हरियाणा सरकार व हरियाणा लोक सेवा आयोग को 4 नवंबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। मामले में याचिकाकर्ता के वकील केशव प्रताप सिंह ने बेंच को बताया कि हरियाणा में 26 ड्रग्स इंस्पेक्टर की भर्ती के लिए हरियाणा लोक सेवा आयोग ने 3 अक्टूबर 2019 को एक लिखित परीक्षा का आयोजन किया था। 12 दिसंबर 2019 को इस लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया गया। इसके बाद आयोग ने 3 जून 2020 को दूसरे स्तर का परिणाम घोषित कर सफल उम्मीदवारों को स्क्रीनिंग टेस्ट व दस्तावेजों की जांच के लिए बुलाया। याचिकाकर्ता को 7 जुलाई को आयोग की तरफ से एक पत्र मिलता है जिसमें कहा गया कि याची के पास अनुभव नहीं है, इसलिए उसका आवेदन अमान्य किया जाता है। इसके खिलाफ याची ने आयोग के सामने मांग पत्र देकर विरोध भी जताया लेकिन उसकी मांग स्वीकार नहीं की गई। हाई कोर्ट को बताया गया कि ड्रग्स इंस्पेक्टर/ड्रग्स कंट्रोल अफसर की भर्ती के लिए केंद्रीय सरकार के नियम के अनुसार केवल बी फार्मा की डिग्री जरूरी है। अगर ड्रग्स इंस्पेक्टर/ ड्रग्स कंट्रोल अफसर दवा उत्पादन की इंस्पेक्शन का काम करता है 18 माह का अनुभव जरूरी है, लेकिन हरियाणा सरकार ने केंद्रीय नियमों अनदेखा कर राज्य में ड्रग्स इंस्पेक्टर/ ड्रग्स कंट्रोल अफसर की भर्ती के लिए अनुभव को एक जरूरी योग्यता कर दिया जो केंद्रीय एक्ट के नियम 49 के खिलाफ है। याची ने 2013 में बी फार्मा व 2015 में एम फार्मा की डिग्री हासिल कर ली थी। याचिकाकर्ता के वकील की दलील सुनने के बाद चीफ जस्टिस पर आधारित बेंच ने इस भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए सभी प्रतिवादी पक्ष को नोटिस जारी कर जवाब देने का आदेश दिया।

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