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Sunday, May 16, 2021

दुश् से दुष्यंत व मनोहर से मन दोनों हैं हरियाणा की जनता के दुश्मन-सुरजेवाला

दुश् से दुष्यंत व मनोहर से मन दोनों हैं हरियाणा की जनता के दुश्मन-सुरजेवाला

-कहा-किसान, मजदूर व आढ़ती के समस्या का हल नहीं तो छोड़ें गद्दी
जींद : ( संजय तिरँगाधारी )कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि किसान, मजदूर, आढ़ती व छोटे दुकानदार की समस्याओं का हल नहीं कर सकते तो सीएम मनोहर लाल को गद्दी छोड़ देनी चाहिए। उन्होंने गंभीरता से यह भी कहा कि 'दुष्यंत का दुश् व मनोहर का मन' दोनों ही हरियाणा की जनता के दुश्मन बने हैं। शनिवार को वे जींद में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए सुरजेवाला ने कहा कि किसान कितने दिनों से आंदोलनरत है और कोरोना का संकट है तो क्या देश के प्रधानमंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री को उनके बीच बातचीत कब लिए नहीं जाना चाहिए। कुसी भी मुद्दे का हल बातचीत से ही निकलता है। यदि किसान समस्या का हल नहीं कर सकते तो दोनों को गद्दी छोड़ देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी और खट्टर दोनों ही गरूर के साथ सत्ता संभाले हुए हैं। किसानों सहित कई मुद्दों पर प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस ने दोनों ही सरकारों को पत्र लिखे हैं, मगर सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि उसे विपक्ष की सलाह की जरूरत नहीं है।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कोरोना संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है, मगर सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। उन्होंने कहा कि आज हालात ऐसे बन गए हैं कि आपदा में अवसर नहीं, बल्कि आपदा में लूट का माहौल है। न रोटी है और न ही रोजगार बल्कि कोरोना का प्रसार ही है। हरियाणा में ऑक्सीजन नहीं है और जीवन रक्षक दवाओं का अभाव है। अस्पतालों में कोई प्रबंध नहीं है। सरकार लोगों को मरने के लिए उनके हाल पर छोड़ रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में ऑक्सीजन का संकट नहीं है, मगर इमरजेंसी है। दिल्ली में 85 हज़ार सक्रिय कोरोना मरीजों पर 700 मीट्रिक ऑक्सीजन आ गई, मगर हरियाणा में एक लाख सक्रिय कोरोना मरीजों पर मात्र 282 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मई है। हरियाणा सरकार यह बताए कि हरियाणा के हिस्से की ऑक्सीजन कहां गईं।
कोरोना संक्रमण में कोविड अस्पताल का लाइसेंस देने में भी रिश्वतखोरी की लूट मचाई हुई है। हरियाणा में वैक्सीन को लेकर लोग दर-दर की ठोकरें खाने को मज़बूर है। हरियाणा में 45 वर्ष से ऊपर 37 लाख लोगों को पहला टीका लगा, जबकि दूसरा टीका मात्र 8 लाख लोगों को ही लगा है। यदि 45 से ऊपर आयु के लिगों को ही बैक्सीन नहीं लग पाई तो इससे कम आयु के लोगों को कैसे लग पाएगी। उन्होंने कहा कि जीवनरक्षक दवाओं का भी टोटा है। इन्हें उपलब्ध कराने को लेकर चार-चार अधिकारियों का जिलों में पैनल बनाया गया है, जिसकी 4-4 दिन में बैठक होती है। तब तक मरीज दम तोड़ देता है। हालात ये हैं कि टिलासोन को प्रधानमंत्री और रेमडेसिविर को मुख्यमंत्री अलॉट करते हैं। इसके विपरीत प्रदेश में शराब की सप्लाई फुल है और दवाएं गुल हैं। उन्होंने दोहराया कि पिछले साल कोरोना काल मे एक करोड़ शराब की बोतलों के घोटाले को उजागर किया था, मगर सरकार ने उस घोटाले को दबा दिया गया। उन्होंने यह भी चुटकी ली कि अब ताई इन्द्रो कहाँ गई--वह भी कोरोना से ग्रस्त है। गांव व शहरों में शराब खुले आम बेची जा रही है।
पत्रकारवार्ता में प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी विवेक बंसल, ईश्वर नैन, पूर्व विधायक रामभज, राजू लखीना, वजीर ढांडा, नरेश भनवाला, संदीप सांगवान, रणदीप सहारन, वीरेंद्र जागलान, दिनेश मिन्नी, सुमेर पहलवान, अशोक मलिक, रणबीर पहलवान, लाजवंती ढिल्लो, रघुबीर भारद्वाज व धर्मपाल प्रधान आदि भी थे।
*-जिला प्रधानों की नियुक्ति करना प्राथमिकता-विवेक बंसल*
पत्रकारवार्ता में मौजूद हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी विवेक बंसल ने कहा कि जिलों के प्रधान मनोनीत करना कांग्रेस की प्राथमिकताओं में है। पहले उम्मीद थी कि ये नियुक्तियां अप्रैल के महीने में ही हो जानी थी। कल्पना नहीं कि गई थी कि कोरोना इतनी महामारी का रूप ले लेगा। कोरोना संकट से निपटते ही नियुक्तियां कर दी जाएगी।
उन्होंने केंद्र सरकार की यह कहकर आलोचना की कि सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के कारण ही कोरोना महामारी से निपटने के लिए प्रबंधों की को पीछे रखा। इसलिए महामारी ने देश मे विकराल रूप धारण कर लिया है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर केंद्र से कोरोना प्रबंधों की व्यवस्थाओं, आपातकालीन नियोजन, ऑक्सीजन की सप्लाई व दवाओ व अस्पतालों आदि के प्रबंध पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की बात करने वाले आज छोटे-छोटे देशों से ऑक्सीजन मांग रहे हैं। पिछले 70 सालों में जो देश की छवि विश्व मे बनी थी उसे धूमिल कर दिया गया है।

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