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Sunday, September 27, 2020

जाट नेता यशपाल मलिक बोले:कृषि अध्यादेशों से किसान तो मरेगा ही मरेगा लेकिन खेती में जुटा मजदूर उनसे पहले मरेगा

जाट नेता यशपाल मलिक बोले:कृषि अध्यादेशों से किसान तो मरेगा ही मरेगा लेकिन खेती में जुटा मजदूर उनसे पहले मरेगा

उन्होंने कहा कि खेती में किसान के साथ-साथ मजदूर भी जुटा हुआ है, जब खेती ही नहीं रहेगी तो किसान के साथ-साथ मजदूर भी मरेगारोहतक : कृषि अध्यादेशों के विरोध में जाट आरक्षण संघर्ष समिति भी आ गई है। इस संबंध में बयान देते हुए जाट नेता यशपाल मलिक ने कहा कि कृषि अध्यादेशों से किसान तो मरेगा ही मरेगा। लेकिन खेती में जुटा मजदूर उससे पहले मरेगा, क्योंकि जब कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग से 200-200 एकड़ जमीन की खेती होगी तो मजदूरों से नहीं बल्कि मशीनों से काम लिया जाएगा। जाट नेता रोहतक के जसिया में जाट आरक्षण संघर्ष समिति की बैठक लेने पहुंचे थे।
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए यशपाल मलिक ने कहा कि जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने कृषि अध्यादेशों के विरोध में किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है। वे आगे भी किसान नेताओं को सहयोग करेंगे और उन्हें समझाने की कोशिश करेंगे कि किसानों के साथ-साथ मजदूर और छोटे व्यापारी को साथ लेकर यह लड़ाई लड़नी चाहिए।, वह भी खत्म हो जाएगा। बड़ी-बड़ी कंपनियां मशीनों से काम करेगी और मजदूर भुखमरी की कगार पर आ जाएगा। मलिक ने कहा कि उन्होंने जाट आरक्षण संघर्ष समिति के नेताओं को आदेश दे दिए हैं कि वे किसान नेताओं के बीच जाएं उनका समर्थन करें और उन्हें बताएं कि किस तरह सरकार उनके आंदोलन को कमजोर कर सकती है। ये आंदोलन एकजुट होकर ही लड़ा जा सकता है।
इसके अलावा बैठक में 24 नवंबर को छोटूराम जयंती मनाने को लेकर चर्चा हुई। मलिक ने कहा कि कोरोना की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखते हुए जयंती मनाई जाएगी। इसके अलावा सरकार द्वारा जाट आरक्षण से जुड़े किए गए वायदों पर भी चर्चा की गई।

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