जींद में हेल्थ वर्करों में वैक्सीन को लेकर डर , नहीं लगवा रहे टीका ?
जींद : देश के अलग -अलग राज्यों के अलग -अलग जिलों में 16 जनवरी से वैक्सीनेशन शुरू हो गया है। बतादें कि हरियाणा का जींद जिला एक बार फिर से पीछे रह गया है। बताना लाजमी है कि हर जिले में एक वैक्सीनेशन सेंटर पर एक दिन में 100 लोगों को टीका लगना होता है ,लेकिन जींद जिले में पहले ही दिन हजारों कमिया सामने आ गई है। बतादें कि जींद जिले में पहले दिन 100 लोगों को टीका नहीं लग पाया। दरअसल जींद जिले के स्वस्थ कर्मचारियों में कोरोना वैक्सीन को लेकर भय भी सामने आ रहा है,जिसको लेकर आज टीका लगवाने के आदेश दिए गए है।
कोरोना महामारी से जंग लड़ने के लिए सोमवार को तीन बूथों पर 300 कर्मचारियों को वैक्सीन लगाई जाएगी। जिन कर्मचारियों को वैक्सीन लगनी हैं उनको रविवार को ही मैसेज भेज दिए गए। मैसेज में कर्मचारियों को वैक्सीन लगने स्थान व समय के बारे में अवगत करवाया गया है। सिविल सर्जन डा. मनजीत सिंह ने बताया कि वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है और घबराने की जरूरत नहीं है। पहले दिन के अभियान में जो कर्मचारी वैक्सीन लगवाने से वंचित रह गए हैं उनको दोबारा मौका दिया जाएगा।
नागरिक अस्पताल के एसएमओ डा. गोपाल गोयल ने कहा कि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने तीन ट्रायल करके वैक्सीन को बनाया गया है और यह पूरी तरह से सुरक्षित है। वैक्सीन से हल्का बुखार, सिरदर्द या बदन दर्द आदि हो सकता है। ऐसे मामूली लक्षण किसी भी वैक्सीन को लगाने पर हो सकते हैं, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। कोरोना महामारी से वैक्सीनेशन करके ही जीता जा सकता है। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वह वैक्सीनेशन के लिए आगे आएं। उन्होंने पहले दिन खुद ही वैक्सीन लगवाई है और उनके सिर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
हालांकि कोरोना वैक्सीनेशन के पहले चरण में जींद जिला प्रदेशभर में फिसड्डी रहने पर डीसी डा. आदित्य दहिया ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वैक्सीनेशन के दौरान सॉफ्टवेयर में कुछ कमियां रही और जिन हेल्थ वर्करों को शनिवार को वैक्सीन लगनी थी, उनके पास मैसेज नहीं पहुंच पाए। इसके अलावा नरवाना में पहली वैक्सीन लैब टेक्नीशियन सुल्तान को लगी थी और उसको चक्कर आ गए थे। इसके चलते दूसरे कर्मचारियों में वैक्सीन को लेकर भ्रांति फैल गई। इसके चलते वहां पर 100 हेल्थ वर्कर्स में से केवल 30 को वैक्सीन लग पाई। वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अलेवा में 30 आंगनबाड़ी वर्करों को वैक्सीन लगनी थी, लेकिन उन्होंने वैक्सीन लगवाने के बजाय वहां पर नारेबाजी कर दी।
आंगनबाड़ी वर्करों के विरोध के चलते दूसरे कर्मचारी भी वैक्सीन लगवाने से पीछे हट गए और वहां पर 100 में से 51 हेल्थ वर्करों ने ही वैक्सीन लगवाई। जबकि जिला मुख्यालय पर शुरुआत में को-विन एप में चलने में दिक्कत रही। जहां पर कुछ हेल्थ वर्करों ने गंभीर बीमारी व महिला कर्मचारियों ने गर्भवती बताकर वैक्सीन लगवाने से मना कर दिया। सेक्टर आठ में पॉली क्लीनिक में बनाए गए बूथ पर 100 में से 76 लोगों ने वैक्सीन लगाई गई। इसके चलते जींद जिले में केवल 52 फीसदी हेल्थ वर्करों को वैक्सीन लग पाई और जींद जिला वैक्सीन लगवाने के मामले में मेवात से भी पिछड़ गया। डीसी डा. आदित्य दहिया ने बताया कि वैक्सीनेशन के दौरान जो खामियां सामने आई है उनको दूर कर दी है। पहले चरण में जिले में 4900 के करीब हेल्थ वर्करों को वैक्सीन लगाई जाएगी।
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