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Sunday, May 9, 2021

कोरोना बचाव में कुप्रबंधन पर केंद्र व राज्य सरकार जिम्मेवार-परमिंद्र ढुल

कोरोना बचाव में कुप्रबंधन पर केंद्र व राज्य सरकार जिम्मेवार-परमिंद्र ढुल

जींद : ( संजय तिरँगाधारी ) जुलाना के पूर्व विधायक परमिंद्र सिंह ढुल ने कोरोना से लडऩे के लिए मेडिकल व्यवस्था प्रबंधन में खामियों के लिए केन्द्र व प्रदेश सरकार को जिम्म्मेदार ठहराया है। मेडिकल व्यवस्था के कुप्रबंधन पर सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि महामारी के समय में भी सरकार कोरोना के इलाज से जुड़ी वस्तुओं पर भारी भरकम टैक्स वसूल रही है। ऐसा होने से कोरोना का इलाज बेहद महंगा सिद्ध हो रहा है। शनिवार को जींद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए परमिंद्र सिंह ढुल ने कहा कि सरकार जहां कोविड की वैक्सीन पर 5त्न कर वसूल रही है, वहीं एम्बुलेंस खरीदने पर भी 28त्न जीएसटी ले रही है। इसी प्रकार अलग-अलग कीमत के मुताबिक पीपीई किट पर भी 5त्न और 12त्न जीएसटी वसूला जा रहा है। वहीं कोरोना टेस्ट किट पर 12त्न, मास्क पर 5त्न, वेंटिलेटर पर 12त्न और सैनिटाइजर पर 18त्न टैक्स वसूल किया जा रहा है। इसी प्रकार से ग्लव्स, इंफ्रारेड थर्मामीटर, निस्संक्रामक, टिशू पेपर, फेसशिल्ड, डिस्पोजेेबल बैग, आदि पर 5त्न से 28त्न तक टैक्स लगाया जा रहा है। उन्होंने कि जहां सरकार को टैक्स सरंचना में रियायत देकर कोरोना इलाज को सस्ता बनाना चाहिए था, वहां आज सरकार कोरोना से अपने खजाने भर रही है। अपने ही देश के नागरिकों के प्रति यह सरकार के असंवेदनशील होने की एक बड़ी निशानी है।
उन्होंने कहा कि जहां कोरोना की पहली लहर में देशभर के गरीब मजदूर व दिहाड़ीदार निशाना बने थे, उसी प्रकार अब दूसरी लहर में गरीब मजदूर के साथ साथ मध्यम वर्ग निशाने पर आ गया है। सरकार के व्यवस्था कुप्रबंधन की वजह से यह सब कुछ हो रहा है। दूसरी लहर से लडऩे के लिए सरकार को व्यापक मेडिकल प्रबंधन करने चाहिए थे, मगर सरकार की दिलचस्पी चुनावी नीति बुनने में लगी रही। जिस वक्त ऑक्सीजन तथा दवाओं का प्रबंधन करना चाहिए था, उस वक्त चुनावजीवी सरकार किसानों-मजदूरों को आतंकवादी कहकर देशभर में चुनाव भ्रमण करने में लगी हुई थी। उन्होंने कहा कि जब से वैक्सीन निर्माताओं ने निजी संस्थानों, केंद्र व राज्यों के लिए अलग-अलग कीमतें सार्वजनिक की हैं, तब से टीकाकरण अभियान धीमा हो गया है।

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