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Wednesday, June 9, 2021

सरकार को प्राइवेट स्कूलों की सहायता के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा शीघ्र अति शीघ्र करनी चाहिए : डी.डी. विद्यार्थी

सरकार को प्राइवेट स्कूलों की सहायता के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा शीघ्र अति शीघ्र करनी चाहिए : डी.डी. विद्यार्थी
जींद : ( संजय कुमार ) सरकार को प्राइवेट स्कूलों की सहायता के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा शीघ्र अति शीघ्र करनी चाहिए क्योंकि लॉकडाउन के कारण फीस न आने से स्कूल बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं, लाखों अध्यापकों का वेतन दिया नहीं जा सका है जिससे रोजगार सहित होते हुए भी बेरोजगारी का अनुभव कर रहे हैं, यह मांग हरियाणा यूनाइटेड स्कूल एसोसिएशन के संरक्षक डॉ. धर्मदेव विद्यार्थी ने सरकार के सामने रखी है I  उन्होंने एक विज्ञप्ति जारी करके सरकार से अपील की है कि वह अनेक वर्गों की अनेक तरह की योजनाएं सहायता के रूप में घोषित कर रहे हैं, परंतु प्राइवेट स्कूलों की अनदेखी हो रही है I  प्राइवेट स्कूल के टीचर बिना किसी सहायता के मजदूरों से भी निम्न श्रेणी का जीवन जीने पर बाध्य हैं क्योंकि जिन स्कूलों में वह काम करते हैं वहां स्कूल मालिक स्कूलों के किस तरह ना देने के कारण आर्थिक तंगी के हाल में हैं अधिकतर स्कूलों ने बैंक से लोन लेकर स्कूल निर्माण किया है और बसें भी बैंक लोन से ही ले रखी हैं जिनकी किस्ते भी देनी पड़ती हैं I  दूसरी तरफ स्कूल बंद होने के बाद भी बिजली और पानी के बिल देने पड़ रहे हैं I  बसें चल नहीं रही हैं परंतु उनके ड्राइवर कंडक्टर नौकरी की आशा में बैठे हुए हैं I  सरकार को चाहिए की प्राइवेट स्कूलों के अध्यापकों और छोटे कर्मचारी सबका विश्लेषण करवाएं तथा उसके आधार पर स्कूलों को आर्थिक पैकेज देने की घोषणा करे I  इस समय स्कूल जहां आर्थिक तंगी के शिकार हो रहे हैं, वहां अभिभावकों का गुस्सा भी उन्हें झेलना पड़ रहा है क्योंकि अभिभावकों का तर्क है कि जब स्कूल ही नहीं खुल रहा तो हम फीस क्यों दें ? स्कूल चलाना या तो स्कूल मालिकों की जिम्मेवारी है या सरकार की जिम्मेदारी है।
डॉ. विद्यार्थी के अनुसार यदि सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया तो शिक्षा क्षेत्र अनेकों वर्ष पीछे चला जाएगा I  जिसका सीधा-सीधा असर समाज और विकास पर पड़ेगा I  उन्होंने अभिभावकों से भी अपील की है कि संकट की घड़ी में वे स्कूलों की मजबूरी समझें तथा मिलजुल कर कोई ऐसा रास्ता निकालें जिससे बच्चों की पढ़ाई में बाधा ना पड़े। इसके लिए सरकार को पहल करते हुए अपने कल्याणकारी छवि का परिचय देना चाहिए I  सरकार पहले कदम के रूप में स्कूलों के बिजली पानी के बिल माफ कर सकती है I  इसके पश्चात बैंकों के द्वारा दिया गया स्कूलों को लोन की किश्तें स्थगित की जा सकती हैं तथा टीचर्स और कर्मचारियों के लिए एक आर्थिक पैकेज की घोषणा कर सरकार को स्कूलों को राहत देनी चाहिए I

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