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Monday, January 18, 2021

भाकियू अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी पर लगे बड़े आरोप, संयुक्त किसान मोर्चा ने बातचीत कमेटी के किया बाहर

भाकियू अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी पर लगे बड़े आरोप, संयुक्त किसान मोर्चा ने बातचीत कमेटी के किया बाहर

नई दिल्ली : किसान आंदोलन के दौरान पहली बार संयुक्त मोर्चा की बैठक में किसानों में फूट नजर आई। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी की किसान आंदोलन में कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। दरअसल गुरनाम सिंह पर सियासी जोड़-तोड़ के बडे आरोप लगे हैं। इसको लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने चढूनी से दूरी बना ली है।

रविवार को मीटिंग में हरियाणा भाकियू के अध्यक्ष गुरनाम चढूनी पर आंदोलन को राजनीति का अड्डा बनाने, कांग्रेस समेत राज नेताओं को बुलाने व दिल्ली में सक्रिय हरियाणा के एक कांग्रेस नेता से आंदोलन के नाम पर करीब 10 करोड़ रुपए लेने के गंभीर आरोप लगे। आरोप था कि वह कांग्रेसी टिकट के बदले हरियाणा सरकार को गिराने की डील भी कर रहे हैं। चढू़नी ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है।

किसान नेता शिव कुमार कक्का

बैठक की अध्यक्षता कर रहे किसान नेता शिव कुमार कक्का ने बताया कि बैठक में मोर्चा के सदस्य उन्हें तुरंत मोर्चे से निकालना चाहते थे। लेकिन आरोपों की जांच को 5 सदस्यों की कमेटी बनाई गई जो 20 जनवरी को रिपोर्ट देगी। उसी आधार पर निर्णय लिया जाएगा।

संयुक्त किसान मोर्चा चढूनी के राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लेने से नाराज हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने भाकियू के प्रधान गुरनाम सिंह चढूनी पर कार्रवाई करते हुए किसान मोर्चा की कमेटी और केंद्र सरकार से बात करने वाली कमेटी से बाहर कर दिया।


गुरनाम सिंह चढूनी पर आरोप है कि वह कांग्रेस नेताओं के लगातार संपर्क में है और उनसे मुलाकात तय कर रहे हैं। गुरनाम सिंह की तरफ से 22 और 23 तारीख की एक किसान संसद का आयोजन किया गया है, जिसमें कृषि कानूनों के विरोध करने वाले कांग्रेस और आप समेत विपक्ष के पूर्व विधायकों सांसदों पूर्व सांसदों को बुलाया गया है। इस किसान संसद के लिए भी संयुक्त किसान मोर्चा से इजाजत नहीं ली गई है।

बताया जा रहा है कि कल भी दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में गुरनाम सिंह की तरफ से एक बैठक बुलाई गई थी, जिसमें कृषि कानूनों का विरोध करने वाले विपक्षी विधायकों पूर्व विधायकों, सांसदों पूर्व सांसदों को बुलाया गया था, इस कार्यक्रम की इजाजत भी से किसान मोर्चा से नहीं ली गई थी।

आपको बता दें कि इससे पहले गुरनाम सिंह चढूनी का राजनीतिक बैकग्राउंड रहा है। उनकी पत्नी बलविंदर कौर ने आम आदमी पार्टी से 2014 में कुरुक्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा था। इसके बाद 2019 में खुद गुरनाम सिंह चढूनी लाडवा से विधानसभा चुनाव निर्दलीय लड़ चुके हैं।

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