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Friday, December 31, 2021

नई पीढ़ी के लिए चित्रकार रच रहे हैं इतिहास

नई पीढ़ी के लिए चित्रकार रच रहे हैं इतिहास: अद्वित्य गणनायक

12500 वर्ग फुट लंबे कैनवस को रंग रहे हैं देश के 250 चित्रकार
चंडीगढ : आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष में चितकारा विश्वविद्यालय चंडीगढ़ में 25 दिसंबर से लेकर 2 जनवरी तक कला महाकुंभ का आयोजन नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट एवं संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार व रक्षा मंत्रालय के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया जा रहा है। इस महाकुंभ में देशभर के 250 चित्रकार अपनी चित्रकारी से 12500 स्क्वेयर फुट के कैनवस पर आजादी के उन वीर क्रांतिकारी योद्धाओं व अनेक ऐसी घटनाएं जो आजादी के दौरान भारत में हुई और इतिहास में कहीं ना कहीं छूट गई उन घटनाओं व ऐसे क्रांतिकारियों का चित्रण नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट चितकारा विश्वविद्यालय में करवा रही है , ताकि हम उन घटनाओं में उन क्रांतिकारियों को जान सकें और समझ सकें। जिन्होंने भारत माता की बेड़ियां तोड़ने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे डाली। इस चित्रकला कार्यशाला में हरियाणा,पंजाब,चंडीगढ़, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, जम्मू- कश्मीर, महाराष्ट्र, उड़ीसा, तेलंगाना, हैदराबाद, राजस्थान, गुजरात के 250 चित्रकार अपनी कला साधना के माध्यम से उन वीर सपूतों को नमन कर रहे हैं। यह भारतीय कला के इतिहास में पहली बार ऐसा बड़ा आयोजन हो रहा है। जिसके उद्देश्य कला एवं कलाकार और भारत के अनेक वीर सपूतों की जीवन गाथा से लेकर अनेक घटनाओं को कैनवस व कलर के माध्यम से एक मंच पर लाकर खड़ा कर दिया है। जिस का दृश्य अद्भुत एवं स्मरणीय और मन को शांति देने वाला है। नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट के डायरेक्टर जनरल अद्वित्य गणनायक ने बताया कि यह सारे चित्र 26 जनवरी को राजपथ पर प्रदर्शित होंगे। जिन का अवलोकन देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे इस आयोजन में हरियाणा की टीम जींद से दीपक कौशिक,सुमित कुमार, अमित कुमार,विकास रोहिल्ला, नवीन मरीचि, मोहित बब्बर, प्रदीप कुमार, यशुदास अपनी कलाकृतियां बना रहे हैं।
 संस्कार भारती के प्रांत चित्रकला प्रमुख दीपक कौशिक ने बताया कि इसमें हरियाणा से जुड़ी अनेक घटनाओं संस्कृत व आध्यात्मिक धरोहर को बड़ी बखुबी से चित्रकार चित्रित कर रहे हैं। जिसमें हांसी की लाल सड़क, हर्षवर्धन का किला, कुरुक्षेत्र का ब्रह्मसरोवर, गीता का उपदेश, राव तुला राम व अनेक क्रांतिकारियों के चित्र बनाकर आने वाली पीढ़ियों के लिए कला के माध्यम से यह महाकुंभ इतिहास लिख रहा है। और जो कलाकार इस महाकुंभ में अपने चित्रों के माध्यम से रचनात्मक दृष्टिकोण के साथ चित्र बना रहे हैं। यह अपने आप में स्मरणीय है।
 नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट एडवाइजरी कमेटी के चेयरमैन हर्षवर्धन शर्मा ने बताया कि चित्रकार अपनी तूलिका के माध्यम से एक बार फिर इतिहास लिख रहे हैं यह आयोजन देशभर में कला कुंभ के नाम से चल रहे हैं ताकि देश की कोई भी ऐसी घटना ना छूटे और अनेक गुमशुदगी में खोए हुए उन क्रांतिवीरों को हम आने वाली पीढ़ी के लिए चित्रों के माध्यम से हमारे गौरवशाली इतिहास से परिचित करा सकें इस महाकुंभ का यही उद्देश्य है और देशभर के चित्रकारों द्वारा बनाई गई चित्रकारी अपने आप में एक विश्व रिकॉर्ड होगी साथ ही यह 75 किलोमीटर के कैनवस पर पेंटिंग बनाई जाएगी।

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