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Thursday, October 8, 2020

पंजाब- हरियाणा हाईकोर्ट ने भूमि अधिग्रहण को लेकर अहम आदेश दिया, जानें

पंजाब- हरियाणा हाईकोर्ट ने भूमि अधिग्रहण को लेकर अहम आदेश दिया, जानें

चंडीगढ़ : भूमि अधिग्रहण को लेकर बेहद अहम आदेश जारी करते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट  ने यह स्पष्ट कर दिया कि सरकार यदि चाहे तो भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को रद कर सकती है लेकिन भूमि मालिकों को इसके लिए मांग पत्र देने का कोई अधिकार नहीं है।
विभिन्न याचिकाएं दाखिल करते हुए हाईकोर्ट से मांग की गई थी कि उनकी अधिगृहित की गई भूमि को डिनोटिफाई किया जाए। इन याचिकाओं पर लंबी सुनवाई के दौर के बाद अर्जियां दाखिल करते हुए याचिका वापिस लेने और सरकार को रिप्रेजेंटेशन देने की छूट मांगी गई। हाईकोर्ट ने कहा कि यदि सरकार ने भूमि का अधिग्रहण कर लिया है तो वह उस भूमि की मालिक हो जाती है और ऐसे मेंं भूमि का पूर्व मालिक या कोई और इसमेंं प्रवेश करे तो उसे घुसपैठ माना जाएगा।

अदालत ने कहा कि भूमि अधिग्रहण को लेकर एक्ट में 2018 में किए गए संशोधन में सरकार को यह अधिकार दिया गया है कि यदि अधिगृहित की गई भूमि जन कार्य के लिए अनुपयोगी लगे तो सरकार भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को डीनोटिफाई कर सकती है। हालांकि इससे भूमि मालिक को यह अधिकार नहीं मिलता है कि वह भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को डिनोटिफाई करने के लिए सरकार को मांगपत्र सौंप सके।
हाईकोर्ट ने कहा कि यदि भूमि मालिकों को ऐसी छूट दी गई तो बार-बार हाईकोर्ट मेंं याचिकाएं दाखिल होंगी और न्यायालय का समय बर्बाद होगा। उच्च न्यायालय ने कहा कि बहुत से मामलों में अदालत ने भूमि मालिकों को रिप्रेजेंटेशन देने की छूट देते हुए उनकी याचिका का निपटारा किया है लेकिन उनमें इसके लिए कारण स्पष्टï नहीं किया गया था। ऐसे में अब जस्टिस दया चौधरी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मामले को लेकर स्थिति स्पष्ट की है। 

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