राम रहीम के अनुयायियों के लिए खुशखबरी, अब सुन सकेंगे राम रहीम की आवाज, जानिए कैसे ?
रेडियो जॉकी के लिए राम रहीम की शिक्षा, शौक व आवाज को ध्यान में रखा गया है। राम रहीम के पुराने अनुभव व भजन गाने के शौक को देखते हुए उसका चयन किया गया है। आपको बता दें कि इस समय जेल में 1016 विचाराधीन व 607 सजायाफ्ता कैदी हैं। जेल के भीतर ही एक स्टूडियो बनाया गया है। इसके साथ ही प्रमुख प्वाइंट व बैरक के पास स्पीकर लगाए गए हैं।
सुबह जेल खुलने के बाद इसे शुरू किया जाता है। कैदियों की ओर से अपने गाने व भजन की फरमाइश की जाती है। जिसे आने वाले समय पर उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाता है। यह सेवा गुरुवार से अधिकारिक रूप से चालू हो गई है।
बताया जा रहा है कि तीन माह से तिनका-तिनका फाउंडेशन की ओर से इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। महानिदेशक जेल के सेल्व राज की ओर से सेवानिवृत्त होने के एक दिन पहले इसे लांच किया गया है। उनका मानना है कि कोरोना काल में कैदी बहुत अवसाद में हैं। न मिलाई हो रही है और न ही बाहर की दुनिया की उनको कोई जानकारी है। टेलीविजन के अतिरिक्त उनके पास कोई सुविधा नहीं है। ऐसे में रेडियो उनके लिए बड़ा सहारा बन सकता है।
सुनारिया रोहतक जेल अधीक्षक, सुनील सांगवान ने कहा कि जेल में रेडियो सेवा शुरू हो गई। इसमें कैदियों की प्रतिभा को निखारने का मौका मिलेगा। जेल में 10 कैदियों को उनकी आवाज, शौक व शिक्षा के आधार पर रेडियो जॉकी बनने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अगली सूची में रेडियो जॉकी बनाने के लिए गुरमीत राम रहीम का नाम आया हुआ है। फाउंडेशन की ओर से जल्द ही प्रशिक्षित किया जाएगा।
तिनका-तिनका फाउंडेशन की संस्थापक डॉ. वर्तिका नंदा ने बताया कि जेल के भीतर रेडियो सेवा शुरू होने से कैदियों के अवसाद को खत्म करने के साथ ही उनकी प्रतिभा को निखारने का काम फाउंडेशन की ओर से किया जा रहा है। आने वाले समय में इस सेवा को कैदियों के हित में और बेहतर किया जाएगा।
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