हाई कोर्ट का हरियाणा सरकार को निर्देश, हलफनामा दायर कर शराब पर कोविड सेस लगाने के निर्णय पर जवाब रखे
चंडीगढ़ : शराब पर कोविड सेस लगाने के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई के दौरान हरियाणा के वरिष्ठ एडीशनल एडवोकेट जनरल ने हाई कोर्ट को बताया कि कोर्ट के आदेशानुसार कोविड सेस लगाने का पूरा मूल रिकार्ड कोर्ट में पेश कर दिया गया है। सरकार के इस जवाब पर हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि वो एक अतिरिक्त हलफनामा दायर कर कोविड सेस लगाने के निर्णय पर जवाब रखे। हलफनामा मूल रिकार्ड पर आधारित होना चाहिये।
कोर्ट ने सरकार को यह भी आदेश दिया कि वो यह हलफनामा 12 अक्टूबर से पहले दायर करे व इसकी एक कापी याचिकाकर्ता पक्ष को अग्रिम तौर दे। हाई कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि कोर्ट इस मामले में 26 अक्टूबर को फाइनल सुनवाई करेगा।
इस मामले में मैसर्स हरियाणा वाइंस ने अपनी याचिका में कहा कि सरकार द्वारा कोविड सेस (उपकर) लगाना अनुचित है। याचिकाकर्ता कंपनी ने हाई कोर्ट को बताया कि 2020-21 की एक्साइज पॉलिसी के तहत लगाई गई बोली के बाद उन्हेंं ठेके अलॉट हुए हैं। ठेके अलॉट किए जाते समय इस सेस का कोई जिक्र तक नहीं था, लेकिन सरकार ने छह मई को अपनी इस एक्साइज पालिसी में संशोधन कर कोविड सेस लगाए जाने का निर्णय कर लिया।
याचिकाकर्ता कंपनी का आरोप है कि जब पालिसी के तहत उन्हेंं पहले ही ठेके अलॉट हो चुके हैं और उनका सरकार से समझौता हो चुका है तो बाद में सरकार सिर्फ अपने स्तर पर पालिसी में बदलाव कैसे कर सकती है। याचिकाकर्ता कंपनी का आरोप है कि वह पॉलिसी के तहत पहले ही अपनी लाइसेंस फीस जमा करवा चुके हैं, जिसमें सभी टैक्स पहले ही शामिल हैं। ऐसे में अब इस कोविड सेस का उन पर अलग से बोझ डाला जा रहा है, यह सेस लगाना ही था तो इसे फर्स्ट प्वाइंट ऑन सेल यानी होलसेलर पर लगाना चाहिए जबकि सरकार ने यह सेस रिटेलर्स पर लगा दिया है और इस सेस को लगाए जाने के बाद एमआरपी भी नहीं बढ़ाया गया है।
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