केंद्र सरकार की दिल्ली से हरियाणा में आंदोलन को शिफ्ट करवाने की चाल: राकेश टिकैत
जींद / उचाना : संयुक्त किसान मोर्चा सदस्य एवं किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली के बॉर्डरों पर चल रहे किसान आंदोलन को जींद के आस-पास शिफ्ट करवाना चाहती है। दिल्ली के बॉर्डरों पर चल रहा किसानों का धरना वहीं पर जारी रहेगा। जो केंद्र सरकार की चाल है उसको कामयाब नहीं होने देंगे। हम दिल्ली को किसी सूरत में नहीं छोड़ेंगे। हरियाणा में आंदोलन चल रहा है। टोलों के पास आंदोलन किसान धरना देकर चला रहे है जो जारी रहेगा लेकिन दिल्ली के बॉर्डरों पर जो धरने किसान आंदोलन के चल रहे है वो यहां शिफ्ट नहीं होने देंगे।
किसानों पर दर्ज मामलों पर टिकैत ने कहा कि ये ही चाल है। ये 10 हजार किसानों पर भी मामले दर्ज कर सकते है। हम आंदोलन का मूवमेंट यहां शिफ्ट नहीं करेंगे। आंदोलन यहां पर भी चलेगा और आंदोलन वहां पर भी चलेगा। आंदोलन दिल्ली से उठ कर यहां नहीं आएगा जो केंद्र सरकार की मंशा है। प्रदेश के सीएम मनोहर लाल कम से कम एक काम तो कर सकते है कि केंद्र सरकार को एक चिट्ठी तो भेज ही सकते कि हरियाणा की जनता की आवाज है जो तीनों कृषि कानून रद्द करवाना चाहती है।
टोहाना पुलिस द्वारा पकड़े गए किसानों को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि जो पकड़े गए वो हमारे ही बच्चे है वो विधायक के आवास का घेराव करने चले गए होंगे। सब आंदोलन का ही हिस्सा है वो हमारे है हम उन्हें समझाएंगे। 2022 में होने वाले यूपी के चुनाव पर टिकैत ने कहा कि कुछ माह पहले यूपी में चुनाव पंचायत के 3050 सीट पर थे इसमें से 642 सीटों पर बीजेपी जीती। जब इन्होंने कोई काम किया ही नहीं हारेंगे तो ही। गन्ने की उत्तर प्रदेश में मुख्य फसल है आज भी 23 हजार करोड़ रुपए बकाया है। 5 जून को पूरे देश में तीनों कृषि कानूनों को बने एक साल होने पर भाजपा एवं उनके सहयोगी दलों के सांसदों, विधायकों, मंत्रियों के आवास के बाहर प्रतियां तीनों कानूनों की किसान जला कर रोष प्रकट करेंगे। इस मौके पर सतबीर पहलवान, बिजेंद्र सिंधु, जयप्रकाश, हरिकेश मौजूद रहे।
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