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Wednesday, March 30, 2022

किसानों को परेशान करने की एक और सरकारी साजिश : सैलजा

किसानों को परेशान करने की एक और सरकारी साजिश : सैलजा

- फसल खरीद में देरी करने का रच रहे षड्यंत्र
- रजिस्ट्रेशन किया हो, न किया हो, सभी का एक-एक दाना खरीदे सरकार
चंडीगढ़, 30 मार्च। हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि फसल खरीद शुरू होने से एकदम पहले प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने किसानों को परेशान करने की एक और सरकारी साजिश रचनी शुरू कर दी है। फसल का डेटा मिसमैच के बहाने प्रदेश सरकार मेहनत से तैयार फसल को खरीदने से बचना चाहती है और इसलिए ही यह सब षड्यंत्र रचा जा रहा है। कांग्रेस पार्टी प्रदेश सरकार से मांग करती है कि चाहे किसी किसान ने रजिस्ट्रेशन कराया हो या न कराया हो, उन सभी का एक-एक दाना खरीदने की जिम्मेदारी ली जाए।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि एक अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू होनी है और मंडियों में फसल आनी भी शुरू हो जाएगी। इसके लिए किसानों ने समय पर मेरा फसल, मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन भी करवा दिया था। लेकिन, प्रदेश सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। अब जब फसल खरीद का समय आ चुका है तो इस पोर्टल पर 3.79 लाख किसानों के डेटा के मिसमैच का बहाना बनाया जा रहा है।
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इतने महीने तक सरकार ने इस डेटा की जांच क्यों नहीं कराई? अगर इस डेटा की पहले ही जांच हो जाती तो ऐन वक्त पर किसानों के लिए इस तरह की दिक्कत खड़ी नहीं होती और वे आसानी से अपनी फसल को मंडी में लाकर बेच सकते थे। लेकिन, अब सरकार समय पर फसल की खरीद शुरू कर पाएगी, इसमें संदेह बना हुआ है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि तीन कृषि कानूनों का विरोध करने की वजह से किसान शुरू से ही सरकार के निशाने पर हैं। इसलिए उन्हें न तो गेहूं की फसल की बुआई के समय ही खाद मिल सका और न ही बाद में जरूरत पड़ने पर खाद का इंतजाम सरकार करवाई पाई। डीएपी व यूरिया के लिए किसानों को ठंड में खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ी और पुलिस की लाठी खा-खाकर खाद लेनी पड़ी। 
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इस बार गेहूं की फसल की बुआई के दौरान मौसम भी खेती के अनुकूल नहीं रहा। बार-बार हुई बारिश व ओलावृष्टि से फसल को बहुत अधिक नुकसान हुआ और प्रदेश सरकार ने आज तक किसी भी तरह का मुआवजा नहीं दिया। 

कुमारी सैलजा ने कहा कि मार्च में तेजी से तापमान बढ़ने के कारण इस बार गेहूं का उत्पादन प्रभावित होने का अंदेशा पहले ही कृषि वैज्ञानिक जता चुके हैं। ऐसे में किसान को उसकी मेहनत के मुुकाबले कम फसल ही मिलने वाली है। इसके बावजूद अब प्रदेश सरकार डेटा मिसमैच का बहाना बनाने लगी है। इससे सरकार की मंशा साफ झलक रही है। कांग्रेस पार्टी प्रदेश सरकार से मांग करती है कि किसानों की गेहूं की फसल का एक-एक दाना खरीदने का इंतजाम किया जाए।

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