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Friday, December 4, 2020

नगर निगम चुनाव: विधानसभा चुनाव में पंचकूला-अम्बाला में भाजपा ने जीती थीं शहरी सीटें, सोनीपत पर कांग्रेस का कब्जा,निगम चुनाव में दोनों पार्टियों में टक्कर

नगर निगम चुनाव: विधानसभा चुनाव में पंचकूला-अम्बाला में भाजपा ने जीती थीं शहरी सीटें, सोनीपत पर कांग्रेस का कब्जा,निगम चुनाव में दोनों पार्टियों में टक्कर

चंडीगढ :  तीन नगर निगमों की शहरी सरकार के चुनावों में इस बार मुकाबला भाजपा-कांग्रेस के बीच होगा। भाजपा के बाद कांग्रेस ने भी सिंबल पर लड़ने का फैसला लिया है। बरोदा उपचुनाव से उत्साहित कांग्रेस अब भाजपा से सीधे मुकाबले के लिए ताल ठोक दी है। विधानसभा की इन तीनों शहरी सीटों पर कांग्रेस-भाजपा आमने-सामने थी। पंचकूला को छोड़कर बाकी दोनों सीटों पर भाजपा-कांग्रेस के वोटों में काफी अंतर था।
अम्बाला में कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही थी। पंचकूला-अम्बाला से भाजपा जीती तो सोनीपत पर कांग्रेस का कब्जा रहा। जजपा-इनेलो की जमानत ही नहीं बची थी। करीब 15 साल में कांग्रेस ने भजनलाल के प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए पंचकूला नगर परिषद का अप्रत्यक्ष हुआ चुनाव सिंबल पर लड़ा था।

*तीनों शहरी सीटों पर विस में किसे कितने वोट मिले*
पंचकूला मे पिछला विधानसभा चुनाव 61537 मतों के साथ भाजपा ने जीता,जबकि दूसरे नंबर पर 55904 मतों के साथ कांग्रेस रही, इनेलो को 2342 व जजपा को नोटा से कम 676 वोट मिले थे।

अम्बाला मे भाजपा 64,896 वोट लेकर पहले नंबर पर थी, 20 हजार 91 वोटों के साथ कांग्रेस तीसरे और 5711 वोट लेकर जजपा चौथे नंबर पर रही। इनेलो लड़ा नहीं। यहां कांग्रेस-भाजपा में 34 हजार वोटों का अंतर था।

सोनीपत मे कांग्रेस ने 79,438 वोट लिए थे,दूसरे नंबर पर भाजपा को 46,560 वोट मिले थे,जबकि जजपा को 835 व इनेलो को नोटा से कम 549 वोट ही मिले थे।

*भाजपा ने किया होमवर्क पूरा,कांग्रेस का शुरू*
भाजपा सीनियर नेताओं को प्रभारी व सह प्रभारी बना चुकी है। प्रत्याशियों के नामों पर भाजपा होमवर्क कर चुकी है, जबकि कांग्रेस ने शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने अकेले सोनीपत के चुनाव की सलाहकार समिति में चार विधायकों शामिल किए हैं। इनमें विधायक जगबीर सिंह मलिक, सुरेंद्र पंवार, जयवीर वाल्मीकि, कुलदीप वत्स के अलावा पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा समेत अन्य शामिल हैं। इस कमेटी में कांग्रेस ने सोशल इंजीनियरिंग का फॉर्मूला अपनाया है। इधर, इनेलो के प्रदेशाध्यक्ष नफे सिंह राठी का कहना है कि रणनीति के लिए अभय चौटाला के साथ जल्द बातचीत होगी।

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