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Monday, September 14, 2020

किसानों पर लाठीचार्ज:इनेलो नेता अभय चौटाला बोले- किसानों को लूटने का फार्मूला है कृषि अध्यादेश

किसानों पर लाठीचार्ज:इनेलो नेता अभय चौटाला बोले- किसानों को लूटने का फार्मूला है कृषि अध्यादेश

कृषि अध्यादेश को वापिस लेने का 10 दिन का अल्टीमेटम अभय चौटाला ने कांग्रेस पर भी साधा निशाना

कुरुक्षेत्र : कृषि अध्यादेशों का विरोध जता रहे किसानों पर लाठियां भांजने का मामला गरमाता जा रहा है। इनेलो ने केंद्र व प्रदेश सरकार को कृषि अध्यादेश वापस लेने का 10 दिन का अल्टीमेटम दिया है। 23 सितम्बर से इनेलो प्रदेश भर में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन की शुरूआत करेगी और प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेगी। प्रदर्शन में कांग्रेस को चिट्ठी लिखी जाएगी कि यदि वे किसान हितैषी हैं तो उनके साथ प्रदर्शन में शामिल हों। सभी किसान नेताओं के साथ निर्दलीय विधायकों को भी प्रदर्शन का आमंत्रण भेजा जाएगा। यह फैसले रविवार को झांसा रोड पर स्थित निजी पैलेस में इनेलो की प्रदेश कार्यकारिणी की प्रधान महासचिव अभय चौटाला की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिए गए।

अध्यादेश को बताया किसानों को लूटने का फार्मूला

इनेलो के प्रधान महासचिव तथा ऐलनाबाद से विधायक अभय चौटाला ने कहा कि कृषि अध्यादेश किसानों को लूटने का फार्मूला है। कांट्रेक्टिंग फार्मिंग से किसान बड़ी कंपनियों का बंधुआ मजदूर बनकर रह जाएगा। तीनों अध्यादेश किसान को कमजोर करने वाले हैं और सरकार का मकसद कृषि को बर्बाद करना है। क्योंकि जब कोरोना काल के दौरान उद्योग धंधे बंद थे तो कृषि से ही अर्थव्यवस्था का पहिया घूम रहा था। यदि किसान कृषि न करता थो अर्थव्यवस्था में 24 फीसद की बजाय 50 फीसद की गिरावट आती।

गठबंधन पर साधा निशाना

अभय चौटाला ने भाजपा की गठबंधन सरकार को लूट गिरोह करार देते हुए कहा कि किसानों को मंडियों में लूटा जा रहा है। मक्के का समर्थन मूल्य 1850 रुपये है, लेकिन वह 900 रुपये में बेचने पर मजबूर हो रहा है। कृषि अध्यादेशों में सी-2 का फार्मूला नहीं बल्कि ए-2 का फार्मूला लागू किया गया है।

अंगुली कटा कर शहीद होना चाहते हैं हुड्डा

अभय चौटाला ने कहा कि हुड्डा उंगली कटा कर शहीद होना चाहते हैं। हुड्डा को तीनों अध्यादेश के खिलाफ विधानसभा के सदन में काम रोको प्रस्ताव लाते। जो सदन तीन दिन का था वो घंटे में हुड्डा व कांग्रेस की मिलीभगत से समाप्त हो गया। उन्होंने 12 ध्यानकर्षण प्रस्ताव सदन के पटल पर रखे। जिसमें सबसे पहला कृषि अध्यादेशों के खिलाफ था।

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